आईटी की नौकरी छोड़ शुरू किया स्टार्टअप, बनाई डिजाइन क्षेत्र में देश की अग्रणी कंपनी
लखनऊ के मूल निवासी संतोष शुक्ला ने बड़ी एमएनसी में बेहतरीन पैकेज वाली नौकरी को ठुकराकर कुछ अपना करने की ठानी और सफलता भी अर्जित की। संतोष की कंपनी एफ़1 स्टूडिओज़ आज देश की अग्रणी यूआई/यूएक्स डिजाइन कंपनी है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मूल निवासी संतोष शुक्ला के पिता भारतीय सेना में थे, जिसे चलते उन्हे शुरुआती सालों में देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने का मौका मिला। संतोष ने अपनी शुरुआती पढ़ाई बैंगलोर में रहकर की, बाद में इंजीनियरिंग कर संतोष ने इन्फोसिस और ओरेकल जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम किया, यहीं संतोष इस कंपनी के सहसंस्थापक से भी मिले।
एफ़1 स्टूडियोज़ के सह-संथापक संतोष शुक्ला और धयान दिग्गज टेक कंपनी ओरेकल में साथ काम करते थे। दोनों के बीच काम को लेकर बेहतर तालमेल होने के चलते इन्होने एक साथ आगे बढ़ने का मन बनाया। जब संतोष ने इंफोसिस जैसी बड़ी कंपनी में लाखों के पैकेज की नौकरी छोड़कर खुद की कंपनी शुरू करने की पहल की तब उन्हें परिवार और दोस्तों का अच्छा समर्थन हासिल हुआ।
एफ़1 स्टूडियोज़ एक बी2बी कंपनी है, जो यूआई/यूएक्स पर काम करती है। कंपनी की स्थापना अक्टूबर 2012 में हुई थी। कंपनी के संस्थापक के अनुसार एफ़1 स्टूडियोज़ आज भारत की अग्रणी यूएक्स कंपनी है।
संतोष कहते हैं,
“मुझे हमेशा से ही अपनी तरफ से कुछ अलग करने की चाहत थी। मैं ओरेकल और इन्फोसिस जैसी बड़ी कंपनियों में प्रॉडक्ट मैनेजमेंट डिपार्टमेंट में काम कर चुका था, मुझे लगा कि अगर हम अपना कुछ शुरू करते हैं तो हम अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकेंगे। मेरे परिवार से भी मुझे समर्थन हासिल हुआ। मेरी पत्नी वर्किंग वुमेन हैं, उन्होने भी मुझे काफी सपोर्ट किया।”
उस दौरान में इंडस्ट्री में भी बदलाव का दौर था। लोग सर्विस क्षेत्र से प्रॉडक्ट की तरफ बढ़ रहे थे। इस समय संतोष ने स्किल गैप को भाँपते हुए इस दिशा में आगे बढ़ने का मन बनाया।
स्टार्टअप की दुनिया के बारे में बात करते हुए संतोष कहते हैं,
“स्टार्टअप महज कुछ नया शुरू करने के संबंध में एक टर्म है। एक ऐसा आइडिया जो आप दुनिया तक पहुंचाना चाहते हैं और अभी वो स्थापित नहीं हुआ है। स्टार्टअप का सीधा सरोकार लोगों की जरूरतों को पूरा करने से है, फिर भी स्टार्टअप को लेकर अलग-अलग परिभाषाएँ और धारणाएं हैं।”
सेल्फ फंडिंग से की शुरुआत
एफ़1 स्टूडियोज़ सेल्फ फंडेड है और दोनों संस्थापकों ने इसे अपनी पूंजी से शुरू किया है। संतोष का मानना है कि इस तरह से कंपनी के काम-काज पर उनकी पकड़ पूरी तरह से बनी रहती है। संतोष के अनुसार अभी कंपनी ग्राहकों से मिले राजस्व पर ही आगे बढ़ रही है, लेकिन जरूरत के अनुसार अगर कंपनी को अग्रेसिव ग्रोथ चाहिए होगी, तो वे निवेशकों के पास भी जा सकते हैं।
संतोष कहते हैं,
“आज आईटी कंपनी शुरू करने के लिए अधिक पूंजी की आवश्यकता नहीं है, हमने भी अपनी कंपनी की शुरूआत महज 50 हज़ार रुपयों के साथ की थी। हमारी कंपनी की शुरुआत ट्रिपल आईटी के इंक्यूबेशन सेंटर में किराए पर ली गईं दो कुर्सियों के साथ हुई थी।”
एफ़1 स्टूडियोज़ का मुख्यालय हैदराबाद में है और कंपनी के दो अन्य ऑफिस बेंगलुरु और मुंबई में हैं। कंपनी यूएस में रजिस्टर है और वहीं कंपनी के सेल्स कंसल्टेंट भी हैं। कंपनी का बड़ा व्यापार यूएस से भी होता है। एफ़1 स्टूडियोज़ यूएस की कई बड़ी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही है। कंपनी यूएस में होम डिपो और भारत में ICICI और कोटक जैसी बड़ी कंपनियों के साथ भी काम कर चुकी है।
स्थापित होने की ओर बढ़ रही है कंपनी
एफ़1 स्टूडियोज़ के बारे में बात करते हुए संतोष कहते हैं,
“हमारे पास काम करने के लिए कोई अनुक्रम नहीं है। बड़ी कंपनियों में ऐसा होता है कि चीजें पहले से ही नियोजित होती हैं, लेकिन हमें हर रोज़ प्लान करना होता है। स्टार्टअप जल्दी रिएक्ट करने के लिए भी जाना जाता है। किसी भी स्टार्टअप के लिए शुरूआती दो साल काफी अहम होते हैं, आमतौर पर 90 प्रतिशत स्टार्टअप इसी दौर में बंद हो जाते हैं। हम उस दौर को पार कर चुके हैं, अब हमें देखना है कि हम कहाँ तक जा सकते हैं।”
देश में स्टार्टअप को लेकर मौजूद इकोसिस्टम पर बात करते हुए संतोष कहते हैं,
“आज देश में स्टार्टअप से जुड़ी हुई कई सफल कहानियाँ और लोगों के बीच स्टार्टअप को लेकर स्वीकार्यता बढ़ी है। देश की अर्थव्यवस्था के लिए स्टार्टअप बेहद महत्वपूर्ण है। स्टार्टअप के जरिये लोग नौकरी मांगने के बजाए नौकरी दे रहे हैं।”
भविष्य के लक्ष्य
एफ़1 स्टुडियो काफी तेजी के साथ देश में आगे बढ़ रही है। संतोष का मानना है कि यदि भारत में यही किसी अन्य बिजनेस को यूआई और यूएक्स से संबन्धित किसी जरूरत का सामना करना पड़े तो उनके दिमाग में पहला नाम एफ़1 स्टूडियोज़ का ही आना चाहिए। संतोष कंपनी का विस्तार भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड जैसे अन्य देशों में भी करना चाहते हैं।