जल्द भारत की सड़कों पर दौड़ती दिखेगी Hero-Harley की बाइक
November 28, 2022, Updated on : Tue Nov 29 2022 05:56:14 GMT+0000

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और हार्ले डेविडसन के जॉइंट वेंचर में बनी बाइक अगले दो सालों में बाजार में आ सकती है. हीरो मोटोकॉर्प के सीएफओ निरंजन गुप्ता ने इसकी जानकारी दी.
इस गाड़ी के जरिए हीरो मोटोकॉर्प को प्रीमियम सेगमेंट में अपनी जगह और मजबूत करने में मदद मिलेगी. हीरो अभी देश की सबसे बड़ी टू वीलर मेकर है जिसका बजट सेगमेंट (100-110cc) दबदबा है. अब कंपनी की नजर 160cc सेगमेंट में वॉल्यूम और प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ाने पर काम कर रही है.
गुप्ता ने एनालिस्ट कॉल में कहा, अगले दो सालों के टाइमफ्रेम में आप ऐसे प्रीमियम मॉडल देखेंगे जो वॉल्यूम के साथ साथ प्रॉफिटेबल सेगमेंट भी होंगे. इनमें हार्ले के साथ मिलकर जो गाड़ियां बनाई जाने वाली हैं वो भी शामिल होंगी.
उन्होंने आगे कहा कंपनी प्रीमियम प्रॉडक्ट्स की तगड़ी पाइपलाइन बना रही है और इस सेगमेंट में हर साल एक गाड़ी लॉन्च करेगी. इसकी मदद से हमें प्रीमियम सेगमेंट में मार्केट शेयर हासिल करने में मदद मिलेगी.
सितंबर 2020 में हार्ले डेविडसन ने इंडियन मार्केट से निकलने का ऐलान किया था. एक महीने बाद ही अक्टूबर 2020 में हीरो मोटोकॉर्प और अमेरिकी ब्रैंड हार्ले-डेविडसन ने भारतीय बाजार में पार्टनरशिप की घोषणा की थी.
डील के तहत हीरो मोटोकॉर्प हार्ले डेविडसन के ब्रैंड नाम के अंदर ही प्रीमियम मोटरसाइकिल की रेंज बनाएगी. इन गाड़ियों की सर्विसिंग और हार्ले की गाड़ियों के लिए पार्ट्स की जरूरतों का भी ख्याल रखेगी.
इतना ही नहीं हीरो मोटोकॉर्प के पास हार्ले की एक्सेसरीज और जनरल मर्चेंडाइज, राइडिंग गियर और अपैरल बेचने की भी मंजूरी है. हीरो हार्ले-डेविडसन डीलर्स और अपने खुद के सेल्स नेटवर्क के जरिए इन चीजों की बिक्री कर सकेगी.
गुप्ता ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि कंपनी पिछली कुछ तिमाहियों में पार्ट्स, एक्सेसरीज और मर्चेंडाइज (PAM) बिजनेस को ग्रो करने पर काम किया है.
उनके मुताबिक, PAM बिजनेस पहले 6 महीनों में 2300 करोड़ रुपये था, जो 45 फीसदी अधिक था. पूरे रेवेन्यू के मुकाबले इस बिजनेस से 13.7 पर्सेंट का रेवेन्यू आता है. जिसे हम बढ़ाकर 15 फीसदी पर लाना चाहते हैं.
बिजनेस आउटलुक पर बात करते हुए गुप्ता ने कहा कि कंपनी के सामने महंगाई और लगातार ब्याज दरों में हो रही बढ़ोतरी की चुनौती थी. हालांकि हमारा मानना है कि ये दोनों ही मुश्किलें अपने पीक पर पहुंच चुकी हैं.
उन्होंने कहा कि विकसित देशों में रिटर्न ऑफ ग्रोथ पाने में थोड़ा समय लगता है मगर भारत इस मामले में उनसे कई गुना बेहतर स्थिति में है. यहां कंजम्प्शन बेस काफी मजबूत है, अन्य देशों के मुकाबले प्रति व्यक्ति खपत क्षमता की भी अधिक गुंजाइश है और डेमोग्राफिक प्रोफाइल भी कारोबारों के पक्ष में है.
बीते त्योहारी सीजन में लोगों ने जिस हिसाब से सभी कैटिगरीज में खरीदारी की है उसे पता चलता है कि कंज्यूमर कॉन्फिडेंस लौट आया है और इसलिए ये दावा किया जा सकता है कि आगे जाकर इंडस्ट्री ग्रो करने वाली है.
Edited by Upasana
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