छोटे सेलर्स को GST काउंसिल का बड़ा तोहफा, ऑनलाइन बिजनेस में होगी और आसानी
उद्योग के दिग्गजों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से सामान की ऑनलाइन सेल्स को बूस्ट मिलेगा.
चंडीगढ़ में 28 और 29 जून को हुई GST काउंसिल की 47वीं मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए. कई वस्तुओं और सेवाओं पर GST रेट में बदलाव पर भी निर्णय लिए गए. इस दौरान GST काउंसिल ने ई-कॉमर्स ऑपरेटरों (ईसीओ) के माध्यम से आपूर्ति करने वाले सप्लायर्स के लिए प्रावधानों में छूट को लेकर भी सैद्धांतिक मंजूरी दी है. काउंसिल ने फैसला किया है कि ईसीओ के माध्यम से माल की आपूर्ति करने वाले व्यक्ति के लिए सीजीएसटी अधिनियम की धारा 24 (ix) के तहत अनिवार्य पंजीकरण की आवश्यकता से छूट दी जाएगी.
अगर ऐसे ऑनलाइन सप्लायर्स का टर्नओवर सामान के मामले में 40 लाख रुपये और सर्विसेज के मामले में 20 लाख रुपये से कम है तो उन्हें जीएसटी में रजिस्टर होने की जरूरत नहीं होगी. साथ ही यह भी शर्त है कि व्यक्ति कोई अंतर-राज्यीय कर योग्य आपूर्ति नहीं कर रहा हो. इसके अलावा कंपोजिशन करदाताओं को कुछ शर्तों के अधीन ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के माध्यम से राज्य के भीतर आपूर्ति करने की अनुमति होगी.
1 जनवरी 2023 से लागू होगा नियम
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि योजना का विवरण, परिषद की विधि समिति द्वारा तैयार किया जाएगा. योजना को दिनांक 01.01.2023 से अस्थायी रूप से लागू किया जाएगा, जो पोर्टल पर और साथ ही ईसीओ द्वारा तैयारियों के अधीन होगा. उद्योग के दिग्गजों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से सामान की ऑनलाइन सेल्स को बूस्ट मिलेगा.
क्या कहते हैं इंडस्ट्री के लोग
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक,
के संस्थापक और सीईओ विदित आत्रे का कहना है कि लगभग 5 करोड़ एमएसएमई, वर्तमान में अनिवार्य जीएसटी अनिवार्यताओं के कारण ऑनलाइन बिक्री करने में असमर्थ हैं. सरकार का यह गेम-चेंजिंग उपाय कारीगरों, बुटीक और मॉम-एंड-पॉप स्टोर सहित लाखों छोटी इकाइयों के लिए एक इनेबलर साबित हो सकता है. वहीं एमएसएमई को एक ज्यादा बड़े एड्रेसेबल मार्केट, बढ़ी हुई क्षमता और पूंजी तक आसान पहुंच का फायदा मिलेगा. इस कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और राज्य सरकारों के लिए बड़े पैमाने पर कर राजस्व को अनलॉक किया जाएगा. उनका यह भी कहना है कि 2022 में मीशो पर ऑनलाइन आने की चाहत रखने वाले लगभग 60 प्रतिशत छोटे व्यवसाय, जीएसटी अनिवार्यताओं के कारण बंद हो गए.डिजिटल इंडिया एजेंडे को भी मिलेगा प्रोत्साहन
में चीफ कॉर्पोरेट अफेयर्स ऑफिसर रजनीश कुमार ने कहा कि यह निर्णय छोटे व्यवसायों को बढ़ने और समृद्ध होने में मदद करने के अलावा देश के डिजिटल इंडिया एजेंडे को प्रोत्साहित करेगा और बढ़ावा देगा. इससे छोटे व्यवसायों, विशेष रूप से कारीगरों, बुनकरों, हस्तशिल्प निर्माताओं, कलाकारों और होम मेकर्स के लिए ई-कॉमर्स के माध्यम से बाजारों तक पहुंचने और इन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उनके ऑन-बोर्डिंग को सुगम बनाने के लिए अनुपालन बोझ कम हो जाएगा.