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क्या है TRP, जिसने लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन को नंबर 1 चैनल बना दिया?

इस लॉकडाउन के दौरान दूरदर्शन ने अपने पुराने शो फिर से प्रसारित किए हैं, जिसके चलते दूरदर्शन की टीआरपी आसमान छू रही है।

सांकेतिक चित्र

सांकेतिक चित्र



कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही देश के सरकारी चैनल दूरदर्शन ने अपने कई पुराने शो का पुनः प्रसारण शुरू कर दिया। इस बीच हुआ यूं कि अचानक से दूरदर्शन की लोकप्रियता एक बार फिर बढ़ गई और टीआरपी के मामले में दूरदर्शन ने सभी चैनल को पीछे छोड़ दिया।

आपने भी टीवी देखते हुए कई बार ‘टीआरपी’ शब्द सुना होगा। आप सुनते रहते हैं कि इस चैनल की टीआरपी बढ़ गई है या ये चैनल लोकप्रिय हो रहा है, लेकिन टीआरपी के बारे में कितना जानते हैं? क्या आप ये जानते हैं कि किसी शो या टीवी चैनल टीआरपी कैसे कैलकुलेट की जाती हैं? टीवी में लोकप्रियता को परखने के लिए टीआरपी एक सबसे प्रसिद्ध पैरामीटर है।

क्या होती है ये TRP?

टीआरपी का पूरा नाम टेलिविजन रेटिंग पॉइंट है। आप इसे एक तरह का टूल समझ सकते हैं, जो किसी समय के लिए यह बताता है कि कोई टीवी शो या टीवी चैनल कितना प्रसिद्ध है। किसी चैनल या शो की पॉपुलैरिटी का अनुमान इस बात से लगाया जाता है की एक निश्चित समय में उस चैनल या शो को कितनी बड़ी संख्या में लोग देख रहे हैं।


टीआरपी की मदद से ही विज्ञापन दाताओं और निवेशकों को अपने फायदे के लिए उस चैनल का चुनाव कर लोगों के भाव को समझने में सहूलियत मिलती है।

कैसे आँकी जाती है टीआरपी?

देश में टीआरपी को आँकने के लिए एजेंसी काम करती हैं, जो किसी टीवी चैनल या टीवी शो की लोकप्रियता के संदर्भ में डाटा जुटाती हैं। भारत में टीआरपी के लिए इंडियन टेलिविजन आडियन्स मेजरमेंट बतौर एजेंसी काम करती है। इसके पहले दूरदर्शन आडियन्स रिसर्च टीम (डार्ट) काम करती यह काम करती थी। डार्ट आमतौर पर रैंडम तरीके से लोगों से सवाल कर आंकड़े इकट्ठा करती थी।





टीआरपी आँकने के कुछ तरीके हैं, जिनमें प्रमुख है मीटर डिवाइस। इसके तहत कुछ हज़ार दर्शकों के समूह को सैंपल के तौर पर चुना जाता है और टीवी या सेटअप बॉक्स से निकलने वाली फ्रीक्वेंसी के जरिये इन डिवाइस की मदद से आंकड़े इकट्ठे किए जाते हैं। फिर सर्वे करने वाली टीम उस डाटा के विश्लेषण के आधार पर यह पता लगाती है कि कौन सा चैनल या शो सबसे अधिक बार देखा गया है।


इसी के साथ तस्वीरों के जरिये भी डाटा इकट्ठा किया जाता है। ये तस्वीरें मीटर डिवाइस तब जुटाती हैं जब टीवी पर कोई शो चल रहा होता है। टीवी शो की झलक के साथ इन तस्वीरों के जरिये भी टीआरपी का अनुमान लगाया जाता है।

टीआरपी कितनी जरूरी है?

आज के समयमें किसी टीवी चैनल के लिए टीआरपी एक तरह के सर्टिफिकेट का काम करती है। टीआरपी ही यह बताती है कि कौन सा चैनल इस समय लोकप्रिय है। टीआरपी घटने के साथ संबन्धित चैनल की कमाई पर सीधा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जबकि टीआरपी बढ़ने के साथ ही चैनल की कमाई बढ़ जाती है।


अच्छी टीआरपी के साथ चैनल को विज्ञापन अधिक मिलते हैं, हालांकि टीआरपी चैनल के साथ शो को भी हिट बनाती है। ऐसे में अगर किसी शो की टीआरपी सबसे अधिक है तो विज्ञापनदाता उस शो में अपने विज्ञापन को चलाने के लिए आसानी से राजी हो जाते हैं।


कुछ खास मामलों में टीआरपी रेट अचानक से बेहतर हो जाता है। मसलन अगर किसी टीवी शो में फिल्म प्रमोशन के लिए किसी बड़े फिल्म स्टार का एक दिन का अपीरिएन्स है तो उस दिन उस चैनल की टीआरपी अचानक से ऊपर जा सकती है।