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बार-बार मुस्कुराते हुए जिस बैलेंस शीट की बात करते हैं गौतम अडानी, देखिए वो मजबूत है भी या नहीं!

गौतम अडानी पर कर्ज की खबरें जब-जब फैलती हैं तो वह कहते हैं कि कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत है. हाल ही में निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए अडानी ग्रुप ने फिर से यही बात दोहराई है. सवाल ये है कि क्या वाकई बैलेंस शीट मजबूत है या नहीं.

बार-बार मुस्कुराते हुए जिस बैलेंस शीट की बात करते हैं 
गौतम अडानी, देखिए वो मजबूत है भी या नहीं!

Friday February 17, 2023 , 7 min Read

जब से हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट (Hindenburg Research Report) आई है, तब से गौतम अडानी की कंपनियों के तमाम शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. इसी की वजह से अडानी ग्रुप (Adani Group) को अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ (Adani Enter को भी वापस लेना पड़ा था. खुद गौतम अडानी (Gautam Adani) ने एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें कहा था कि कंपनी के पास कर्ज चुकाने के लिए पैसा है और अडानी ग्रुप की कंपनियों की बैलेंस शीट मजबूत है. अब एक बार फिर बुधवार को अडानी ग्रुप ने एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा है कि निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है, कंपनी के पास कर्ज चुकाने के लिए पर्याप्त पैसे हैं. ये बयान उस वक्त आया है, जब अडानी ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैप आधे से भी अधिक गिर चुका है. गौतम अडानी की नेटवर्थ (Gautam Adani Net Worth) करीब 60 फीसदी कम हो चुकी है. यहां एक सवाल ये उठता है कि गौतम अडानी बार-बार जिस बैलेंस शीट (Balance Sheet) की मजबूती की बात करते हैं, वह आखिर कितनी मजबूत है. आइए देखते हैं अडानी ग्रुप की कंपनियों की बैलेंस शीट को करीब से.

पहले तय करने होंगे कुछ मानक

एक कंपनी की बैलेंस शीट से मतलब है कि कंपनी की वित्तीय हालत कैसी है. कंपनी की वित्तीय हालत को आसान भाषा में समझने के लिए हम सारे आंकड़ों पर बात नहीं करेंगे, बल्कि कुछ खास आंकड़ों को देखेंगे. यहां हम 10 आंकड़ें तय कर लेते हैं, जिनके आधार पर कंपनी की वित्तीय हालत समझने की कोशिश करेंगे. ध्यान रखें कि यह आंकड़े दिसंबर तिमाही (2022-23) के हैं.

1- ऑपरेटिंग रेवेन्यू- कंपनी का जो बिजनेस है, उससे होने वाली कमाई.

2- ऑपरेटिंग एक्सपेंस- कंपनी के बिजनेस को चलाने में आने वाला खर्च.

3- ऑपरेटिंग प्रॉफिट/लॉस- कंपनी के बिजनेस से हुआ मुनाफा या नुकसान.

4- मुनाफा या घाटा- कंपनी के मुनाफे से ब्याज, डेप्रिसिएशन, टैक्स आदि काटने के बाद हुआ मुनाफा या नुकसान.

5- कंपनी का कर्ज- कंपनी के ऊपर कितना कर्ज है.

6- ब्याज का भुगतान- कंपनी ने जो कर्ज लिया है, उसके लिए कितना पैसा ब्याज के रूप में चुकाया.

7- कर्ज-इक्विटी रेश्यो- यह दिखाता है कि कंपनी के असेट्स की तुलना में कर्ज कितना बड़ा है. 1 से 1.5 तक के रेश्यो को सामान्य माना जाता है, लेकिन उससे ज्यादा होने का मतलब है कि यह अच्छा नहीं है. वहीं अगर यह 2 या 2 से ज्यादा है रिस्क ज्यादा माना जाता है. ऐसी हालत में आशंका रहती है कि कंपनी अपनी लायबिलिटीज यानी देनदारियों को चुकाने में दिक्कत का सामना कर सकती है.

