FIU-IND ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाया 5.49 करोड़ रुपये का जुर्माना
यह जुर्माना पीएमएलए तथा इसके तहत जारी किये गए धन शोधन निवारण (अभिलेखों का रखरखाव) नियम, 2005 (पीएमएल नियम) एवं निदेशक FIU-IND द्वारा जारी दिशानिर्देश और परामर्श के अंतर्गत अपने दायित्वों के उल्लंघन के संदर्भ में पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाया गया है.
वित्तीय खुफिया इकाई-भारत (FIU-IND) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 13(2)(डी) के तहत निदेशक FIU-IND को प्रदत्त शक्तियों को आगे बढ़ाते हुए पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर 5.49 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना पीएमएलए तथा इसके तहत जारी किये गए धन शोधन निवारण (अभिलेखों का रखरखाव) नियम, 2005 (पीएमएल नियम) एवं निदेशक FIU-IND द्वारा जारी दिशानिर्देश और परामर्श के अंतर्गत अपने दायित्वों के उल्लंघन के संदर्भ में पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड पर लगाया गया है.
FIU-IND ने ऑनलाइन जुए के आयोजन और इसके लिए सुविधा प्रदान करने सहित कई अवैध कार्यों में लिप्त कुछ संस्थाओं और उनके व्यवसायों के नेटवर्क के संबंध में कानून प्रवर्तन एजेंसियों से विशिष्ट जानकारी प्राप्त करने पर पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड की समीक्षा शुरू की. इसके अलावा, इन अवैध कामों से उत्पन्न धन, यानि अपराध की आय को इन संस्थाओं द्वारा पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के साथ संचालित बैंक खातों के माध्यम से भेजा गया था.
उपरोक्त को आगे बढ़ाने और रिकॉर्ड पर उपलब्ध दस्तावेजों की जांच करने पर, FIU-IND ने (i) नियम 7(3) और 2(1)(जी), पीएमएल नियमों के उल्लंघन; (ii) नियम 3(1)(डी) और नियम 2(1)(जी) के साथ पठित नियम 8(2) का उल्लंघन; (iii) पीएमएल नियम 9(12) का उल्लंघन; और (iv) पेआउट सेवाओं के संबंध में एएमएल/सीएफटी/केवाईसी सुरक्षा उपायों के संदर्भ में नियम 9(14) का उल्लंघन और लाभार्थी खातों के संबंध में एएमएल/सीएफटी/केवाईसी के उल्लंघन के लिए बैंक को एक अनुपालन कारण बताओ नोटिस जारी किया.
पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के लिखित और मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद तथा रिकॉर्ड पर उपलब्ध भारी मात्रा में दस्तावेजों/सामग्री के आधार पर, FIU-IND के निदेशक ने पाया कि पेटीएम के खिलाफ आरोप प्रमाणित थे. परिणामस्वरूप, पीएमएलए की धारा 13 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए 1 मार्च, 2024 के आदेश के तहत, 5,49,00,000 रुपये का जुर्माना लगाना उचित माना गया.