अगले महीने शुरू होगी ग्रामीण उजाला योजना, गांवों में बटेंगे 60 करोड़ एलईडी बल्ब
यह योजना चरणबद्ध तरीके से लागू होगी, जिसके तहत लगभग 15 से 20 करोड़ ग्रामीण परिवारों के बीच 60 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए जायेंगे।
"यह योजना चरणबद्ध तरीके से लागू होगी, जिसके तहत गांवों में हर एक परिवार को 10-10 रुपये प्रति बल्ब की दर से तीन से चार एलईडी बल्ब बांटे जाएंगे। इस योजना कार्यक्रम को अगले महीने जनवरी 2021 के दूसरे सप्ताह से शुरू किया जा सकता है, जिसके अंतर्गत लगभग 15 से 20 करोड़ ग्रामीण परिवार के बीच 60 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए जाने की योजना है।''
सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लि. (ईईएसएल) अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी समेत देश के पांच शहरों के ग्रामीण इलाकों से ग्रामीण उजाला नाम से नया कार्यक्रम शुरू करेगी। ऊर्जा दक्षता को गांवों में ले जाने और बिजली बिल में कमी के जरिये वहां रहने वाले लोगों की बचत बढ़ाने के इरादे से यह योजना शुरू की जा रही है। चरणबद्ध तरीके से लागू की जाने वाली इस योजना के तहत गांवों में प्रति परिवार 10-10 रुपये प्रति बल्ब की दर से तीन से चार एलईडी बल्ब वितरित किये जाएंगे।
योजना से जुड़े सूत्रों ने कहा,
‘‘ग्रामीण उजाला योजना नाम से कार्यक्रम अगले महीने जनवरी 2021 के दूसरे सप्ताह से शुरू किया जा सकता है। इसके तहत लगभग 15 से 20 करोड़ ग्रामीण परिवार के बीच 60 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किये जाने की योजना है।’’
सूत्र ने बताया कि योजना चरणबद्ध तरीके से लागू होगी। शुरू में इसे उत्तर प्रदेश के वाराणसी (प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र), बिहार के आरा, महाराष्ट्र के नागपुर, गुजरात के वडनगर और आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में लागू किया जाएगा। योजना को अगले तीन महीने यानी अप्रैल तक पूरे देश में लागू करने की योजना है।
इस योजना के तहत 10 रुपये प्रति एलईडी की दर से 15 से 20 करोड़ परिवार को 3 से 4 बल्ब दिये जाने का लक्ष्य है। बिजली मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उपक्रम - 'एनटीपीसी, पीएफसी, आरईसी और पावरग्रिड' की संयुक्त उद्यम कंपनी अभी उजाला कार्यक्रम के तहत 70 रुपये प्रति बल्ब की दर से 36.50 करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब का वितरण कर चुकी है, लेकिन इसमें से 20 प्रतिशत बल्ब ही ग्रामीण क्षेत्रों में वितरित हो पाये हैं।
ग्रामीण उजाला कार्यक्रम के लाभ के बारे में सूत्रों ने कहा,
‘‘इस योजना के लागू होने से करीब 9324 करोड़ यूनिट सालाना बचत होगी जबकि 7.65 करोड़ टन सालाना कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।’’
इस योजना से ऊर्जा बचत के रूप में करीब 50,000 करोड़ रुपये सालाना बचत का अनुमान है।
सूत्रों के अनुसार,
‘‘इससे जहां लोगों की बिजली बिल के रूप में पैसे की बचत होगी वहीं एक सतत और बेहतर जीवन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही एलईडी बल्ब की मांग बढ़ने से निवेश भी बढ़ेगा।’’
इस कार्यक्रम के लिये केंद्र या राज्यों से कोई सब्सिडी नहीं ली जाएगी और जो भी खर्च होगा, वह ईईएसएल स्वयं करेगी। कार्बन ट्रेडिंग के माध्यम से लागत की वसूली की जायेगी। ईईएसएल ने उजाला कार्यक्रम के अंतर्गत एलईडी बल्ब के अलावा ट्यूबलाइट और ऊर्जा दक्ष पंखों का भी वितरण किया है। इसके प्रमुख कार्यक्रमों में उजाला के अलावा एसएलएनपी (स्ट्रीट लाइटिंग नेशनल प्रोग्राम), स्मार्ट मीटर, इलेक्ट्रिक व्हीकल, ईवी चार्जिंग ढांचागत सुविधा आदि शामिल हैं।
साभार : PTI