8- कैश फ्रॉम इन्वेस्टिंग एक्टिविटी- यह दिखाता है कि इन्वेस्टिंग एक्टिविटी से कंपनी की कितनी कमाई हुई है. इसके तहत किसी असेट को खरीदना, सिक्योरिटीज में निवेश और सिक्योरिटीज या असेट की बिक्री को शामिल किया जाता है.

9- नेट कैश फ्लो- अगर तमाम ऑपरेटिंग खर्चे चुकाने के बाद भी कंपनी के पास कैश बचता है तो वह पॉजिटिव कैश फ्लो होता है. अगर सारे पैसे खर्च करने के बाद भी कंपंनी अपनी देनदारियां नहीं चुका पाती है तो उसे निगेटिव कैश फ्लो कहते हैं.

10- पीई रेश्यो- किसी कभी कंपनी का प्राइस टू अर्निंग रेश्यो दिखाता है कि कंपनी एक रुपये का मुनाफा कमाने के लिए कितने रुपये खर्च कर रही है. पीई रेश्यो के 20-30 तक ठीक माना जाता है. 30 से 80 तक भी इसे औसत माना जाता है, लेकिन उससे ज्यादा होने का मतलब है कि कंपनी ओवर वैल्यूड है.

अडानी एंटरप्राइजेज की बैलेंस शीट

कंपनी के आंकड़ों को देखें तो दिसंबर तिमाही में अडानी एंटरप्राइजेज को करीब 820 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जो अच्छी खबर है. कंपनी पर 41,191 करोड़ रुपये का कर्ज है, जबकि कर्ज टू इक्विटी रेश्यो 1.9 है, जो निवेशकों को थोड़ा चिंता में डाल सकता है. कंपनी का नेट कैश फ्लो नेगेटिव में 200.7 करोड़ रुपये है, यानी कंपनी के पास कैश है ही नहीं. अगर बात करें पीई रेश्यो की तो वह 95 है, जो सामान्य से थोड़ा अधिक है यानी कंपनी कुछ हद तक ओवरवैल्यूड है.

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अडानी पोर्ट्स की बैलेंस शीट

ये आंकड़े दिखाते हैं कि दिसंबर तिमाही में अडानी पोर्ट्स को करीब 1,315.5 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है, जो अच्छी खबर है. कंपनी पर 45,299 करोड़ रुपये का कर्ज है, वहीं कर्ज टू इक्विटी रेश्यो 1.2 है, जो निवेशकों के लिए राहत वाली बात है. कंपनी का नेट कैश फ्लो पॉजिटिव में 4,630.1 करोड़ रुपये है, यानी कंपनी के पास पर्याप्त कैश है. अगर बात करें पीई रेश्यो की तो वह 25 है, जो सामान्य है. यानी अडानी पोर्ट्स की बैलेंस शीट तो वाकई मजबूत है.

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अडानी टोटल गैस की बैलेंस शीट

अडानी टोटल गैस को दिसंबर तिमाही में करीब 150.2 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जो अच्छी खबर है. कंपनी पर 1,203 करोड़ रुपये का कर्ज है, जबकि कर्ज टू इक्विटी रेश्यो 0.4 है. यानी कंपनी के लिए इस कर्ज से निपटना कोई बड़ी बात नहीं है. कंपनी का नेट कैश फ्लो पॉजिटिव है, जो 20.9 करोड़ रुपये है. इसका मतलब हुआ कि कंपनी के पास कैश भी है, तो दिक्कत की बात नहीं. अगर बात करें पीई रेश्यो की तो वह 201 है, जो सामान्य से काफी अधिक है. यानी कंपनी अभी के शेयर प्राइस के हिसाब से ओवरवैल्यूड है.

