परिवारवालों के ख़िलाफ़ जाकर अपने जुनून को अंजाम देने वाली इस महिला ने खड़ा किया करोड़ों का बिज़नेस
शिनील (जो सिर्फ़ अपने पहले नाम को अपने परिचय में शुमार करना चाहती हैं) के अंदर हमेशा से ही ऑन्त्रप्रन्योर बनने की इच्छा थी। उन्होंने 2010 में अपने पहले बिज़नेस वेंचर की शुरुआत की थी, जिसके माध्यम से वह लग्ज़री स्किनकेयर और हेयरकेयर उत्पाद बेचती थीं। इस दौरान उनकी उम्र महज़ 20 साल थी और वह मुंबई के नर्सी मोंजी इन्स्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट से ग्रैजुएशन कर रही थीं।
स्कूल के दिनों से ही वह जानती थीं कि वह अपना बिज़नेस करना चाहती थीं, लेकिन उनके पिता कॉर्पोरेट सेक्टर में बड़े पद पर थे और चाहते थे कि उनकी बेटी उन्हीं की राह पर चले। अपने पिता की मर्ज़ी से शिनील ने मुंबई के वेलिंगकर इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री ली और फिर 2015 में अहमदाबाद के टेक्स्टाइल मैनुफ़ैक्चरर अरविंद लि. कंपनी में काम करने लगीं, लेकिन अपने बिज़नेस के प्रति उनका रुझान हमेशा बना रहा और वह अपने नाम के ब्रैंड से स्किनकेयर और हेयरकेयर प्रोडक्ट्स बेचती रहीं। बिज़नेस अच्छा चला और 10 महीने अरविंद लि. के साथ काम करने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी। उनके परिवारवाले उनके इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ थे क्योंकि इस दौरान ही उन्हें अरविंद लि. में प्रमोशन मिलने वाला था।
2016 में शिनील पूरी तरह से अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने में जुट गईं। उनके पास इतनी सेविंग्स थीं कि वह 4 महीनों तक अपने खर्चे संभाल सकें। शुरुआती दौर में किस्मत ने उनका इम्तेहान लिया और जहां उनके ब्रैंड को एक दिन में 20 ऑर्डर्स मिल रहे थें, वहीं एक महीने में 20 ऑर्डर मिलने लगे। शिनील बताती हैं कि इस दौरान वह काफ़ी परेशान रहने लगी थीं और इसका उपाय खोजने के लिए उन्होंने किताबों का सहारा लिया। शिनील ने कहा,
"मुझे लगता था कि मैंने अपने माता-पिता की बात नहीं सुनी और इसलिए ही मुझे मेरे कर्मों का यह बुरा फल मिल रहा है।"
शिनील की मदद करने के लिए वरुण अरोड़ा ने उनके साथ किसी पहाड़ी जगह घूमने जाने की योजना बनाई। वरुण उस समय उनके बॉयफ़्रेंड थे और हाल में, वह शिलीन के पति हैं। इतना ही नहीं वरुण, शिनील के साथ बिज़नेस पार्टनर भी हैं। धर्मशाला में घूमने के दौरान वरुण और शिलीन जिस जगह ठहरे थे, वह एक शाही महल था और उसके मालिक महाराजा के साथ शिनील ने बातचीत की। महाराजा को शिनील का काम पसंद आया और कुछ समय बाद उन्होंने शिनील से अपने भतीजे की शाही शादी के लिए हैंपर्स डिज़ाइन करने को कहा। शाही परिवार अपनी पहचान को मीडिया के समक्ष सार्वजनिक करने से इनकार करता है।
शिनील बताती हैं कि इसके बाद शाही शादियों की कतार सी लग गई और उनको काम मिलने लगा। उन्होंने बताया कि उन्हें 17 शाही परिवारों से ऑर्डर्स मिले। शाही परिवारों को ऑफ़र किए गए प्रोडक्ट्स का ज़िक्र करते हुए शिनील ने बताया,
"हमारे लग्ज़री ब्यूटी ऑयल में 24 कैरेट गोल्ड था और साथ ही, इसकी पैकेजिंग भी 24 कैरेट गोल्ड में ही की गई थी।"
डियॉर, एस्टी लॉडर और गूची जैसे बड़े ब्रैंड्स का ज़िक्र करते हुए शिनील कहती हैं कि इनके प्रोडक्ट्स में केमिकल्स का इस्तेमाल होता है, जबकि उनके प्रोडक्ट्स पूरी तरह से प्राकृतिक और ऑर्गेनिक हैं।
अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए शिनील ने अक्टूबर, 2016 में अपने बिज़नेस को ऑनलाइन प्लैटफ़ॉर्म पर लॉन्च किया, जिसके चलते शाही परिवारों ने शिनील के ब्रैंड से किनारा कर लिया क्योंकि उन्हें लगा कि ऑनलाइन प्लैटफ़ॉर्म पर आने के बाद उन्हें मिलने वाले प्रोडक्ट्स एक्सक्लूसिव नहीं रह जाएंगे।
अब बारी थी शिनील के यूरेका मोमेंट की। दरअसल शिनील ने मुंबई एयरपोर्ट पर डब्ल्यूएच स्मिथ के स्टोर पर एक तराशा हुआ लकड़ी का हाथी देखा था। इस तरह के उत्पाद आमतौर पर 2 से 4 हज़ार रुपए की रेंज में उपलब्ध होते हैं। शिनील को याद आया कि एक बार अपने प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग के काम के दौरान उन्होंने लकड़ी की कारीगरी करने वाले के घर में ऐसे ही हाथी देखे थे और उसकी कीमत मात्र 22 रुपए प्रति पीस थी।
शिनील ने 6 ऐसे हाथी ख़रीदे और अपने दोस्तों और परिवारवालों को भेजे, जिन्हें इस तरह की नायाब चीज़ें इकट्ठा करने का शौक़ था। शिनील को बहुत ही सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और इस तरह से शिनील ने अपना लेटेस्ट वेंचर हाउस ऑफ़ आर्टिसन्स (टीएचओए) 2016 में लॉन्च किया। उन्होंने अपनी निजी बचत के 12 हज़ार रुपयों से यह बिज़नेस शुरू किया था और आज इसकी क़ीमत 2 करोड़ रुपए की है। कंपनी बीटूबी और बीटूसी दोनों ही मॉडल्स के तहत काम करती है।
शिनील ने स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, यूएस, यूएई और कनाडा में डिज़ाइन स्टोर्स और कॉन्सेप्ट रेस्तरां के साथ संपर्क बनाए और लकड़ी, मोती, चीनी मिट्टी, धातु और टेक्स्टाइल से बने अपने उत्पादों की सप्लाई शुरू की। सिर्फ 6 महीनों में टीएचओए ने लागत बराबर कर ली और शुरुआत से पहले ही साल के भीतर कंपनी मुनाफ़े में आ गई।
गुरुग्राम का यह स्टार्टअप न सिर्फ़ भारत के बल्कि ट्यूनेशिया और नेपाल के कलाकारों के साथ भी काम करता है। शिनील बताती हैं,
"ट्यूनेशिया ओलिव वुड के लिए मशहूर है, जो दुनिया की सबसे कठोर लकड़ी है। इसमें ओलिव ऑयल की महक होती है और इसको किसी तरह के ट्रीटमेंट की ज़रूरत नहीं होती। नेपाल में वीविंग केन का काम मशहूर है।"
शिनील बताती हैं कि उनके ब्रैंड के अंतर्गत ऐसे उत्पाद तैयार किए जाते हैं, जो पूरी तरह से हाथ से बने होते हैं और साथ ही, उनमें किसी न किसी तरह की कोई कमी ज़रूर होती है। वह मानती हैं कि यही उनके उत्पादों की पहचान है।
शिनील के ब्रैंड की एक और ख़ास बात यह है कि इसके साथ काम करने वाले कलाकारों को नियमित वेतन मिलता है। कलाकारों को उनकी कुशलता और क्षमता के हिसाब से 5 हज़ार रुपए से लेकर 25 हज़ार रुपए तक वेतन मिलता है। 2018 में शिनील के पति वरुण ने महिंद्रा कॉमविया में नौकरी छोड़कर शिनील का बिज़नेस जॉइन कर लिया और यहां पर वह सप्लाई की देखरेख करते हैं।
शिनील कहती हैं कि अपने ब्रैंड के माध्यम से वह लोगों के अंदर ख़ामियों की क़ीमत समझने और उसे सकारात्मक ढंग से स्वीकार करने की सोच विकसित करना चाहती हैं। वह भविष्य में एक ऐसा इन्फ़्रास्ट्रक्चर विकसित करना चाहती हैं, जहां पर आकर लोग तैयार होने वाले उत्पादों को महसूस कर सकें और कलाकारों के साथ मिलकर अपने उत्पाद तैयार कर सकें। निकट भविष्य में विकास दर को बढ़ाने के लिए शिनील फ़ंडिंग जुटाने पर भी विचार कर रही हैं।