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यूपी के गाँव से निकली लड़की ने ऑक्सफोर्ड से की पढ़ाई, फिर वापस देश आकर बनी IPS

यूपी के गाँव से निकली लड़की ने ऑक्सफोर्ड से की पढ़ाई, फिर वापस देश आकर बनी IPS

Friday January 31, 2020 , 3 min Read

कठिन परिस्थितियों से गुजरते हुए इल्मा ने अपनी मेहनत के दम पर न सिर्फ ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, बल्कि वापस भारत आकर यूपीएससी क्रैक करते हुए IPS भी बनीं।

(इल्मा अफ़रोज चित्र:द बेटर इंडिया)

इल्मा अफ़रोज (चित्र:द बेटर इंडिया)



अधिकांश भारतीय छात्रों के लिए दो सपने आम हैं, एक भविष्य की पढ़ाई के लिए विदेश जाना और दूसरा सरकारी सेवाओं में शामिल होने के लिए यूपीएससी परीक्षा को क्रैक करना।


26 साल की इल्मा अफरोज ने दोनों ही सपनों को पूरा किया। प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के बाद वह भारत लौट आईं और अपने देश की सेवा के लिए सिविल सेवा परीक्षा पास की।


उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की यह लड़की ने कठिन जीवन से आगे बढ़ते हुए लोगों के लिए प्रेरणाश्रोत बनी। जब वह 14 साल की थीं, तब इल्मा के पिता की मृत्यु हो गई और उसकी माँ ने अकेले ही उसके और उसके छोटे भाई की देखभाल की।


द बेटर इंडिया से बात करते हुए, इल्मा ने कहा,

“मेरी मां ने मुझे कड़ी मेहनत का मूल्य सिखाया है। मेरे भाई ने मेरे दहेज के लिए पैसे नहीं बचाए। इसके बजाय, उन्होंने इसे मेरी शिक्षा पर खर्च किया। अम्मी और भैय्या ने मुझे शिक्षित करने के लिए कई बलिदान दिए।”

अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए, इल्मा कहती हैं कि उन्होंने कुंदरकी शहर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और बाद में नई दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज में दर्शनशास्त्र में स्नातक पाठ्यक्रम करने के लिए निकल गईं।


चित्र: द बेटर इंडिया

(चित्र: द बेटर इंडिया)



द बेटर इंडिया से बात में उन्होने बताया,

“तीन साल मैंने सेंट स्टीफन में दर्शनशास्त्र का अध्ययन करने में बिताया, वो मेरे जीवन के सबसे अच्छे वर्ष थे। विषय को ऐसे वातावरण में सीखना जहां प्रोफेसर छात्रों के साथ निकटता से जुड़ते हैं, इससे मुझे महत्वपूर्ण पाठों में मदद मिली। हमने कक्षा के बाहर भी बहुत कुछ सीखा। दर्शन लोगों को सोचने के लिए प्रोत्साहित करता है।"

सेंट स्टीफन में पढ़ाई के दौरान ही इल्मा ने ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई के लिए स्कॉलर्शिप जीती। हालांकि जरूरी धन अब भी एक बड़ी मुश्किल बना हुआ था। न्यूज़ ट्रैक की रिपोर्ट के अनुसार, इल्मा के परिवार के सदस्यों ने धन इकट्ठा करने और उसे विश्वविद्यालय भेजने में कामयाबी हासिल की, लेकिन वित्तीय बाधाओं के चलते उनकी घर की यात्रा प्रतिबंधित थी।


उसने वुल्फसन कॉलेज में अपने मास्टर किया और पाठ्यक्रम के दौरान उन्हे विद्वानों के साथ बातचीत करने के अद्भुत अवसर भी मिले। स्नातक के बाद, वह मैनहट्टन क्षेत्र में एक स्वैच्छिक सेवा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क चली गईं।


द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक,

"मुझे हमेशा से पता था कि मेरी खुशी भारत में अम्मी और मेरे आसपास के सभी लोगों के साथ है।"


2017 में, इल्मा ने यूपीएससी क्लियर किया और कुल मिलाकर 217 रैंक हासिल की। उन्हें IPS में शामिल किया गया। उसे हिमाचल प्रदेश कैडर आवंटित किया गया है, और अगले 16 महीनों के लिए ट्रेनिंग पर भेजा गया।