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अडानी ट्रांसमिशन की बैलेंस शीट

कंपनी के आंकड़ों को देखें तो दिसंबर तिमाही में अडानी ट्रांसमिशन को करीब 474.7 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जो अच्छी खबर है. कंपनी पर 33,600 करोड़ रुपये का कर्ज है, जबकि कर्ज टू इक्विटी रेश्यो 4.3 है, जो निवेशकों को चिंता में डालने वाली बात है. कंपनी का नेट कैश फ्लो नेगेटिव में -86.3 करोड़ रुपये है, यानी कंपनी के पास कैश की कमी है. अगर बात करें पीई रेश्यो की तो वह 94 है, जो सामान्य से थोड़ा अधिक है यानी कंपनी कुछ हद तक ओवरवैल्यूड है.

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अडानी ग्रीन एनर्जी की बैलेंस शीट

अडानी ग्रीन एनर्जी को दिसंबर तिमाही में करीब 103 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ है, जो अच्छी खबर है. कंपनी पर 52,041 करोड़ रुपये का कर्ज है, जबकि कर्ज टू इक्विटी रेश्यो 43.9 है, जो निवेशकों को डरा रहा है. अमूमन यह 1-1.5 तक होना चाहिए, लेकिन यहां ये आंकड़ा करीब 40 गुना ज्यादा है. कंपनी का नेट कैश फ्लो नेगेटिव में -235 करोड़ रुपये है, यानी कंपनी के पास कैश की बहुत दिक्कत है. अगर बात करें पीई रेश्यो की तो वह 170 है, जो काफी अधिक है यानी कंपनी अपने शेयर प्राइस के हिसाब से काफी ज्यादा ओवरवैल्यूड है.

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अडानी पावर की बैलेंस शीट

कंपनी के आंकड़ों को देखें तो दिसंबर तिमाही में अडानी एंटरप्राइजेज को करीब 8.8 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जो अच्छी खबर है. कंपनी पर 45,242 करोड़ रुपये का कर्ज है, जबकि कर्ज टू इक्विटी रेश्यो 8.9 है, जो निवेशकों को चिंता में डाल रहा है. हालांकि, कंपनी का नेट कैश फ्लो पॉजिटिव है और 467 करोड़ रुपये है, यानी कंपनी के पास पर्याप्त कैश है. अगर बात करें पीई रेश्यो की तो वह 5.91 है, जो सामान्य से कुछ कम है यानी कंपनी कुछ हद तक अंडरवैल्यूड है. मतलब इसके शेयरों की कीमतें अभी और बढ़ सकती हैं.

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अडानी विल्मर की बैलेंस शीट

दिसंबर तिमाही में अडानी विल्मर को लगभग 246.2 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जो अच्छी खबर है. कंपनी पर 3,114 करोड़ रुपये का कर्ज है, जबकि कर्ज टू इक्विटी रेश्यो 0.3 है, जो काफी राहत देने वाली बात है. कंपनी का नेट कैश फ्लो नेगेटिव में -9.8 करोड़ रुपये है, यानी कंपनी के पास कैश की कमी है, लेकिन आंकड़ा ज्यादा बड़ा नहीं है. अगर बात करें पीई रेश्यो की तो वह 77 है, जो सामान्य से थोड़ा अधिक है यानी कंपनी कुछ हद तक ओवरवैल्यूड है.

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इन आंकड़ों को देखकर एक बात तो साफ होती है कि अडानी पोर्ट और अडानी पावर की बैलेंस शीट काफी मजबूत है. हालांकि, बाकी की 5 कंपनियों की बैलेंस शीट उतनी ज्यादा मजबूत नहीं है. वहीं अडानी ग्रीन एनर्जी के आंकड़े तो काफी डराने वाले हैं.

(डिस्क्लेमर: कर्ज के आंकड़े ब्रोकरेज फर्म '5paisa.com' से लिए गए हैं. वहीं बाकी के सभी आंकड़े trendlyne.com से हासिल किए गए हैं.)