[फंडिंग अलर्ट] फिनटेक स्टार्टअप एड्वान्ज सीकोया इंडिया के नेतृत्व में सिरीज़ ए में जुटाया 5 मिलियन डॉलर का निवेश
मुंबई स्थित इस स्मार्ट शिक्षा और कौशल विकास ऋणदाता का लक्ष्य अगले दो वर्षों में 400-500 करोड़ रुपये के ऋण का वितरण करना है।
नए युग का डिजिटल वित्त एनबीएफसी एड्वान्ज़, जो सस्ते और सुविधाजनक शिक्षा ऋण प्रदान करने का दावा करता है, उसने सिकोया इंडिया के नेतृत्व में सीरीज ए फंडिंग में 5 मिलियन डॉलर का निवेश जुटाया है। मौजूदा निवेशकों ने भी इस दौर में भाग लिया है।
फंड का उपयोग मुंबई स्थित ऋणदाता द्वारा ऋण चक्र का समर्थन करने के लिए सुरक्षित, स्केलेबल, इनोवेटिव और फुर्तीली तकनीकों के साथ एक सहज उधारकर्ता अनुभव के निर्माण की दिशा में किया जाएगा। इसमें नए क्रेडिट उत्पाद और एआई-आधारित जोखिम प्रबंधन शामिल हैं। भारत में टियर-II और III शहरों के विस्तार के लिए भी धनराशि का उपयोग किया जाएगा।
एड्वान्ज़ के सीईओ वरुण चोपड़ा ने कहा,
"हम सीधे भारतीय उद्योग के विकास के साथ-साथ राष्ट्र-निर्माण से जुड़ी समस्याओं को हल कर रहे हैं। अगले दशक में, हमारे देश को नई तकनीकों और नए कौशल में प्रशिक्षित कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होगी। 2022 तक हमें 700 मिलियन कुशल श्रमिकों की आवश्यकता है। हालांकि कुल कार्यबल का केवल 10 प्रतिशत किसी भी औपचारिक कौशल प्रशिक्षण को प्राप्त करता है। नवीन छात्र-केंद्रित ऋण समाधानों को जोड़कर अत्याधुनिक डिजिटल उधार प्रौद्योगिकी के साथ एड्वानज़ कॉलेजों विश्वविद्यालयों, प्रमाणन भागीदारों, संस्थानों में शिक्षार्थियों के लिए उच्च नामांकन को सक्षम कर रहा है।”
एड्वान्ज़ की स्थापना 2016 में वरुण चोपड़ा और रहेल शाह द्वारा की गई थी, जिन्होंने छात्रों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने के लिए संस्थानों और कॉलेजों में अपने सपनों के करियर को चुनने के लिए ऋण उपलब्ध कराने का मिशन निर्धारित किया है। यह एक नए जमाने की तकनीक है जिसके तहत एनबीएफसी ने स्किलिंग के साथ-साथ स्कूल फीस के लिए ऋण पर ध्यान केंद्रित किया है। स्टार्टअप ने कहा कि यह ऋण मूल्यांकन और एंड-टू-एंड ऋण प्रक्रियाओं को तेज, सरल और अधिक कुशल बनाने के लिए ऋण उद्योग में ग्राहकों की सफलता में सुधार करने के लिए तकनीकी समाधान का लाभ उठाता है।
आशीष अग्रवाल, प्रिंसिपल, सिकोइया कैपिटल इंडिया ने कहा,
'भारत में शिक्षा के लिए बड़े पैमाने पर क्रेडिट की जरूरत है। एड्वान्ज़ असाधारण ऋण गुणवत्ता के साथ एक विभेदित उधार व्यवसाय का निर्माण करके इसे पूरा कर रहा है। उनका भविष्य रोजगार-आधारित हामीदारी दृष्टिकोण शिक्षा और कौशल को विविध रेंज के करियर को गति देने के लिए अधिक सुलभ बना देगा। इसके बाद COVID-19 अर्थव्यवस्था में और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगा, जिसने कौशल विकास और बचत की तत्काल आवश्यकता पैदा कर दी है क्योंकि व्यवसायों को बड़े पैमाने पर डिजिटल परिवर्तनों से गुजरना पड़ रहा है।”
एड्वान्ज़ एक पूरी तरह से डिजिटाइज्ड एंड-टू-एंड प्लेटफॉर्म के माध्यम से शिक्षण संस्थानों के साथ मिलकर शून्य ऋण से शुरू होने वाले ऋण तक पहुंच प्रदान करता है। इसके ग्राहकों में वेतनभोगी/स्व-नियोजित व्यक्ति शामिल हैं जो अपस्किल/ क्रॉस-स्किल की तलाश कर रहे हैं। इसमें कौशल प्रमाणपत्र की तलाश कर रहे छात्र और के -12 सेगमेंट में स्कूल, कोचिंग और टेस्ट तैयारी के लिए लचीले शुल्क भुगतान समाधान की तलाश करने वाले माता-पिता शामिल हैं।
कंपनी का लक्ष्य अगले दो वर्षों में 400-500 करोड़ रुपये का ऋण बांटना है। 2016 से यह 10,000 से अधिक उधारकर्ताओं को सक्षम करने व शून्य प्रतिशत क्रेडिट घाटे के साथ ऋण में 150 करोड़ रुपये से अधिक की तैनाती का दावा करता है। अब तक एड्वान्ज़ ने 240+ शहरों में 25+ कौशल उद्योगों को कवर करने वाले 300+ संस्थान भागीदारी वाले कौशल की चाह रखने वाले युवाओं की मदद की है।