सरकार ने एडटेक कंपनियों को अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ चेतावनी दी
केंद्र सरकार ने एडटेक (Edtech) कंपनियों को अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ चेतावनी दी है. उपभोक्ता मामले विभाग (Department of Consumer Affairs) के सचिव, रोहित कुमार सिंह ने नई दिल्ली में इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) के तत्वावधान में चलने वाले स्व-नियामक निकाय इंडिया एडटेक कंसोर्टियम (IEC) के साथ बैठक की.
सिंह ने कहा कि यदि स्व-नियमन (self-regulation) अनुचित व्यापार प्रथाओं पर अंकुश नहीं लगाता है, तो पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े दिशा-निर्देश तैयार करने की आवश्यकता होगी.
बैठक में IAMAI के प्रतिनिधियों के साथ-साथ IEC सदस्य कंपनियों के साथ
, , , , , और शामिल थे.बैठक के दौरान, भारतीय एडटेक सेक्टर (indian edtech sector) के लिए अनुचित व्यापार प्रथाओं और भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया. सचिव ने भारत के एडटेक इकोसिस्टम (edtech ecosystem) में उपभोक्ता हितों को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के तरीकों पर चर्चा की. IEC में भारतीय स्टार्टअप (indian startups) शामिल हैं और यह 95 प्रतिशत भारतीय शिक्षार्थी समुदाय के का प्रतिनिधित्व करता है. एजेंडा के हिस्से के रूप में, सदस्यों ने उपभोक्ताओं के लिए निर्बाध, पारदर्शी और व्यवहार्य पेशकशों के माध्यम से उपभोक्ता हितों की बेहतर सुरक्षा के लिए भारतीय एडटेक इकोसिस्टम को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर चर्चा की.
सचिव ने कहा कि कुछ विज्ञापन और प्रथाएं प्रचलित दिशानिर्देशों और मौजूदा नियमों के अनुरूप नहीं हैं. इसलिए, उपभोक्ताओं के हितों के अनुरूप मजबूत चैकप्वाइंट को बनाए रखने के लिए मिलकर काम करना अनिवार्य है. झूठी समीक्षाओं में वृद्धि की समस्या भी प्रमुख चिंता का एक विषय है जिसे नियंत्रित करने की आवश्यकता है. विशेष रूप से ASCI की अभी हाल की रिपोर्ट से पता चला है कि शिक्षा श्रेणी 2021-22 में विज्ञापन कोड का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता है. सचिव ने IEC को इकोसिस्टम की सेवा के लिए अपने सकारात्मक प्रयासों को जारी रखने और इस संबंध में एसओपी बनाने के लिए संबंधित हितधारकों के साथ एक संयुक्त कार्य समूह बनाने की भी सलाह दी.
उद्योग के सदस्यों ने सचिव को IEC की प्रगति और शिक्षार्थियों के कल्याण और जागरूकता में सुधार के लिए चल रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी.