प्याज की खेती ने बदली इस किसान की किस्मत, 20 हजार की लागत लगाकर कमाने लगे 2.5 लाख रुपए
गुजरात राज्य के बन्नासकाँठा जिले के रहने वाले अशोक राजगोर पेशे से खेतिहर किसान हैं। इन्होंने अपनी जमीन की उर्वरकता को समझते हुए सही समय पर उचित निर्णय लिया और आज फसल में महज 20 हजार रुपए लागत लगाकर सीजन का लाखों रुपए कमा रहे हैं।
एक अच्छे बिजनेसमैन की पहली कुशलता यही होती है कि कम लागत मूल्य में अधिक-अधिक से लाभ कमाया जा सके। इसके अलावा सही समय पर सही निर्णय ले सके और ये दोनों खूबियां हैं गुजरात के अशोक राजगोर में, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन की बदौलत यह सिद्ध कर दिया कि खेती-किसानी को यदि उचित निर्णय लेते हुए पूरी दृढ़-इच्छाशक्ति के साथ किया जाए तो उससे से काफी अच्छा लाभ कमाया जा सकता है।
मूलरूप से गुजरात राज्य के बन्नासकाँठा जिले के रहने वाले अशोक राजगोर पेशे से खेतिहर किसान हैं। इन्होंने अपनी जमीन की उर्वरकता को समझते हुए सही समय पर उचित निर्णय लिया और आज फसल में महज 20 हजार रुपए की लागत लगाकर सीजन का लाखों रुपए कमा रहे हैं।
![अशोक राजगोर](https://images.yourstory.com/cs/12/087c64901fd011eaa59d31af0875fe47/Image9c9o-1648438795311.jpg?fm=png&auto=format)
जरूरत जैसी, करें खेती वैसी
अशोक भी पहले अन्य किसानों की तरह पारंपरिक तरह से खेती करते थे। लेकिन, इससे उन्हें कुछ खास प्रॉफ़िट नहीं हो रहा था। इसलिए उन्होंने समय के साथ खेती के तरीके और फसल में बदलाव करने की ठान ली।
एक मीडिया चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, “अगर किसी को कम लागत में खेती से ज्यादा लाभ कमाना है तो उसे अपने फसल और तरीके में बदलाव कर लेना चाहिए। यकीन मानिए कि अगले सीजन में आपकी अधिक कमाई होगी।”
एक मुलाकात ने बदल दी जिंदगी
अशोक काफी लंबे समय से खेती कर रहे हैं। उनके पास करीब 2.5 बीघा जमीन है। वह भी लंबे समय से अन्य किसानों की तरह लंबे सीजन वाली फसलों पर अधिक फोकस रखते थे। इसके अलावा फसल को अच्छा बनाने के लिए पहले वे केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग करते थे जिसके इस्तेमाल से लागत भी बढ़ जाता था।
फिर एक दिन उनकी मुलाकात जीतू वेदानी से हुई है जो लंबे समय से नेचूरल फार्मिंग कर रह थे। बस वो दिन था और आज का दिन है। अशोक ने, न केवल केमिकल फार्मिंग का रास्ता छोड़ ऑर्गेनिक फार्मिंग का रास्ता अपनाया, बल्कि फसलों के चुनाव में परिवर्तन कर दिया।
![प्याज की खेती](https://images.yourstory.com/cs/12/087c64901fd011eaa59d31af0875fe47/Imagenwcm-1648439012164.jpg?fm=png&auto=format)
प्याज की खेती
पहली बार हुई थी 55 हजार की कमाई
गुजरात के रहने वाले इस किसान ने अपने खेती करने के तरीके बदले और साथ ही बदल दिया लंबी समयसीमा में तैयार होने वाली फसल।
वह कहते हैं, “मैंने सबसे पहले नेचुरल फार्मिंग के रूप में पारंपरिक फसलों की जगह प्याज की खेती करने का फैसला किया। जिसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यह कम समय में तैयार हो जाती है और बाजार में इसकी डिमांड भी सालभर बनी रहती है। इसके अलावा इसे पैदा करने में लागत भी कम आती है। पहले साल मैंने आधा बीघा जमीन पर प्याज लबोया था, जिसमें लगभग 10 हजार रुपए का खर्चा आया था। जब फसल तैयार हो गई और खेत से प्याज निकलने लगा। तब मैंने इसकी मार्केट में सप्लाई शुरू की। आपको जानकारी हैरानी होगी कि पहले ही सीजन में मुझे करीब 55 हजार रुपए का सीधा मुनाफा हो गया था।”
अन्य किसानों को भी दे रहे हैं ट्रेनिंग
अशोक राजगौर ने खेती की इस राह को अपनाकर न सिर्फ अपनी जिंदगी ही बदली है, बल्कि अब तक 30 अन्य किसानों को भी इसके बारे में प्रशिक्षण देने का काम पूरा कर चुके हैं।
वह अपनी खेती में केमिकल उर्वरक की जगह पर जानवरों के गोबर की खाद बनाकर उसका इस्तेमाल करते हैं। इससे उनकी उत्पादकता काफी बढ़ी है। यही नहीं मार्केट और मंडियों में इस फसल का अच्छा दाम भी मिल रहा है।
उनकी इस कामयाबी को देखकर अन्य किसान भी इसी रास्ते को अपनाने में जुट गए हैं।
Edited by Ranjana Tripathi