[फंडिंग अलर्ट] रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एडटेक स्टार्टअप एम्बिब में किया 500 करोड़ रुपये का निवेश
बेंगलुरु स्थित एडटेक स्टार्टअप एम्बिब (Embibe) ने बताया कि उसे अपने मौजूदा निवेशक और शेयरधारक रिलायंस इंडस्ट्रीज से 500 करोड़ रुपये का फंड मिला है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) फाइलिंग के अनुसार, एम्बिब के बोर्ड ने कुल 50,00,000 वरीयता शेयर (CCPS- cumulative compulsorily convertible preference shares) जारी किए हैं।
999 रुपये के प्रीमियम पर, टोटल फंडिंग की वैल्यू 500 करोड़ रुपये लगी। इसके लिए लाभांश दर 12 प्रति सालान तय की गई जिसका भुगतान हर तिमाही के आधार किया जाएगा। लाभांश के साथ, ये CCP शेयर एक निश्चित समय में इक्विटी शेयरों में बदल जाएंगे।
इससे पहले फरवरी में भी Embibe ने Reliance Industries से 89.91 करोड़ रुपये का फंड जुटाया था। वहीं अप्रैल 2018 में, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने स्टार्टअप में तीन साल की अवधि में 180 मिलियन डॉलर के बराबर की राशि निवेश करने का समझौता किया था।
इसमें एक हिस्सा Embibe के मौजूदा निवेशकों से 72.69 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल करने की ओर था। यह ट्रांजेक्शन उस समय की देश की एजुकेशन और डीप टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में हुए सबसे बड़े निवेशों में से एक था।
रिलायंस जियो के निदेशक आकाश अंबानी ने इससे पहले एम्बिब डील पर बोलते हुए कहा, ''एम्बिब में निवेश भारत और दुनिया में शिक्षा क्षेत्र को बढ़ाने के लिए और टेक्नोलॉजी को डिप्लॉय करके छात्रों के व्यापक संभव समूह तक शिक्षा को सुलभ बनाना रिलायंस की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। रिलायंस का लक्ष्य पूरे भारत में 1.9 मिलियन स्कूलों और 58,000 युनिवर्सिटीज को टेक्नोलॉजी से जोड़ना है।"
दिसंबर 2019 में, एम्बिब ने मालिकाना नाम Indiavidual Learning Private Limited के तहत घोषणा की थी कि उसने बेंगलुरु स्थित K12 स्टार्टअप फनटूट (eDreams Edusoft) में इक्विटी शेयर उठाए हैं। डील 71.64 करोड़ रुपये कैश में हुई थी। जिससे इसके पास फंटूट की इक्विटी शेयर पूंजी में 90.5 प्रतिशत हिस्सेदारी हो गई है।
एम्बिब एक एजुकेशन प्लेटफॉर्म है, जो छात्रों के लिए व्यक्तिगत सीखने के परिणामों को देने के लिए डेटा एनालिटिक्स का लाभ उठाता है। एआई स्टैक के साथ कंटेंट इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन, बिहेवियरल रिक्वायरमेंट और स्टूडेंट इंटेलिजेंस पर फोकस्ड एम्बिब के प्रोडक्ट्स स्टूडेंट्स और टीचर्स के जीवन को प्रभावित करने के नए तरीके को फिर से परिभाषित कर रहे हैं।
Edited by रविकांत पारीक