धन को आकर्षित करने के लिए वास्तु रहस्य
इन छोटे छोटे उपायों से आप वास्तु के माध्यम से धन को अपने जीवन में आकर्षित कर सकते हैं।
ऐसा कहते हैं कि पैसे से दुनिया चलती है और ये सच भी है। धन या आमदनी हमारी रोटी कपड़ा और मकान जैसी जरूरतों को पूरा करता है साथ ही हमारी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ती करने के लिए एक आवश्यक साधन है। इसके अतिरिक्त, बच्चों की पढाई, शादी का खर्च और बुढ़ापे के लिए बचत इन सबके लिए धन को एकत्रित करना हम सब का उद्देश्य होता है। क्योंकि धन से बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है इसका अभाव मानसिक तनाव, बेचैनी, डिप्रेशन जैसी परेशानियाँ खड़ी कर सकता है और कई बार इस कमी से व्यक्ति के सम्बंध प्रभावित हो जाते हैं।
भारतीय वास्तु शास्त्र में धन को आकर्षित करने के उपाय दिए हैं जिन को करने से आप धन की आवक बढ़ा सकते हैं और अपने घर को धन-धान्य से भर सकते हैं। इन में से कुछ सिद्धांत आज इस लेख के माध्यम से वास्तुआचार्य मनोज श्रीवास्तव आपसे साझा कर रहे हैं।
क्यूंकि वास्तु के सिद्धांत दिशाओं पर आधारित है, आप एक कंपास (दिशा-सूचक यन्त्र) या मोबाइल पर कंपास एप्प को प्रयोग में ले सकते हैं। इस लेख को समझने के लिए घर के मध्य में खड़े होकर इन चार दिशाएं का निर्धारण कर लें – दक्षिण-पूर्व, उत्तर, उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पश्चिम। अगर आपको दिशाओं का निर्धारण मुश्किल लगता है तो आप किसी वास्तु कंसलटेंट से परामर्श ले सकते हैं।
वास्तु अनुसार घर की दक्षिण-पूर्व दिशा धन की दिशा है। मुख्यतः ये धन प्रवाह की दिशा है और क्योंकि इस दिशा का तत्त्व अग्नि है यहाँ पर रसोई रखी जाती है। यहाँ पर लाल, बैंगनी, गुलाबी, और हरा रंग लाभप्रद है और नीला या काला रंग हानिकारक हैं। अगर घर के दक्षिण-पूर्व में रसोई की जगह कोई और रूम है तो वहां एक कोने में आप वायलेट रंग के आर्किड के फूल एक हलके हरे रंग के गुलदान में रख सकते हैं इससे यहाँ की धन-दायक उर्जाएं सक्रीय हो जाएँगी। यहाँ पर एक कामधेनु गाय की पीतल की बनी मूर्ति भी आप साज-सज्जा में उपयोग कर सकते हैं।
दक्षिण-पूर्व के बाद, घर की उत्तर दिशा आपके व्यवसाय की द्योतक है। व्यवसाय से घर में धन का आगमन होता है और धन द्रव्य है जोकि उत्तर का तत्त्व है। क्योंकि यह दिशा नए अवसर जैसे नै नौकरी, पद्प्राप्ति, नए ऑर्डर्स, नए ग्राहक आदि की है और यह सब धन-दायक अवसर हैं इस लिए भी इस दिशा का धन-प्राप्ति में विशेष महत्त्व है। वास्तुशास्त्र में उत्तर में हरा रंग, नीला रंग और सफ़ेद रंग वास्तुसम्मत माने गए हैं और लाल, गुलाबी, बैंगनी, पर्पल रंग निषेद हैं और इनका इस दिशा में होना धन के आगमन को बाधित करता है।
इस दिशा में पानी का होना अच्छा माना गया है जो किसी भी रूप में हो सकता है। यहाँ पर पानी की भूमिगत टंकी, पूल, बोरवेल हो सकता है। अपार्टमेंट के अन्दर आप यहाँ एक झरना रखकर इस दिशा की धन-दायक उर्जाओं को सक्रिय कर सकते हैं। उत्तर दिशा की दीवार पर एक घने हरे जंगल का चित्र धन को आकर्षित करने के लिए सहायक होता है।
दक्षिण-पूर्व की उर्जाएं स्थिरता को प्रदान करती हैं। भारत में स्थिर-लक्ष्मी का वर्णन है – धन जो स्थिर है। इसलिए यह दिशा धन की स्थिरता का द्योतक है। अगर यहाँ कोई वास्तुदोष जैसे भूमिगत टंकी, बेसमेंट, खड्डा, या टॉयलेट है तो आपके धन को अस्थिर कर सकता है। वास्तु के अनुसार यहाँ पर पीला, सुनहरा, और गुलाबी रंग हितकारी माना गया है। यहाँ पर आप घर की तिजोरी रख सकते हैं जिसमे स्थिर धन जैसे बचत के पैसे, घर की महिलाओं के गहने, स्टॉक्स, जमीन-जायजाद के कागजात, आदि रख सकते हैं। दैनिक खर्च के लिए धन तो उत्तर दिशा मैं रखना ही उपयुक्त है। दक्षिण-पूर्व की तिजोरी में सिर्फ वही कीमती सामन रखें जिससे उसे कभी-कभार ही खोलने की जरूरत पड़े। इन उर्जाओं को सक्रिय करने के लिए एक मिटटी के घड़े में सप्तनाज की सात मुट्ठी भर कर पीले वस्त्र से बाँध दें और दक्षिण-पूर्व में स्थापित कर दें। इस घड़े में आप कुछ चांदी या सोने के सिक्के भी रख सकते हैं।
घर का उत्तर-पूर्व क्षेत्र जल-तत्त्व का होता है और हमारी बौधिक क्षमता को बढाता है। धन, बौद्धिकता के बिना नहीं आकर्षित किया जा सकता। घर के इस क्षेत्र में नीला या पीला रंग उपयुक्त है। यहाँ लाल या उसके अन्य रंग वर्जित हैं। शास्त्रों में उत्तर-पूर्व को देव स्थान माना गया है इसलिए घर के पूजाघर के लिए ये उपयुक्त क्षेत्र है। यहाँ भी आप एक झरना या एक्वेरियम रख सकते हैं।
इन छोटे छोटे उपायों से आप वास्तु के माध्यम से धन को अपने जीवन में आकर्षित कर सकते हैं।
आचार्य मनोज श्रीवास्तव इकलौते ऐसे वास्तु कंसलटेंट और ज्योतिषी हैं जिनको बीस साल से ज्यादा का कॉर्पोरेट लीडरशिप का अनुभव है। वे पूर्व में एयरटेल, रिलायंस और एमटीएस जैसे बड़े कॉर्पोरेट हाउस में वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे हैं। आजकल वे पूर्ण रूप से एक वास्तु कंसलटेंट और ज्योतिषी के रूप में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।