किचन से शुरू हुए फूड स्टार्टअप्स बदल रहे पूरे ज़माने का ज़ायका
"वह लखनऊ में ड्रोन से चाय पहुंचा रहा स्टार्टअप 'टेकईगल इनोवेशंस' हो या दिल्ली, गुड़गांव, गाजियाबाद में अभिलाषा जैन का तड़का ज़ायका, वह प्रसून-अंकुश का स्टार्टअप 'सात्विको' हो या शौरवी-मेघना का 'स्लर्प फार्म', ये छोटे-छोटे घरेलू किस्म के स्टार्टअप भारत के महानगरों में जैसे चारों तरफ क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं।"
राजस्थानी अभिलाषा जैन के किचन से शुरू स्टार्टअप गुड़गांव, दिल्ली और गाजियाबाद में फूड की डिलीवरी कर रहा है। आईआईटी कानपुर के ग्रेजुएट विक्रम सिंह मीणा का स्टार्टअप लखनऊ में ड्रोन से चाय पहुंचा रहा है। रेनडाउन फूड स्टार्टअप ने वेजीज आहार नाम से नया खाद्य उत्पाद लॉन्च किया है। वह प्रसून गुप्ता, अंकुश शर्मा का स्टार्टअप सात्विको हो या शौरवी मलिक और मेघना का स्लर्प फार्म, नज़र उठाकर देखिए जरा, नए जमाने के खान-पान में ये छोटी-छोटी घरेलू किस्म की कंपनियां तो जैसे चारो तरफ क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं। बाकी तो, ऑनलाइन खाना मंगाने के लिए गूगल ने सर्च, मैप, असिस्टेंस की सुविधा दे ही रखी है।
अभिलाषा जैन को राजस्थानी किचन में महारत है। पॉपुलेरिटी इतनी ज्यादा है कि उनके ग्राहकों के लिए हर वीकेंड्स त्योहार जैसा हो जाता है। चारो तरफ से ऑर्डर बरसने लगते हैं। अभिलाषा का खास ध्यान स्वाद पर रहता है। वह बताती हैं कि जब उनकी उम्र की ज्यादा लड़कियां खेलने में बिजी दिखा करती थीं, उन्हे मां और दादी को तरह तरह के व्यंजन बनाते देख किचन में मजा आता था। छौंक लगते ही चारो तरफ फैलती मसालों की खुशबू उन्हे दीवानगी की हद तक बेसुध सी कर देती थी। वही तड़का उनके घरेलू स्टार्टअप में हर कुकिंग स्टाइल का पहला फॉर्मूला बना। वैसे फूड आइटम्स अनोखे अंदाज में पेश करने की भी उनकी अलग स्टाइल होती है। स्टार्टअप की शुरुआत में उनको सोशल मीडिया पर ऐड देने पड़े। फिर एक-एक कर ऑर्डर मिलते गए और काम-काज कंपनी जैसा हो चला। आज हालात ये हैं कि वह गुड़गांव से गाजियाबाद तक फूड डिलीवरी कर रही हैं।
'रेनडाउन' फूड स्टार्टअप ने वेजीज आहार नाम से नया खाद्य उत्पाद लॉन्च किया है। वेजीज आहार नई पीढ़ी का फूड टिफिन है, जो ग्राहकों को भोजन विकल्प देता है। वेजीज के संस्थापक अश्विनी जैन बताते हैं कि अधिकांश छात्र और पेशेवर कर्मचारी भोजन की गुणवत्ता और स्वाद के लिए लड़ते हैं। इसलिए उनका स्टार्टअप ग्राहकों के स्वाद का ध्यान रखकर भोजन का विकल्प और ग्राहकों को डिलीवरी सुविधा दे रहा है।
पिछले साल मई से लखनऊ का 'टेकईगल इनोवेशंस' स्टार्टअप ड्रोन से चाय पहुंचा रहा है, जिसे आर्इआर्इटी कानपुर से ग्रेजुएट विक्रम सिंह मीणा चला रहे हैं। बैटरी चालित, जीपीएस से लैस ड्रोन की मदद से पहली बार दो लीटर चाय पहुंचाकर यूपी की राजधानी में टेकईगल के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई। यह खास डिजाइन वाला ड्रोन दस 10 किलो मीटर के दायरे में लखनवी चाय की चुस्कियां गुलजार कर रहा है। इस स्टार्टअप का टारगेट पूरा उत्तरी भारत है।
शौरवी मलिक और मेघना नारायण के 'स्लर्प फार्म' स्टार्टअप की उम्र तीन साल हो चुकी है। शुरुआत उन्होंने तरह-तरह के अनाज पर रिसर्च और होमवर्क के बाद की। खाना-नाश्ते के दौरान ही उन्हे एक दोस्त के हाथों तैयार रागी और चॉकलेट के कूकीज से नए ज़माने के पौष्टिक और ट्रेंडी भांति-भांति के जायकों का पता चला। अपने स्टार्टअप का पहला प्रयोग उन्होंने घर के किचन से किया। अब उनके ट्रेडिशनल रेसिपी वाले स्टार्टअप प्रॉडक्ट्स ब्रांड बन चुके हैं। मसलन, क्रंची और टेस्टी पफ, रागी, लाल चावल, ओट, उड़द दाल और सूजी से बने 178 रुपए के दोसा, 267 रुपए वाला कॉम्बो, 298 रुपए के पैनकेक्स। मलिक और नारायण का हर प्रॉडक्ट फैट और शुगर मुक्त। इसलिए हर उम्र के लिए ये डिमांडेबल हो चुके हैं।
सात समुंदर पार तक नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि दुनिया में आज 'वीगन' लाइफ़ स्टाइल जीने का अपना ट्रेंड फैला रही है। इससे जुड़े व्यक्ति के खाने की प्लेट में मीट, मुर्गा, मछली, दुग्ध पदार्थ, अंडे और शहद कुछ नहीं होता लेकिन वीगन होना सिर्फ़ खाने से ही जुड़ा नहीं है। इसका दायरा गहनों और कपड़ों तक पहुंच चुका है। वीगन लोग लेदर, ऊन और मोती भी नहीं पहनते हैं।
फ्रांस में एक वीगन प्रदर्शन के दौरान संदेश दिया गया कि जानवर खाने की चीज़ नहीं हैं लेकिन भारतीय तो पुरखों के ज़माने से शाकाहार में गहरा विश्वास रखते हैं। तभी तो बीस लाख रुपए के निवेश से मात्र डेढ़ साल में 18 करोड़ रुपए कमा चुके प्रसून गुप्ता और अंकुश शर्मा का स्टार्टअप 'सात्विको' आज हेल्दी पैकेज्ड फूड कंपनी का आकार ले चुका है। 'सात्विको' खाखरा, मखाने, गुण- चना और अलसी जैसे सात प्रकार के हेल्दी स्नैक्स मार्केट में उतारकर लॉर्ज स्केल पर कारोबार फैलाने के लिए एक मिलियन डॉलर की प्री सीरिज ए-फंडिंग से 30 करोड़ रुपए के टारगेट पर नजरें गड़ाए हुए हैं।