Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

पाकिस्तानी महिलाओं की लाज बचाने के लिए अमेरिका में लड़ रहीं गुलालाई

पाकिस्तानी महिलाओं की लाज बचाने के लिए अमेरिका में लड़ रहीं गुलालाई

Monday September 30, 2019 , 3 min Read

सेना द्वारा पख्तूनी महिलाओं के यौन शोषण का विरोध करती हुई पाकिस्तान से भागकर अमेरिका पहुंचीं खैबर पख्तूनख्वा की महिला अधिकार कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल इन दिनो न्यूयॉर्क में विश्व समुदाय को बता रही हैं कि आतंकवाद को खत्म करने के नाम पर पाकिस्तान निर्दोष पख्तूनों की हत्या कर रहा है।

k

गुलालाई इस्माइल


पाकिस्तान से किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहीं महिला अधिकार कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल इन दिनों अमेरिका में पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शन का चेहरा बनी हुई हैं। वह संयुक्त राष्ट्र से राजनीतिक शरणार्थी के रूप में रहने की अनुमति मांग रह रही हैं।

अभी गत शुक्रवार को उन्होंने न्यूयॉर्क की सड़कों पर पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जब संयुक्त राष्ट्र में महासभा को संबोधित कर रहे थे, तो गुलालाई यूएन मुख्यालय के बाहर मुहाजिर, पश्तून, बलूच, सिंधी और बाकी अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं। ऐसे में उन्हे न जानने वालों के सामने एक सवाल पैदा हो सकता है कि आखिर कौन हैं गुलालाई इस्माल? तो आइए, उनके संघर्षों पर एक नजर दौड़ाते हैं।


अभी दो माह पहले ही अगस्त में राजनीतिक शरण हासिल करने के लिए पाकिस्तान से भागकर अमेरिका पहुंचीं मानवाधिकारों के हनन की मुखर आलोचक गुलालाई इस्माल को उनके मुल्क में अधिकारियों ने छिपकर जीने के लिए मजबूर कर रखा था। वह इसलिए पाकिस्तानी अधिकारियों के निशाने पर रहीं क्योंकि उन्होंने देश की सेना द्वारा किए जाने वाले अत्याचारों को उजागर किया था। वह राजद्रोही करार दी गईं। इस समय वह  अपनी बहन के साथ ब्रूकलिन में रह रही हैं।


k

गुलालाई इस्माइल पेरिस के 'अवेयर गर्ल्स' अवॉर्ड फंक्शन में

गुलालाई कहती हैं कि वह पाकिस्तान से भागने के माध्यम का खुलासा नहीं करना चाहती हैं क्योंकि उससे बहुत से लोगों की जान खतरे में पड़ जाएगी। वह दोस्तों की मदद से श्रीलंका, फिर वहां से अमेरिका पहुंचीं। इस समय वह न्यूयॉर्क में मानवाधिकार रक्षकों से लगातार भेट-मुलाकातें कर रही हैं। 


पश्तून तहफ्फुज आंदोलन (पीटीएम) की कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल पाकिस्तानी सेना द्वारा यौन शोषण की घटनाओं को उजागर करने की कोशिशें करती रही हैं। पाकिस्तान की महिला कार्यकर्ताओं के एक समूह ने प्रधानमंत्री इमरान खान को पत्र लिखकर गुलालाई इस्माइल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील के साथ ही उन पर देशद्रोह के मामले को गलत करार दिया। 27 मई को राज्य विरोधी भाषण देने के मामले में इमरान सरकार ने उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया था। गुलालाई के पाकिस्तान से भागने की खबर ऐसे समय पर सामने आई है, जबकि खुद पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को मानवाधिकार का मुद्दा बनाकर विश्व मंच पर सहानुभूति बटोरने में विफल हो चुका है। न्यूयॉर्क के डेमोक्रेट सीनेटर चार्ल्स शूमर ने गुलालई के शरण देने वाले अनुरोध का समर्थन करते हुए कहा है कि वह इसके लिए कुछ भी करेंगे। 


k

पख्तून में पीड़ित महिलाओं से बातचीत करतीं गुलालाई इस्माइल

खैबर पख्तूनख्वा की रहने वाली इस्माइल ने 16 साल की उम्र में युवा लड़कियों की पढ़ाई और उनके अधिकारों के लिए एक एनजीओ शुरू किया था।


2013 में उन्होंने 100 महिलाओं की एक टीम बनाई थी जो घरेलू हिंसा और बाल विवाह जैसे मुद्दों पर काम करे।


अपने काम के लिए उन्हें कई अवॉर्ड मिले हैं। मई में फेसबुक और ट्विटर पर उन्होंने पख्तूनी महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की मुखालफत की थी।


इस समय गुलालाई अमेरिका में दुनिया को बता रही हैं कि आतंकवाद को खत्म करने के नाम पर पाकिस्तान निर्दोष पश्तूनों की हत्या कर रहा है। सेना के निगरानी केंद्र और टॉर्चर सेल में हजारों लोगों को कैद कर लिया गया है। इस मानवाधिकार उल्लंघन को तुरंत रोककर टॉर्चर सेल में बंद लोगों को रिहा किया जाए। खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी सैन्य संस्थानों की तानाशाही है। युद्ध पीड़ित पश्तूनों के लिए आवाज उठाने पर उनके पिता और मां को प्रताड़ित किया जा रहा है।