कुछ इस तरह यह स्टार्टअप तकनीक की मदद से पूरी कर रहा ब्रैंड्स की सेल्स जरूरतें
सेलिंग यानी विक्रय किसी भी व्यवसाय के लिए सफलता का केंद्र बिंदू होता है और अगर आप यंग ब्रैंड हैं तो यह आपके लिए सबसे बड़ी चुनौती है। अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले रचित माथुर, दिलकश मल्होत्रा, जेपी राऊत और आशीष वत्स एक दशक से भी लंबे वक्त से एक-दूसरे को जानते हैं। इस चौकड़ी ने महसूस किया कि एक स्टार्टअप के लिए सेल्स सबसे बड़ी समस्या है। इस समस्या के समाधान के लिए चारों ने मिलकर साल 2018 में सेल्स को सर्विस के तौर पर देने वाले Avenue Growth स्टार्टअप की शुरुआत की।
यह एक ऐसी कंपनी है जहां बाकी कंपनियों को उसके प्लैटफॉर्म पर जाना है, अपनी सेल्स की सारी जरूरतें बतानी हैं और फिर एवेन्यू ग्रोथ जरूरतों के हिसाब से एक पर्फेक्ट सेल्सपर्सन सजेस्ट करती है। यह स्टार्टअप ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रेजुएट युवाओं को उनकी जरूरतों के हिसाब से ट्रेनिंग देता है।
रचित कहते हैं,
'सेल्स के लिए एक पर्फेक्ट कर्मचारी को भर्ती करना खर्चीली और समय लगने वाली प्रक्रिया हो सकती है। सेल्स आउटसोर्सिंग आपके ब्रैंड को सस्ते रेट पर पहचान दिलाने में मदद कर सकता है।'
स्टार्टअप के को-फाउंडर्स दावा करते हैं कि गुरुग्राम बेस्ड इस स्टार्टअप ने 25000 से अधिक सेल्समैनों के लिए रोजगार के अवसर खोले हैं। फिलहाल कंपनी में 25000 से अधिक ग्रोथ स्पेशलिस्ट हैं जो 500 से अधिक ब्रैंड्स को सर्विस दे रहे हैं।
कॉ-फाउंडर आगे कहते हैं,
'आउटसोर्सिंग बिना आपको परेशान किए आपके प्रोडक्ट को पहचान दिलाने में मदद करती है। आप अपने प्रोडक्ट के डेवेलपमेंट पर ध्यान लगा सकते हैं, बाकी मार्केट में आपको स्थापित करने में हम मदद कर सकते हैं। एवेन्यू ग्रोथ के साथ आपको आगे बढ़ने के बाद भुगतान करना होता है।'
शुरुआती समय
एक ही कंपनी की सेल्स टीम में काम करने के कारण रचित, दिलकश को एक दशक से जानते थे। दोनों ही हमेशा अपना कुछ नया शुरू करने पर विचार करते थे। जेपी और आशीष, दोनों ही मार्केटिंग और सेल्स उद्योग में सीनियर प्रोफेशनल्स थे। एक सेल्स इवेंट में रचित और दिलकश से मिलने के बाद चारों ने साथ आने का फैसला किया।
रचित ने 2017 पूरा रिसर्च में लगाया और आखिरकार एक साल बाद चारों ने एवेन्यू ग्रोथ की शुरुआत की। वह कहते हैं,
'हमने बड़े बिजनेसमैनों से बात करना शुरू किया और हमें पॉजिटिव रिप्लाई मिला। इस तरह से हमने शुरुआत की। हमने शुरुआती प्लानिंग में 7 महीने लगाए और फिर हमने एवेन्यू ग्रोथ की शुरुआत की।'
इस स्टार्टअप ने एक रेफरेंस के जरिए पहला क्लाइंट अर्जित किया था और इसके लिए 30,000 डॉलर का भुगतान किया था।
बिजनेस मॉडल
एवेन्यू ग्रोथ चाहती है कि ब्रैंड्स अपके प्रोडक्ट पर फोकस करें, सेल्स पर नहीं। इनका बिजनेस मॉडल एकदम ऐप आधारित है। जहां कंपनियों को ऐप पर अपनी सेल्स जरूरतें बतानी होती हैं, वहीं युवा ऐप पर सेल्स जॉब के लिए एप्लाई कर सकते हैं। जब हमारे पास कोई जरूरत आती है तो हम युवाओं को उन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखकर ट्रेनिंग देते हैं।
साथ ही यह स्टार्टअप एक नया प्रोडक्ट लॉन्च होने पर कंपनी की ग्रोथ बढ़ाने में मदद करता है। एवेन्यू ग्रोथ सुनिश्चित करता है कि प्रोडक्ट की वे सभी आवश्यकताएं पूरी हों जिनकी जरूरत उसे सेल्स डिपार्टमेंट से है।
एवेन्यू ग्रोथ ने ब्रैंड्स के लिए पर्फेक्ट सेल्समैन खोजने के लिए छोटे कस्बों में दशकों पुरानी कई रोजगार एजेंसियों से साझेदारी की है। यह स्टार्टअप ग्रेजुएट युवाओं को सॉफ्ट स्किल्स पर ट्रेनिंग देता है और कंपनी की प्रकृति के बारे में बताता है। यह स्टार्टअप युवाओं को इस तरह से तैयार करता है कि वह चाहें तो पहले क्वॉर्टर में FMCG कंपनी में तो अगले क्वॉर्टर में फाइनेंस कंपनी में आसानी से काम कर सकें।
कॉ-फाउंडर्स के मुताबिक,
'एवेन्यू ग्रोथ सेल्समैन्स के प्रबंधन के लिए सालाना फी लेता है। इसके अलावा मिलने वाली आय का कुछ हिस्सा लेता है।'
इसे एक असंगठित इंडस्ट्री से चुनौती मिलती है। यहां कई एजेंसियां हैं जो इंडस्ट्री के फोकस्ड सेल्स लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपने सेल्समैनों की पूरी टीम का प्रयोग कर सकती हैं। एवेन्यू ग्रोथ के मुताबिक, फिलहाल आउटसोर्सिंग मार्केट की वैल्यू 150 बिलियन डॉलर है। साल 2021 तक इसका 300 बिलियन डॉलर होना प्रस्तावित है।
को-फाउंडर्स का मानना है कि लगभग 52% छोटे व्यवसाय अपने बिजनेस को आउटसोर्स करने पर प्लान कर रहे हैं और यह उनके स्टार्टअप के लिए आगे बढ़ने का एक अच्छा अवसर है।
रचित कहते हैं कि फिलहाल अगर भारत की बात करें तो एवेन्यू ग्रोथ का अनुमानित मार्केट साइज 40 बिलियन डॉलर है और वैश्विक तौर पर यह 650 बिलियन डॉलर है। स्टार्टअप दावा करता है कि वह गूगल, फ्लिपकार्ट और eBay के साथ काम कर चुका है।
रचित कहते हैं कि उनका अगला कदम एवेन्यू ग्रोथ को एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित एक प्लैटफॉर्म बनाना है। यह क्षेत्र के हिसाब से सेल्स की जरूरतों को अपने आप समझ जाएगा। अगले 18 महीनों में स्टार्टअप अपने क्लायंट बेस को स्थापित करना और नए ब्रैंड्स के साथ जुड़ना चाहता है।
वर्तमान में स्टार्टअप के 200 से अधिक क्लायंट हैं। साल 2025 तक स्टार्टअप इस संख्या को 2000 से अधिक में तब्दील करना चाहता है।