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सरकार ने GST रेवेन्यू में आई कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 18 वीं किस्त के तहत दिए 4000 करोड़ रुपये

जीएसटी रेवेन्यू में आई कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को अब तक 1.04 लाख करोड़ रुपये जारी किए गए। अब तक रेवेन्यू में हुई कमी की 94 फीसदी राशि जारी हुई।

सरकार ने GST रेवेन्यू में आई कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 18 वीं किस्त के तहत दिए 4000 करोड़ रुपये

Tuesday March 02, 2021 , 3 min Read

वित्त मंत्रालय के व्यव विभाग ने शुक्रवार को जीएसटी राजस्व में आई कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 18वीं साप्ताहिक किस्त के तहत 4000 करोड़ रुपये जारी किए। जारी की गई राशि में से 3677.74 करोड़ रुपये 23 राज्यों को और 322.26 करोड़ रुपये की राशि 3 केंद्रशासित प्रदेशों को जारी की गई है। केंद्रशासित राज्यों में वह तीन राज्य (दिल्ली, जम्मू और कश्मीर और पुडुचेरी) हैं, जहां पर विधानसभाएं हैं। और यह प्रदेश जीएसटी काउंसिल के सदस्य भी हैं। जबकि शेष 5 राज्य अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में जीएसटी लागू करने के दौरान राजस्व में कमी नहीं आई है।


अब तक जीएसटी राजस्व के संग्रह में आई कमी की 94 फीसदी भरपाई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कर दी गई है। इस रकम में से 95,138.08 करोड़ रुपये राज्यों को जारी किए गए हैं, जबकि 8861.92 करोड़ रुपये विधानसभाओं वाले 3 केंद्रशासित प्रदेशों को जारी किए गए हैं।

निर्मला सीतारमण

भारत सरकार ने अक्टूबर 2020 में राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से जीएसटी राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए विशेष उधारी खिड़की का गठन किया था। जिसके तहत 1.10 लाख करोड़ रुपये की पूंजी मुहैया केंद्र सरकार करा रही है। 23 अक्टूबर 2020 से शुरू हुई कर्ज देने की प्रक्रिया के तहत अब तक 18 चरण पूरे हो गए हैं। यह राशि राज्यों को दे दी गई है।


इस विशेष खिड़की के तहत भारत सरकार 3 साल और 5 साल के लिए सरकारी स्टॉक में खरीददारी कर रही है। उधारी के तहत कर्ज की अवधि को राज्यों के लिए समान रूप से तय किया गया है। जो कि राज्यों के जीएसटी राजस्व में आई कमी की भरपाई के आधार पर तय की गई है।


इस हफ्ते केंद्र सरकार ने यह रकम 4.7924 फीसदी के ब्याज पर कर्ज के रुप में ली है। केंद्र सरकार, विशेष उधारी खिड़की के तहत अब तक 1.04 लाख करोड़ रुपये उधारी के रूप में ले चुकी है। जिस पर उसे औसतन 4.8236 फीसदी का ब्याज चुकाना होगा।


विशेष उधारी खिड़की के द्वारा पूंजी चुकाने के साथ-साथ भारत सरकार जीएसटी लागू करने में आई राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए, राज्यों को अपने सकल घरेलू उत्पाद का 0.50 फीसदी अतिरिक्त राशि के रूप में उधार लेने का भी विकल्प दे रही है। इसके लिए सभी राज्यों ने विकल्प-1 का चयन किया है। इसके तहत 28 राज्यों को 1,06,830 करोड़ (राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद का 0.50 फीसदी) की अतिरिक्त उधारी का भी प्रावधान किया गया है। इस कदम से राज्यों को पूंजी जुटाने का अतिरिक्त संसाधन भी उपलब्ध होगा।