वास्तु द्वारा बेचैन मन को शांत करने के उपाय
आपके मन मष्तिस्क को सकारात्मक विचारों से परिपूर्ण रखने के लिए और अपने मन को शांत रखने के लिए इस लेख में दिए गए छोटे-छोटे उपायों को आजमायें और इन मुश्किल हालातों में इनका लाभ उठाएं।
कई बार जीवन के उतार चड़ाव और आसपास की परिस्थितियां हमारे मन को विचलित कर देती है। जैसे आजकाल कोरोना के प्रकोप से जो देश की स्थिति है वह हम में से कई लोगों को बेचैन कर रही है और इसके कारण कई लोग तनाव में हैं। तनाव हमारे पाँचों कोशों पर अपना असर करता है। अन्तराष्ट्रीय स्तर पर की गई शोध में पाया गया है कि कई शारीरिक बीमंरियों के पीछे व्यक्ति का तनावग्रस्त होना है।
मधुमेह, कमर में दर्द, डिप्रेशन, दिल की बीमारी और कई मानसिक बीमारी का कारण तनाव ही होता है। तनाव का पहला लक्षण बेचैनी है और इससे बचना और अपने चित्त को शांत रखना अत्यंत आवश्यक है। इसके अतिरिक्त तनाव और बेचैनी व्यक्ति को चिडचिडा, भयग्रस्त, और क्रोधित बना देती है जिससे धीरे-धीरे उसके सम्बन्ध भी ख़राब हो जाते हैं।
क्योंकि वास्तु हमारे पाँचों कोशों को प्रभावित करता है, वास्तु के द्वारा हम बेचैनी से मुक्ति पाकर शांत और तनावमुक्त जीवन का यापन आसानी से कर सकते हैं। इस लेख में दिए गए वास्तु-उपाय आपको बेचैनी और तनाव से मुक्त कर आपके चित्त को शान्त करने में सहायक होंगे।
सबसे पहले ये समझते हैं कि वास्तु के अनुसार हमारे घर या ऑफिस का किस क्षेत्र चिंता का कारक है। कम्पास लेकर घर या ऑफिस के मध्य में खड़े हो कर पूर्व और दक्षिण-पूर्व की दिशा का निर्धारित कर लें। इस दिशा के आसपास का क्षेत्र चिंतन और बेचैनी का कारक होता है विशेषतः अगर इसमें कोई वास्तु दोष है। अगर आप इस क्षेत्र में सोते हैं तो अपने शयनकक्ष को बदल लें।
अगर ये संभव नहीं है तो यहाँ पर दही-मंथन का चित्र लगा लें जैसे आपको इन्टरनेट पर यशोदा मान का दही मंथन का चित्र या कोई चित्र जिसमे कोई महिला दही मथ रही है मिल जायगा इसका रंगीन प्रिंट (A3 साइज़) निकालकर उसको लैमिनेट करा लें और इस क्षेत्र की दीवार पर लगा लें। कुछ दिनों में आप इसका प्रभाव महसूस करने लगेंगे। अगर पूर्व-दक्षिणपूर्व क्षेत्र आपके घर के किचन में आता है तो यहाँ पर मिक्सर-ग्राइंडर रखें। इससे भी ये चिंतन का क्षेत्र बैलेंस हो जाता है।
मन को शांत रखने के लिए दूसरा क्षेत्र है घर या ऑफिस का उत्तर-पूर्व दिशा और उसके आसपास का क्षेत्र। इस जगह यदि लाल रंग हो तो उच्च-रक्तचाप, क्रोध, सिरदर्द जैसी समस्याएँ होने लगती हैं। अगर यहाँ पर टॉयलेट है तो परिस्थितियां और गंभीर हो सकती हैं। इन वास्तु-दोषों का एक ही निवारण है कि इस जगह पर नीला या पीला रंग हो और कोई भी लाल रंग की वस्तु न हो।
वास्तु का सबसे त्वरित प्रभाव आपके मूड पर होता है। आपके घर का वास्तु एक ऐन्टेना की तरह है जो जो प्राण उर्जा को संचित कर आपके मन मष्तिक पर असर करता है। आप कैसे सोचते हैं और क्या महसूस करते हैं ये वास्तु का प्रभाव सकारात्मक है या नकारात्मक है इसपर निर्भर करता है। अगर घर में व्यस्वस्था, रंग, चित्र, आदि वास्तु के अनुसार हैं तो घर के सदस्य उमंग से भरे होंगे और इसके विपरित अगर घर की संरचना और साज-सज्जा वास्तु-अनुरूप नहीं है तो घर के सदस्य मायूस, चिंताग्रस्त और तनाव से परिपूर्ण होंगे।
घर में कोई अकेलेपन या मायूसी दिखाती हुई पेंटिंग नहीं रखें चाहे किसी भी विख्यात चित्रकार की कृति हो। चित्र, रंगों और खुशियों से भरपूर हो जैसे बैशाखी के दृश्य दिखलाती पेंटिंग या गरबे-डांडिया को दर्शाती हुई पेंटिंग वास्तु के हिसाब से उपयुक्त होती है। घर की दीवारों के रंग और लाइटिंग भी आपके मूड पर गहरा असर डालते हैं। घर के लिविंग रूम और फॅमिली लाउन्ज में चमकीले रंग रखें जिससे आपके रिश्ते उमंगपूर्ण रहे।
आपके मन मष्तिस्क को सकारात्मक विचारों से परिपूर्ण रखने के लिए और अपने मन को शांत रखने के लिए इस लेख में दिए गए छोटे-छोटे उपायों को आजमायें और इन मुश्किल हालातों में इनका लाभ उठाएं।
आचार्य मनोज श्रीवास्तव इकलौते ऐसे वास्तु कंसलटेंट और ज्योतिषी हैं जिनको बीस साल से ज्यादा का कॉर्पोरेट लीडरशिप का अनुभव है। वे पूर्व में एयरटेल, रिलायंस और एमटीएस जैसे बड़े कॉर्पोरेट हाउस में वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे हैं। आजकल वे पूर्ण रूप से एक वास्तु कंसलटेंट और ज्योतिषी के रूप में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।