[फंडिंग अलर्ट] स्पेसटेक स्टार्टअप Agnikul Cosmos ने सीरीज ए राउंड में जुटाए 11 मिलियन डॉलर
Agnikul Cosmos अपनी टीम का विस्तार करने और अपनी टेक्नोलॉजी और इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए फंडिंग का उपयोग करेगा। यह स्टार्टअप अगले साल की दूसरी छमाही में अपना पहला मिशन शुरू करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
रविकांत पारीक
Thursday May 20, 2021 , 3 min Read
चेन्नई स्थित स्पेसटेक स्टार्टअप
Cosmos ने Mayfield India के नेतृत्व में अपने सीरीज ए फंडिंग राउंड में 11 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। pi Ventures, Speciale Invest और Artha Venture Fund सहित इसके मौजूदा निवेशकों ने भी राउंड में भाग लिया।इसके अलावा, राउंड में BEENEXT, Globevestor, LionRock Capital, और आनंद महिंद्रा, नवल रविकांत, बालाजी श्रीनिवासन, नितिन कामथ, अभिषेक सिंघानिया, आरती रामामूर्ति, और श्रीराम कृष्णन, Anicut Angel Fund, और LetsVenture सहित एंजेल निवेशकों के एक समूह ने भाग लिया।
एक आधिकारिक बयान में, IIT-मद्रास इनक्यूबेटेड स्टार्टअप ने खुलासा किया कि फंडिंग के बाद, Mayfield India के मैनेजिंग पार्टनर विक्रम गोडसे Agnikul Cosmos के बोर्ड में शामिल होंगे।
YourStory के साथ बात करते हुए, Agnikul के को-फाउंडर और सीईओ श्रीनाथ रविचंद्रन ने बताया कि फंडिंग का उपयोग मुख्य रूप से अपनी टीम के विस्तार और इसकी टेक्नोलॉजी और इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
Mayfield India के मैनेजिंग पार्टनर विक्रम गोडसे ने एक बयान में कहा, “Agnikul स्मॉल सैटेलाइट मार्केट के लिए अंतरिक्ष तक पहुंच का लोकतंत्रीकरण कर रहा है, जो कि वैश्विक स्तर पर काफी हद तक कम है। टीम के ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ-साथ निरंतर इनोवेशन करने की उनकी क्षमता से उन्हें प्रतिस्पर्धा में आगे रहने और वैश्विक सफलता की कहानी बनाने में मदद मिलेगी। हम श्रीनाथ और मोइन को अंतरिक्ष की यात्रा में समर्थन देने के लिए उत्साहित हैं।“
इससे पहले, Agnikul ने मार्च 2020 में अपनी प्री-सीरीज़ ए फंडिंग में 3.1 मिलियन डॉलर जुटाए थे और 2019 में Speciale Invest से सीड फंडिंग राउंड जुटाया था।
श्रीनाथ रविचंद्रन, मोइन एसपीएम, और प्रो एसआर चक्रवर्ती द्वारा 2017 में लॉन्च किया गया, Agnikul Cosmos भारत के प्राइवेट स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के निर्माण में शामिल है। इसका कोर प्रोडक्ट, अग्निबाण (Agnibaan), एक स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल है जो पृथ्वी की निचली कक्षाओं में 100 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है।
श्रीनाथ ने कहा, "कोविड-19 की स्थिति के कारण, कुछ देरी हुई है, लेकिन हम अगले साल की दूसरी छमाही में अपना पहला मिशन शुरू करने की सोच रहे हैं।"
महामारी के बीच संचालन के बारे में बोलते हुए, को-फाउंडर्स ने बताया कि महामारी के बीच देश भर में लोगों को ऑक्सीजन वितरण सुनिश्चित करने के लिए स्टार्टअप ने अपने सभी लिक्विड ऑक्सीजन-बेस्ड टेस्टिंग को अस्थायी रूप से रोक दिया है।
को-फाउंडर्स ने समझाया, “इसके अलावा, हम दोनों लोगों को उन विक्रेताओं से भी जोड़ रहे हैं, जिनके साथ हमने ऑक्सीजन के लिए काम किया था, जब भी वे हमारे पास पहुंचते हैं। हम हर तरह से मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।”
मोइन ने बताया कि इस साल की शुरुआत में स्टार्टअप ने दुनिया के पहले 3D प्रिंटेड रॉकेट इंजन अग्निलेट (Agnilet) का परीक्षण किया था और इस साल इस तरह के और परीक्षण होने हैं।
उन्होंने आगे कहा, "अगले दो वर्षों में, हम ऑर्बिट में पूर्ण रूप से पहुंचना चाहते हैं। यह अपने आप में एक बड़ा प्रयास है और हम अभी इस पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।"
स्पेसटेक सेक्टर में मौजूदा फंडिंग ट्रेंड के बारे में बोलते हुए, श्रीनाथ ने बताया कि स्पेस सेक्टर के खुलने और In-SPACe के लॉन्च के साथ, निवेशकों की मानसिकता में बदलाव आया है और वे धीरे-धीरे स्पेसटेक प्लेयर्स में निवेश करने के लिए खुल रहे हैं।
मार्च में, बेंगलुरु स्थित स्पेसटेक स्टार्टअप Pixxel ने सीड फंडिंग राउंड में Omnivore और Techstars से 7.3 मिलियन डॉलर जुटाए थे।
Edited by Ranjana Tripathi