पीएम मोदी समेत सभी सांसदों के वेतन में सरकार ने की 30 प्रतिशत की कटौती, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी इस दौरान लेंगे कम वेतन
मोदी कैबिनेट ने अध्यादेश पास करते हुए सांसदों के वेतन और अन्य भत्तों में एक साल के लिए 30 प्रतिशत की कटौती की है।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को कम करने और हालत पर काबू पाने के लिए सरकार अपने स्तर पर हर कदम आगे बढ़ा रही है। अब सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए सांसदों के वेतन और अन्य भत्तों में कटौती की है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी है, जिसमें सभी सांसदों की तंख्वाह, भत्ते और पूर्व सांसदों की पेंशन में अगले एक साल के लिए 30 प्रतिशत की कटौती की गई है। यह अध्यादेश 1 अप्रैल 2020 से लागू हो गया है।
इसी के साथ ही सरकार ने दूसरा बड़ा फैसला लेते हुए सांसदों के MPLAD फंड को भी खत्म कर दिया है। इस फंड का उपयोग अब कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में किया जाएगा। MPLAD फंड को 2 सालों के लिए खत्म किया गया है।
MPLAD फंड के तहत लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को हर साल 5 करोड़ रुपये की राशि मिलती है, जिसका उपयोग वे अपने क्षेत्र में विकास के लिए करते हैं। अब दो साल के लिए इस फंड में कटौती के साथ सरकार के पास 7900 करोड़ रुपये अतिरिक्त हो जाएंगे।
प्रधानमंत्री के अलावा अब देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल भी एक साल तक 30 प्रतिशत कम सैलरी लेंगे, हालांकि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल ने यह फैसला स्वैच्छिक रूप से लिया है।