इस रिपोर्ट की मानें तो कोरोना फिर से मचा देगा तबाही, दूसरी लहर में दाखिल हो चुका है देश!
यह रिपोर्ट एसबीआई यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की है, जो कहती है कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह मध्य अप्रैल में इसकी दूसरी लहर अपने पीक पर होगी।
देश भर में कोरोना वायरस का प्रकोप एक बार फिर से बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है। महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों में जहां नए मामलों की संख्या सबसे अधिक देखी जा रही है, वहीं अन्य राज्यों में भी तेजी से बढ़ते कोविड के नए मामले चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। इस बीच एक ऐसी रिपोर्ट भी सामने आई है जिसे पढ़कर आपकी चिंता और भी अधिक बढ़ सकती है।
देश ने बीते एक साल में सबसे अधिक मुश्किल समय देखा है और फिलहाल कोई भी यह नहीं कह सकता है कि मुश्किल समय पूरी तरह से जा चुका है। कम से कम यह रिपोर्ट तो यही कहती है। यह रिपोर्ट एसबीआई यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की है, जो कहती है कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह मध्य अप्रैल में इसकी दूसरी लहर अपने पीक पर होगी।
दूसरी लहर पर चर्चा
रिपोर्ट की मानें तो देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर 15 फरवरी से अगले 100 दिन तक जारी रह सकती है, वहीं इस दौरान कुल मामलों की संख्या भी 25 लाख तक पहुँच सकती है।
28 पेज की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय स्तर पर लगाए गए लॉकडाउन का प्रभाव उतना नहीं रहा है और इस महामारी से निपटने के लिए वैक्सीनेशन ही एकमात्र विकल्प है। रिपोर्ट में राज्यों को वैक्सीनेशन की गति को और अधिक तेज करने का सुझाव दिया गया है। मालूम हो कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार को थामने के लिए बीते साल 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी।
अप्रैल में पीक पर होगा कोरोना
पहली लहर के साथ तुलना करते हुए इस रिपोर्ट के मौजूदा समय में बढ़ते हुए मामलों के साथ यह अनुमान लगाया है कि दूसरी लहर का पीक मध्य अप्रैल में देखने को मिल सकता है। बीते कुछ दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में जबरदस्त बढ़त देखने को मिली है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को देश में कोरोना वायरस के 53 हज़ार 476 नए मामले देखने को मिले हैं।
24 मार्च को स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया है कि देश के 18 राज्यों में कोरोना वायरस का ‘डबल म्यूटेंट वैरिएंट’ भी पाया गया है। हालांकि अभी इस बात की स्पष्टता नहीं है कि इस नए स्ट्रेन के वायरस का बढ़ते हुए केसों से कितना लेना-देना है।
कब होगा सब सामान्य?
कोरोना वायरस महामारी से निजात को लेकर कोई भी निश्चित समय का दावा नहीं कर रहा है, हालांकि माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स यह जरूर कह चुके हैं कि वैक्सीनेशन को देखते हुए साल 2022 तक हालात सामान्य हो सकते हैं। भारत में वैक्सीनेशन के काम में तेजी आ चुकी है और अब देश 45 साल से अधिक उम्र वाले सभी नागरिकों को वैक्सीन लगाने की ओर बढ़ रहा है।
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बुधवार को कहा कि "जैसा कि हम शुरुआती दूसरी लहर को देख रहे हैं और वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई के एक साल से अधिक समय को भी पूरा कर रहे हैं, हमारा ध्यान परीक्षण, मास्क पहनने और टीकाकरण पर होना चाहिए।"
इन राज्यों की हालत खराब
करोना वायरस संक्रमण की इस ‘दूसरी लहर’ का सबसे अधिक प्रभाव महाराष्ट्र पर नज़र आ रहा है। अकेले महाराष्ट्र में गुरुवार को 35,952 नए मामले दर्ज़ किए गए हैं, जबकि 20 हज़ार 444 लोग इससे रिकवर हुए हैं। इस तरह राज्य में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 2 लाख 62 हज़ार 685 है, जबकि राज्य में अब तक 26 लाख से अधिक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले पाए गए हैं। महाराष्ट्र में 50 लाख से अधिक वैक्सीन के डोज़ लोगों को दिये जा चुके हैं।
अन्य सभी राज्यों में एक बार फिर से कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में बढ़त नज़र आना शुरू हो चुकी है।