आधी आबादी का दर्द: 58 मंत्रियों वाले नए मंत्रिमंडल में सिर्फ 6 महिलाएं!
खुशियों के नन्हे-नन्हे पल कभी-कभी इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस समय राष्ट्रपति भवन में नए कार्यकाल के लिए पद और गोपनियता की शपथ ले रहे थे, अहमदाबाद में उनकी भावुक मां टीवी पर वह दृश्य देखकर खुशी से तालियां बजा रही थीं। इस बार सुषमा स्वराज के मंत्री न होने का दर्द पूरी दुनिया में छलका तो मेनका गांधी के लिए कई कयास लगने लगे।
पिछली बार के मुकाबले इस बार संसद में ज्यादा महिलाएं पहुंचने के बावजूद मोदी मंत्रिमंडल में संख्या बढ़ने की बजाए तीन घट गई है। पिछली एनडीए सरकार में नौ महिला सांसदों को मंत्री बनाया गया था। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तो खैर स्वास्थ्यगत कारणों से और उमा भारती भी चुनाव ही नहीं लड़ी थीं, निर्वाचित होकर भी आठ बार की सांसद मेनका गांधी का मंत्री होने से वंचित रह जाना तरह-तरह के कयासों में हैं।
एक कयास यह भी है कि मेनका गांधी 17वीं लोकसभा में अस्थायी अध्यक्ष (प्रो-टर्म स्पीकर) बन सकती हैं। इस बार वह उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से निर्वाचित हुई हैं। मेनका इससे पहले की मोदी सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रही हैं।
वैसे इस बार नरेंद्र मोदी सरकार के गठन, शपथ ग्रहण के समय आधी आबादी के जो कई दर्द छलके, उन सब पर भारी पड़ गईं पीएम मोदी की मातुश्री की तालियों से फूटतीं खुशिया। मोदी जब दूसरे कार्यकाल की शपथ ले रहे थे, अहमदाबाद से टीवी पर पुत्र की बुलंदियां देखकर उनकी भावुक मां तालियां बजा रही थीं। गौरतलब है कि पीएम मोदी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से पहले अपनी मां के चरण स्पर्श कर आए थे। शपथ ग्रहण से जुड़ा एक दर्द, पूरी दुनिया में छलका, सुषमा स्वराज का नए मंत्रियों की कतार से अनुपस्थित होना था।
वैसे तो इस बार नजमा हेपतुल्ला, उमा भारती, कृष्णा राज भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुई हैं, लेकिन आम पब्लिक और प्रशंसकों को सबसे अधिक कमी सुषमा स्वराज की चुभी।
शपथग्रहण समारोह के बाद सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर पीएम मोदी का आभार जताते हुए लिखा- 'प्रधानमंत्रीजी, आपने 5 वर्षों तक मुझे विदेश मंत्री के तौर पर देशवासियों और प्रवासी भारतीयों की सेवा करने का मौका दिया और पूरे कार्यकाल में व्यक्तिगत तौर पर भी बहुत सम्मान दिया। मैं आपके प्रति बहुत आभारी हूं। हमारी सरकार बहुत यशस्विता से चले, प्रभु से मेरी यही प्रार्थना है।'
केंद्रीय कैबिनेट में सुषमा स्वराज को नहीं पाकर प्रशंसकों में निराशा फैल गई। कुछ लोगों ने जहां उनको शामिल नहीं करने पर पीएम मोदी पर सवाल तक उठा दिएए वहीं कुछ लोगों ने उनको मंत्री बनाए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर अभियान भी शुरू कर दिया। कुछ फैन्स ने बतौर विदेश मंत्री सुषमा के काम की तारीफ करते हुए उन्हें प्रेरणादायी करार दिया। लोगों ने सुषमा जी से किसी न किसी रूप में सक्रियता बनाए रखने की गुजारिश भी की।
भारत में इजरायल के पूर्व दूत डेनियल कैरमन ने भी अपने कार्यकाल के वक्त विदेश मंत्री रहीं सुषमा के काम को याद कर उन्हें भविष्य के लिए बधाई दी। कुछ प्रशंसकों ने यमन में फंसे भारतीयों को वापस लाने, संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण देने जैसे कई यादगार कामों को यादकर दोबारा कैबिनेट में लौटने की अपील तक कर डाली।
मोदी सरकार में इस बार छह महिला मंत्रियों ने शपथ ली है- निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, हरसिमरत कौर बादल, साध्वी निरंजन ज्योति, रेणुका सिंह और देबाश्री चौधरी।
इनमें से निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी और हरसिमरत कौर बादल को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, जबकि साध्वी निरंजन ज्योति, रेणुका सिंह और देबाश्री चौधरी को राज्यमंत्री का ओहदा दिया गया है। स्मृति ईरानी और निरंजन ज्योति यूपी से, रेणुका सिंह सरूता छत्तीसगढ़ से, देबोश्री चौधरी प.बंगाल से, सिमरत कौर बादल पंजाब से निर्वाचित हुई हैं। निर्मला सीतारमण राज्यसभा सदस्य हैं।