दुनिया का सबसे बड़ा सोलर पावर पार्क तैयार कर रहा है गुजरात, वो भी पाकिस्तान बॉर्डर के पास
इस हाइब्रिड सोलर एंड विंड पावर पार्क निर्माण के बाद भारत रिन्यूवेबल एनर्जी उत्पादन की दिशा में एक अहम पड़ाव को पार कर लेगा, इसी के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जारी देश के प्रयासों को भी बल मिलेगा।
गुजरात के कच्छ क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े सोलर पावर पार्क का निर्माण किया जा रहा है। कच्छ का इलाका, जहां दिन के समय तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना रहता है और इंसानी बस्ती भी न के बराबर है, ऐसे में यह क्षेत्र सोलर पावर पार्क के निर्माण के लिए एकदम मुफीद है।
इस हाइब्रिड सोलर एंड विंड पावर पार्क निर्माण के बाद भारत रिन्यूवेबल एनर्जी उत्पादन की दिशा में एक अहम पड़ाव को पार कर लेगा, इसी के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जारी देश के प्रयासों को भी बल मिलेगा।
दिसंबर तक पूरा हो जाएगा निर्माण
बीते साल दिसंबर में प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात में इस बेहद विशाल एनर्जी प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी, जिसके जरिये 30 गीगावॉट (30 हज़ार मेगावॉट) बिजली उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार इस विशाल सोलर पावर पार्क के निर्माण लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाना है।
बीते चार महीनों से इस सोलर पार्क के निर्माण का काम तेजी से चालू और अनुमान लगाया जा रहा है कि सोलर पावर पार्क का काम इसी साल दिसंबर के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि अगर सब कुछ सही रहा तो यह पार्क 2024 तक 15 गीगावॉट तक ऊर्जा का उत्पादन करने में सक्षम हो जाएगा। इस निर्माण की शुरुआत के साथ ही क्षेत्रीय लोगों के बीच रोजगार की भी उम्मीद बढ़ी है।
इस सोलर पावर पार्क को भारत-पाकिस्तान सीमा के पास ही निर्मित किया जा रहा है। मालूम हो कि क्षेत्र में निर्माण के लिए बॉर्डर की सुरक्षा के लिए तैनात सीमा सुरक्षा बल से भी अनुमति ली गई है।
गुजरात से बाहर भी भेजी जाएगी बिजली
द प्रिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार इस प्रोजेक्ट की ज़िम्मेदारी निभा रहे राजेन्द्र मिस्त्री की मानें तो इस सोलर पावर पार्क से बनी बिजली की सप्लाई गुजरात और गुजरात से बाहर अन्य राज्यों को भी की जाएगी। इस पार्क को रिन्यूवेबल एनर्जी की दिशा में अब तक के सबसे बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि देश में बिजली उत्पादन का सबसे बड़ा हिस्सा कोयले पर आधारित है, जबकि भारत काफी लंबे समय से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सक्रिय भूमिका के साथ डटा हुआ है। आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2020 तक देश में 90.39 गीगावॉट रिन्यूवेबल एनर्जी का उत्पादन हुआ है, जबकि सरकार ने साल 2022 तक देश में 175 गीगावॉट रिन्यूवेबल एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य रखा हुआ है।
भारत में ही है फिलहाल सबसे बड़ा सोलर पार
कच्छ में इस सोलर पावर पार्क के निर्माण के साथ ही कर्नाटक के पावागढ़ स्थित सोलर पार्क इस मामले में दूसरे नंबर पर आ जाएगा, फिलहाल यह सोलर पावर पार्क 2 हज़ार मेगावॉट रिन्यूवेबल एनर्जी उत्पादन के साथ ही विश्व में सबसे आगे है। 2018 में शुरू किए गए पावागढ़ सोलर पार्क के जरिये देश की कुल सोलर एनर्जी के 19 प्रतिशत हिस्से का उत्पादन किया जाता है।
मालूम हो कि साल 2014 में ही केंद्र सरकार ने सोलर पार्क के विकास और अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट स्कीम की शुरुआत की थी, जिसके जरिये इस तरह के 50 सोलर पार्क और अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट की स्थापना की जानी थी।