PhonePe में 12 अरब रुपये निवेश करने की तैयारी में Flipkart के को-फाउंडर बिन्नी बंसल
PhonePe ने पहले ही 12 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर इस मौजूदा फंडिंग राउंड में प्रमुख निजी निवेशकों जनरल अटलांटिक General Atlantic, टाइगर ग्लोबल Tiger Global Management, Ribbit Capital आदि से प्राइमरी कैपिटल में लगभग 37 अरब रुपये जुटाए हैं.
फ्लिपकार्ट
के को-फाउंडर बिन्नी बंसल (Binny Bansal) डिजिटल पेमेंट कंपनी फोनपे में सबसे बड़े व्यक्तिगत निवेशक बनने की तैयारी में हैं. वह फोनपे की मौजूदा फंडिंग राउंड में 8 अरब से 12 अरब रुपये (100-150 मिलियन डॉलर) निवेश करने वाले हैं. इकॉनमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है.बिन्नी से पहले फ्लिपकार्ट के दूसरे को-फाउंडर सचिन बंसल ने साल 2018 में ओला
में व्यक्तिगत तौर पर 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया था.एक सूत्र ने कहा कि वह (बिन्नी बंसल) कितना निवेश कर रहे हैं, यह अभी तय नहीं है. बातचीत जारी है और जल्द ही डील होने की संभावना है.
PhonePe ने पहले ही 12 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर इस मौजूदा फंडिंग राउंड में प्रमुख निजी निवेशकों जनरल अटलांटिक
, टाइगर ग्लोबल , आदि से प्राइमरी कैपिटल में लगभग 37 अरब रुपये जुटाए हैं.बता दें कि, फोनपे ने एक नया ओनरशिप स्ट्रक्चर तैयार किया है और ऐसी उम्मीद है कि फ्लिपकार्ट के कुछ मौजूदा शेयरहोल्डर उसमें नई हिस्सेदारी खरीदेंगे. इसमें बिन्नी बंसल, टाइगर ग्लोबल, चीन के टेनसेंट
, कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और माइक्रोसॉफ्ट जैसे शेयरहोल्डर शामिल हैं.अमेरिकी खुदरा कंपनी वॉलमार्ट
ने 2018 में फोनपे का स्वामित्व हासिल किया था. करीब 70 फीसदी हिस्सेदारी के साथ वॉलमार्ट PhonePe में सबसे बड़ा निवेशक बना हुआ है.बता दें कि, फोनपे भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर प्रमुख ऑनलाइन पेमेंट्स ऐप में से एक है. वालमार्ट इंटरनेशनल के प्रेसिडेंट और सीईओ जूडिथ मैकेन ने पिछले महीने कहा था कि फोनपे हर महीने 4 अरब ट्रांजैक्शन करता है. साल 2022 के अंत में इसके माध्यम से की जाने वाली पेमेंट का कुल आकार 779 खरब रुपये तक पहुंच गया था.
यूपीआई नेटवर्क पर फोनपे की प्रतिस्पर्धा गूगल पे, पेटीएम
, अमेजन पे और व्हाट्सऐप पे जैसी डिजिटल पेमेंट कंपनियों से है. PhonePe ने कहा है कि पिछले साल दिसंबर में मूल्य के आधार पर UPI लेनदेन की 50.2 फीसदी बाजार हिस्सेदारी पर उसका कब्जा था.मीडिया में ऐसी भी खबरें हैं कि फोनपे तत्काल खरीदने और बाद में भुगतान की सुविधा देने स्टार्टअप जेस्टमनी
को खरीदने की तैयारी में है और इसकी बातचीत अंतिम चरण में है.बता दें कि, फोनपे की शुरुआत फ्लिपकार्ट छोड़कर आए तीन कर्मचारियों ने मिलकर की थी. 2015 में फोनपे को फाउंडर समीर निगम और राहुल चारी और कोफाउंडर बुर्जिन इंजीनियर ने मिलकर शुरू किया था.
जब कंपनी ने सफलता की उड़ान भरी तो उसके ठीक एक साल बाद साल 2016 में इसे खुद फ्लिपकार्ट ने खरीद लिया. फोनपे में फ्लिपकार्ट की 87 फीसदी हिस्सेदारी थी. इस अधिग्रहण में बिन्नी बंसल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
अक्टूबर 2022 में, फिनटेक फर्म ने अपना कारोबार भारत में स्थानांतरित कर दिया. पिछले साल दिसंबर में ही फ्लिपकार्ट और फोनपे ने अलग होने की प्रक्रिया पूरी कर ली लेकिन बिन्नी कंपनी के बोर्ड में बने रहे.
Edited by Vishal Jaiswal