लॉकडाउन से हुए कुछ बेहद खास फायदे, जो पहले शायद संभव ही नहीं थे
दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन के चलते एक ओर जहां इंसान अपने घरों में कैद हैं, वहीं इस दौरान दुनिया भर में प्राकृतिक और भौगोलिक स्तर पर कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं।
कोरोना वायरस के चलते भारत और कुछ अन्य देशों में भी लॉकडाउन की प्रक्रिया अपनाई गई है। भारत में लॉकडाउन को लेकर केंद्र समेत सभी राज्य सरकारें सतर्क हैं और इसका पालन सुनिश्चित कर रही हैं। लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में हैं और बेहद जरूरी काम के लिए ही बाहर निकल रहे हैं।
लॉकडाउन के चलते इस दौरान कुछ ऐसे फायदे भी देखने को मिले हैं, जो अगर लॉकडाउन न हुआ होता तो शायद ही देखने को मिलते। वन्यजीवों से लेकर भौगोलिक स्तर तक लॉकडाउन के चलते काफी सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं।
वन्यजीवों को मिला सुकून
फिलहाल इंसान जहां अपने घरों में रहने को मजबूर है, ऐसे वन्यजीवों को काफी सुकून मिला है। देश के कई हिस्सों में ऐसे नज़ारे देखने को मिले हैं जहां वन्य जीव सड़कों पर निकल आए। हाल ही में केरल की सड़कों पर एक भारतीय कस्तूरी बिलाव देखने को मिला था। यह एक बेहद दुर्लभ जीव है। सड़क पर टहलते इस जीव का वीडियो अभिनेता अर्जुन रामपाल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से शेयर किया था।
इसके पहले देश के कई हिस्सों में हिरण और हाथी आदि जानवरों के भी सड़कों पर दिखाई देने की बात सामने आई है। शहरों के विकास की गति के चलते वास्तविक जंगल बड़ी तेजी से कंक्रीट के जंगलों में बदल गए और इसका परिणाम यह हुआ कि इन वन्यजीवों को अपने लिए ठिकाना ढूँढना मुश्किल हो गया। आज जब इंसान अपने घरों में रहने को मजबूर है, तब ये जानवर अपने को आज़ाद महसूस कर रहे हैं।
हवा हुई एकदम साफ
लॉकडाउन के चलते देश भर के कारखानों को बंद करना पड़ा, जिसके परिणाम स्वरूप देश भर में वायु प्रदूषण में अचानक गिरावट देखी गई। आज देश के तमाम हिस्सों में हवा एकदम स्वच्छ हो गई गई, जो शायद पहले कभी संभव ही नहीं था। ताजा उदाहरण जालंधर का है जहां से आज साफ हवा के चलते हिमालय पर्वत की धौलाधार रेंज साफ देखी जा रही है।
कई शहरों में एक्यूआई का स्तर पहले की तुलना में 90 प्रतिशत तक सुधर गया है। इनमें पंचकुला, करनाल जैसे तमाम शहर शामिल हैं, हालांकि दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में भी भारी गिरावट देखने को मिली है।
धरती के स्वास्थ्य में सुधार
मौजूदा समय में प्रदूषण में आई भारी कमी का असर ओज़ोन परत पर भी दिखाई दे रहा है। हाल ही में नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक लेख में यह कहा गया है कि अगर स्थिति इस तरह बनी रही तो ओज़ोन परत जल्द ही पहले जैसी हो सकती है।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के पहले धरती अधिक काँपती थी, लेकिन अब उसमें कमी आई है। वैज्ञानिकों की मानें तो इससे काफी फायदा हुआ है। ध्वनि प्रदूषण में आई कमी के कारण वैज्ञानिकों के लिए अब छोटे स्तर के भूकंपों का भी पता लगाना आसान हो गया है, जबकि इसके पहले ऐसा करने में मुश्किल आती थी।
पर्यटन स्थल हुए खूबसूरत
लॉकडाउन से पहले पर्यटन स्थलों पर लोगों की भीड़ हमेशा बनी रहती थी, लेकिन अब जब लोग वहाँ नहीं जा रहे हैं तो उनकी स्थिति में भी सुधर हो रहा है। इटली के वेनिस शहर में नहर का पानी बेहद स्वच्छ हो गया है। भारत में भी मुंबई के समुद्र तट पर कुछ दिनों पहले डॉल्फ़िन देखी गई थीं।
लॉकडाउन के बाद गंगा और यमुना के पानी में भी काफी सुधार देखने को मिला है। गंगा और यमुना में बड़े पैमाने पर कारखानों का दूषित पानी डाला जाता था, लेकिन अब ये दोनों ही नदियों की हालत में काफी सुधार देखने को मिला है।