यहां देखिए अडानी ग्रुप की 7 कंपनियों की पूरी कुंडली, 3 पर तो आपको भी शक हो ही जाएगा!
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से लगाकर अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का दौर जारी है. सवाल ये है कि इस रिपोर्ट में कितनी हकीकत है. अडानी ग्रुप की 3 कंपनियों की कुंडली देखकर आपको भी उन पर शक हो जाएगा.
कुछ दिन पहले ही हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट (Hindenburg Research) आई थी, जिसमें अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. आरोप था कि देश के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी (Gautam Adani) ने अकाउंटिंग फ्रॉड किया है और शेयर्स की कीमतों में गड़बड़ी की है. ये आरोप लगने के बाद से लगातार अडानी ग्रुप (Adani Group) की तमाम कंपनियों के शेयरो में गिरावट देखी जा रही है. पिछले हफ्ते के आखिरी दिन तो अडानी ग्रुप की तमाम कंपनियों में या तो लोअर सर्किट लग गया या उसके बेहद करीब पहुंचकर शेयर बंद हुआ. इसी बीच पता चला है कि अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) का एफपीओ (FPO) खुलने के पहले दिन वह सिर्फ 1 फीसदी सब्सक्राइब हुआ है.
कंपनी ने तो अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत बताया है, लेकिन सवाल ये है कि वाकई अडानी ग्रुप के दामन पर कोई दाग नहीं है? अभी तो ये नहीं कहा जा सकता कि हकीकत क्या है, लेकिन अगर अडानी ग्रुप की सातों कंपनियों की कुंडली देखें तो इनमें से 3 के बारे में आपके भी मन में शंका आ ही जाएगी. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 24 जनवरी को आई थी और 25 जनवरी से कंपनी के शेयरों में गिरावट आने लगी. आइए देखते हैं पिछले 3 सालों में कितने बढ़े अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों के दाम और कितना बढ़ा इनका मुनाफा.
1- अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड
जनवरी 2020 में कंपनी का शेयर 230 रुपये के करीब था, जो 24 जनवरी 2023 तक 3442 रुपये के स्तर तक पहुंच गया. यानी 3 सालों में कंपनी के शेयर ने करीब 15 गुना यानी करीब 1400 फीसदी रिटर्न दिया. वहीं अगर पिछले 3 सालों में कंपनी के मुनाफे की बात करें तो 2020 में कंपनी का मुनाफा 798 करोड़ रुपये था, जो 2021 में घटकर 746 करोड़ रुपये रह गया. वहीं 2022 में कंपनी का मुनाफा और कम होकर 475 करोड़ रुपये ही रह गया. यानी कंपनी का मुनाफा लगातार घटता जा रहा है, लेकिन कंपनी के शेयर की कीमत 15 गुना हो गई.
2- अडानी टोटल गैस लिमिटेड
जनवरी 2020 में अडानी टोटल गैस लिमिटेड का शेयर करीब 166 रुपये के लेवल पर था, जो 24 जनवरी 2023 को 3892 रुपये के लेवल पर बंद हुआ है. यानी इस दौरान कंपनी ने लगभग 23 गुना या यूं कहें कि करीब 2244 फीसदी का रिटर्न दिया है. साल 2020 में कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा 436 करोड़ रुपये था, जो 2021 में मामूली बढ़कर 471 करोड़ रुपये हो गया. वहीं 2022 में कंपनी का मुनाफा थोड़ा सा और बढ़कर 504 करोड़ रुपये हो गया. वहीं दूसरी ओर कंपनी के शेयरों का दाम 23 गुना बढ़ गया, जिसे हजम करना मुश्किल है.
3- अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड
अडानी ग्रुप की इस कंपनी का शेयर जनवरी 2020 में करीब 190 रुपये के लेवल पर था. यह शेयर 24 जनवरी 2023 को 1917 रुपये के लेवल पर बंद हुआ है. यानी इन 3 सालों में कंपनी का शेयर करीब 10 गुना चढ़ गया है. इस दौरान कंपनी ने अपने निवेशकों को करीब 900 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं दूसरी ओर अगर बात कंपनी के मुनाफे की करें तो 2020 में कंपनी को 61 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. 2021 में कंपनी का मुनाफा 176 करोड़ रुपये हो गया. 2022 तक कंपनी का मुनाफा बढ़कर 488 करोड़ रुपये हो गया. यानी देखा जाए तो इस अवधि में कंपनी का मुनाफा करीब 5 गुना बढ़ा है. इस तरह कंपनी के शेयरों में 10 गुना की तेजी थोड़ा ज्यादा जरूरी है, लेकिन ग्रीन एनर्जी का फ्यूचर देखते हुए माना जा सकता है कि कंपनी ने निवेशकों जो रिटर्न दिया है वह एक हद तक मुमकिन है.
4- अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड
24 जनवरी 2023 को अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड का शेयर करीब 2762 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था. वहीं 3 साल पहले कंपनी का शेयर जनवरी 2020 में करीब 334 रुपये के लेवल पर था. इस तरह कंपनी के शेयर में इन 3 सालों में करीब 725 फीसदी रिटर्न दिया है. यानी कंपनी के शेयर ने निवेशकों के पैसों को लगभग 8 गुना कर दिया है. वहीं दूसरी ओर साल 2020 में कंपनी का मुनाफा 706 करोड़ रुपये था, जो 2021 में तेजी से बढ़कर 1289 करोड़ रुपये हुआ. वहीं 2022 ये फिर से गिरकर 1235 करोड़ रुपये के करीब आ गया. यानी 3 सालों में कंपनी का मुनाफा दोगुना भी नहीं हो सका है, जबकि शेयरों की कीमत 8 गुना से अधिक हो गई है.
5- अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड
अडानी ग्रुप की इस कंपनी का शेयर 24 जनवरी 2023 को 761 रुपये के लेवल के करीब बंद हुआ. वहीं लगभग 3 साल पहले जनवरी 2020 में कंपनी का शेयर 385 रुपये के लेवल पर था. इस तरह देखें तो कंपनी के शेयर ने इन 3 सालों में करीब 100 फीसदी रिटर्न दिया है, जिसने निवेशकों के पैसों को लगभग दोगुना कर दिया है. अगर दूसरी तरह कंपनी के मुनाफे की बात करें तो वह इन 3 सालों में मामूली बढ़ा है. 2020 में कंपनी का मुनाफा 3788 करोड़ रुपये था, जो 2021 में बढ़कर 5063 करोड़ रुपये हो गया है. साल 2022 में यह मुनाफा 4602 करोड़ रुपये पर आ गया. ऐसे में इस शेयर का रिटर्न भी ठीक-ठाक है.
6- अडानी पावर लिमिटेड
जनवरी 2020 में कंपनी के शेयर की कीमत करीब 63 रुपये थी, जो 24 जनवरी 2023 तक बढ़कर 275 रुपये हो गई है. पिछले साल अगस्त के दौरान तो यह शेयर 430 रुपये के लेवल से भी ऊपर निकल गया था. इस तरह देखें तो कंपनी के शेयरों का दाम 3 साल में 335 फीसदी यानी करीब 4.3 गुना चढ़ गया है. अगर कंपनी के मुनाफे पर नजर डालें तो 2020 में कंपनी को लगभग 2274 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. वहीं 2021 में कंपनी को 1269 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ. यह मुनाफा 2022 में बढ़कर 4911 करोड़ रुपये हो गया है. इस तरह ये शेयर भी अपने मुनाफे के हिसाब से ठीक-ठाक रिटर्न दे रहा है.
7- अडानी विल्मर लिमिटेड
अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी विल्मर लिमिटेड ने पिछले ही साल फरवरी में मार्केट में एंट्री मारी है. ऐसे में अगर इसका रिटर्न देखें तो साल भर में कंपनी ने निवेशकों को करीब 150 फीसदी का रिटर्न दिया है. कंपनी का शेयर इस दौरान लगभग 2.5 गुना चढ़ गया है. अडानी विल्मर के आईपीओ के तहत शेयर की कीमत करीब 230 रुपये थी. 24 जनवरी 2023 तक कंपनी का शेयर 573 रुपये के लेवल तक पहुंच गया. पिछले साल अप्रैल के आखिरी हफ्ते तक कंपनी का शेयर 878 रुपये के लेवल तक जा पहुंचा था. वहीं अगर दूसरी तरफ कंपनी के मुनाफे पर नजर डालें तो ये लगातार घट रहा है. मार्च 2022 में कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा 219 करोड़ रुपये था, जो जून 2022 में घटकर 197 करोड़ रुपये रह गया. वहीं सितंबर 2022 में तो कंपनी का मुनाफा सिर्फ 31 करोड़ रुपये ही रह गया.
अडानी ग्रुप की इन 3 कंपनियों में कुछ तो गड़बड़ जरूर है!
शेयरों की कीमत और कंपनी के कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट के आंकड़ों की तुलना से एक बात तो साफ है कि अधिकतर कंपनियों के शेयर बेहिसाब बढ़े हैं. खास कर अडानी एंटरप्राइजेज, अटानी टोटल गैस और अडानी ट्रांसमिशन के शेयरों में अंधाधुंध तेजी देखने को मिली है. यूं लग रहा है मानो निवेशक आंख बंद कर के लगातार पैसे लगाए जा रहे थे. ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है कि आखिर ऐसा कैसे होता गया. इन कंपनियों में 72-75 फीसदी हिस्सेदारी तो प्रमोटर्स के पास है. वहीं 15-19 फीसदी हिस्सेदारी एफआईआई यानी विदेशी निवेशकों के पास है. बता दें कि इन्हीं विदेशी निवेशकों यानी इंस्टीट्यूशन्स पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में सवाल उठाए गए हैं.
बात अगर हम-आप जैसे रिटेल निवेशकों की करें तो अडानी एंटरप्राइजेज में रिटेल निवेशकों की संख्या महज 6.53 फीसदी है. वहीं अडानी ट्रांसमिशन में महज 2.72 फीसदी हिस्सेदारी ही रिटेल निवेशकों के पास है. इसके अलावा अगर अडानी टोटल गैस को देखें तो उसमें सिर्फ 1.85 फीसदी हिस्सेदारी ही रिटेल निवेशकों के पास है.