नवंबर में 1.46 लाख करोड़ रुपये रहा GST कलेक्शन, लगातार नौवें महीने 1.40 लाख करोड़ पार
पिछले महीने, यानि की नवंबर में, माल और सेवा कर (Goods and Services Tax - GST) रेवेन्यू कलेक्शन एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए से अधिक रहा. वित्त मंत्रालय के अनुसार, सकल जीएसटी राजस्व संग्रह नवंबर महीने में 1,45,867 करोड़ रुपये रहा. यह लगातार नौवां महीना है जब GST रेवेन्यू कलेक्शन एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक हुआ है.
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इस वर्ष नवंबर में GST कलेक्शन पिछले वर्ष इसी अवधि की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक हुआ है. पिछले वर्ष नवंबर में एक लाख 31 हजार करोड़ रुपये से अधिक का GST कलेक्शन हुआ था.
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 25,681 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (SGST) 32,651 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (IGST) 77,103 करोड़ रुपये (आयातित वस्तुओं पर प्राप्त 38,635 करोड़ रुपये समेत) और उपकर 10,433 करोड़ रुपये रहा है. इसमें 817 करोड़ रुपये आयातित वस्तुओं से प्राप्त उपकर शामिल है.
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को जानकारी दी है कि, मुख्य रूप से उपभोक्ता खर्च बढ़ने और बेहतर अनुपालन से जीएसटी राजस्व बढ़ा है.यह लगातार नौवां महीना है जब माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है. आपको बता दें जीएसटी राजस्व अप्रैल महीने में रिकॉर्ड 1.68 लाख करोड़ रुपये के उच्च स्तर पर पहुंच गया था, वहीं, दूसरा सबसे अधिक राजस्व अक्टूबर में 1.52 लाख करोड़ रुपये दर्ज हुआ था. मई में यह 1.41 लाख करोड़ रुपये, जून में 1.45 लाख करोड़ रुपये, अगस्त में 1.44 लाख करोड़ रुपये, सितंबर में 1.48 लाख करोड़ रुपये रहा था.
वित्त मंत्रालय ने बताया कि केंद्र ने नियमित निपटान के रूप में आईजीएसटी से सीजीएसटी में 33,997 करोड़ रुपये और एसजीएसटी में 28,538 करोड़ रुपये का निपटान किया है.
इस महीने के दौरान आयातित वस्तुओं के आयात से राजस्व 20 प्रतिशत अधिक रहा है, वहीं घरेलू लेन-देन (सेवाओं के आयात समेत) से राजस्व सालाना आधार पर आठ प्रतिशत अधिक रहा.
आपको बता दें कि देश में नई कर व्यवस्था को लागू होने में 17 साल लग गए थे. जीएसटी को 2016 में राज्य सभा और लोकसभा ने पास कर दिया. जीएसटी को 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के रूप में अधिनियमित किया गया. 1 जुलाई, 2017 को इसे देश में लागू कर दिया गया. जीएसटी देश में सही ढंग से लागू करने के लिए एक जीएसटी परिषद का गठन किया गया. परिषद में केंद्रीय वित्त मंत्री, राज्य मंत्री (रेवेन्यू) और राज्यों के वित्त मंत्रियों को जगह दी गई.