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भारत में स्‍मार्ट फोन और मोबाइल इंटरनेट के इस्‍तेमाल में महिलाएं पुरुषों से बहुत पीछे: रिपोर्ट

GSMA के लंदन ऑफिस से आई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पिछले दो सालों में मोबाइल इंटरनेट इस्‍तेमाल करने वाले पुरुषों की संख्‍या तो बढ़ी है, लेकिन महिलाओं की संख्‍या में कोई इजाफा नहीं हुआ है.

भारत में स्‍मार्ट फोन और मोबाइल इंटरनेट के इस्‍तेमाल में महिलाएं पुरुषों से बहुत पीछे: रिपोर्ट

Wednesday June 29, 2022 , 3 min Read

भारत में स्‍मार्टफोन और मोबाइल इंटरनेट इस्‍तेमाल करने वालों का जेंडर अनुपात काफी खराब है. लेकिन GSMA (Global System for Mobile Communications) की वर्ष 2021 की कंज्‍यूमर सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक इस संख्‍या में पिछले दो वर्षों के मुकाबले थोड़ा सा इजाफा हुआ है. वर्ष 2019 और 2020 के मुकाबले स्‍मार्टफोन इस्‍तेमाल करने वाली महिलाओं की संख्‍या में मामूली सा इजाफा हुआ है, लेकिन मोबाइल इंटरनेट इस्‍तेमाल करने वाली महिलाओं का प्रतिशत जस का तस है.

पुरुषों के केस में ऐसा नहीं है. सर्वे रिपोर्ट कहती है कि स्‍मार्ट फोन यूज करने वाले पुरुषों की संख्‍या में बढ़ोतरी के साथ-साथ मोबाइल इंटरनेट यूज करने वाले पुरुषों की संख्‍या भी लगातार बढ़ी है. वर्ष 2019 में भारत में स्‍मार्टफोन इस्‍तेमाल करने वाले पुरुषों की संख्‍या 36 फीसदी थी, जो 2020 में बढ़कर 41 फीसदी हो गई. 2021 की लेटेस्‍ट रिपोर्ट में यह संख्‍या बढ़कर 49 फीसदी हो गई है.

स्‍मार्ट फोन का इस्‍तेमाल बढ़ने के अनुपात में मोबाइल इंटरनेट के इस्‍तेमाल में भी इजाफा हुआ. वर्ष 2019 में भारत में मोबाइल इंटरनेट इस्‍तेमाल करने वाले पुरुषों की संख्‍या 42 फीसदी थी, जो 2020 में बढ़कर 45 फीसदी हो गई. 2021 की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अब यह संख्‍या बढ़कर 51 फीसदी हो गई है.

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वहीं महिलाओं  के संदर्भ में इस आंकड़े को देखें तो वर्ष 2019 में भारत में स्‍मार्टफोन इस्‍तेमाल करने वाली महिलाओं की संख्‍या सिर्फ 14 फीसदी थी, जो 2020 में बढ़कर 25 फीसदी हुई. वर्ष 2021 में यह संख्‍या बढ़कर 26 फीसदी हो गई है. स्‍मार्ट फोन यूज कर रही महिलाओं की संख्‍या लगातार बढ़ रही है, लेकिन पिछले दो सालों में इस अनुपात में महिलाओं के बीच मोबाइल इंटरनेट के इस्‍तेमाल में इजाफा नहीं हुआ है.  

GSMA की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में 21 फीसदी महिलाएं मोबाइल इंटरनेट का इस्‍तेमाल कर रही थीं. 2020 में यह संख्‍या बढ़कर 30 फीसदी हो गई. लेकिन 2021 में इस संख्‍या में कोई इजाफा नहीं हुआ है. इस वर्ष भी यह संख्‍या 30 फीसदी ही है.

हालांकि GSMA की यह रिपोर्ट कहती है कि पिछले पांच सालों के आंकड़े  को देखें तो वर्ष 2017 से लेकर 2021 तक स्‍मार्टफोन और मोबाइल इंटरनेट इस्‍तेमाल करने वालों की संख्‍या में बहुत तेजी से इजाफा हुआ है. यह संख्‍या खासतौर पर LMICs (लोअर एंड मिडिल इनकम कंट्रीज) में तेजी के साथ बढ़ी है.

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महिलाओं की संख्‍या हालांकि पुरुषों के मुकाबले सभी LMIC देशों में कम है, लेकिन उनकी ग्रोथ रेट पुरुषों से काफी ज्‍यादा है. जैसेकि भारत में 2020 में मोबाइल इंटरनेट यूज करने वाली महिलाओं की संख्‍या में 9 फीसदी का इजाफा हुआ, जबकि पुरुषों की संख्‍या में 2 फीसदी का. ये बात अलग है कि पुरुषों की संख्‍या पहले ही महिलाओं के मुकाबले दुगुने से भी ज्‍यादा थी.

GSMA की यह रिपोर्ट कहती है कि लोअर एंड मिडिल इनकम देशों में 2019-20 में 5.9 करोड़ नई महिलाओं ने मोबाइल इंटरनेट का इस्‍तेमाल शुरू किया. लेकिन 2021 में यह संख्‍या नहीं बढ़ी. यही वजह है कि मोबाइल इंटरनेट के इस्‍तेमाल में पहले से मौजूद जेंडर गैप में अब 16 फीसदी का इजाफा हो गया है.

GSMA की रिपोर्ट इसके कारणों पर रौशनी नहीं डालती. संभवत: भविष्‍य में कोई और स्‍टडी यह बता सके कि क्‍या कोविड महामारी की भी इस जेंडर गैप को बढ़ाने में कोई भूमिका रही है. क्‍योंकि नौकरी से लेकर पैसे, सुविधा और स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं तक महिलाओं की पहुंच कोविड के दौरान कम हुई है. आर्थिक सहूलियत और सुरक्षा न हो तो उसका पहला असर हर देश, काल और समाज में महिलाओं की जिंदगी पर ही पड़ता है.    


Edited by Manisha Pandey