जानिए क्यों बाकी IITs से अलग है जोधपुर IIT का सिविल और इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग विभाग?
सिविल और इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग विभाग वर्तमान में ‘सिविल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग’ में B. Tech. प्रोग्राम का संचालन करता है. B. Tech. प्रोग्राम में विद्यार्थी सामान्य B. Tech.के अलावा चार साल में खास कर ‘स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर’, ‘ऊर्जा’ या ‘पर्यावरण’ में ‘विशेषज्ञता’ प्राप्त करेंगे.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), जोधपुर ने देश के सामने सिविल और इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग की चुनौतियां दूर करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम बढ़ाया है और एक सिविल और इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग विभाग की स्थापना की है. इसमें इंजीनियरिंग और विज्ञान के कई प्रभाग एक साथ शामिल किए गए हैं जो मिल कर चुनौतियों का संपूर्ण समाधान देंगे. विभाग में नई पीढ़ी के इंजीनियर ट्रेंड किए जाएंगे, जो विशाल इन्फ्रास्ट्रक्चर डिजाइन करेंगे. ये स्मार्ट, सस्टेनेबल और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होंगे.
यह विभाग वर्तमान में ‘सिविल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग’ में B. Tech. प्रोग्राम का संचालन करता है. B. Tech. प्रोग्राम में विद्यार्थी सामान्य B. Tech.के अलावा चार साल में खास कर ‘स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर’, ‘ऊर्जा’ या ‘पर्यावरण’ में ‘विशेषज्ञता’ प्राप्त करेंगे.
इसके अतिरिक्त इच्छुक विद्यार्थी B. Tech. को B. Tech.-M. Tech. डुअल डिग्री में भी बदल सकते हैं और पांच साल के अंदर ऊर्जा या पर्यावरण में डुअल डिग्री हासिल कर सकते हैं. विद्यार्थी इन ‘विशेषज्ञताओं’ और ‘डुअल डिग्री’ के साथ ट्रांस्फॉर्मेटिव टेक्नोलॉजी में आधुनिक प्रशिक्षण और अधिक गहन शोध का अनुभव प्राप्त करेंगे.
बता दें कि, इन्फ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग’ के कोर्स विशाल दूरसंचार और आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर; रेलवे, हवाई अड्डे और जहाज-बंदरगाह डिजाइन के नियोजन, निर्माण और संचालन; इन्फ्रास्ट्रक्चर नियोजन, प्रबंधन और इंजीनियरिंग; थर्मल और न्यूक्लियर पावर इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग; और ग्रीन बिल्डिंग एवं सस्टेनेबल मैटेरियल्स पर केंद्रित हैं.
‘‘स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर’ के तहत सिविल इंजीनियरिंग में एआई/एमएल के उपयोग; सिविल इंजीनियरिंग में साइबर-फिजिकल सिस्टम; ऐसेट मैनेजमेंट के लिए डिजिटल ट्विन; इंटेलिजेंट बिल्डिंग; और इन्फ्रास्ट्रक्चर की निगरानी और सुरक्षा पर केंद्रित कोर्स हैं.
विभाग के दो M. Tech. और M. Tech.-PHD कोर्स भी हैं. ये ‘‘इन्फ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग विद स्पेशलाइजेशन इन एनर्जी’ और ‘‘इन्फ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग विद स्पेशलाइजेशन इन एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग’’ के कोर्स हैं.
B. Tech. और M. Tech./M/ Tech.-PHD कोर्स भारत और विदेशों के उद्योग जगत के साथ गंभीर विचार-विमर्श के बाद तैयार किए गए हैं. कोर्स के स्नातक स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम में विशिष्ट प्रशिक्षण प्राप्त होंगे और विशाल इन्फ्रास्ट्रक्चर में एआई / एमएल का उपयोग कर डिजिटल कंस्ट्रक्शन और मॉनिटरिंग सिस्टम बनाने में कुशल होंगे.
आईआईटी जोधपुर का सिविल और इंफ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग विभाग औद्योगिक शोध परामर्श के कई प्रोजेक्ट पर कार्यरत है जैसे नदियों को परस्पर जोड़ने और जल परिवहन के लिए राजस्थान सरकार का विशेष प्रोजेक्ट और हवाई अड्डों के ग्लास फाइबर रीइन्फोर्स्ड
कम्पोजिट पर हवा के भार का विश्लेषण और सौर ऊर्जा पार्क ऑपरेटरों को सेवा देने के प्रोजेक्ट. विभाग के कुछ छात्र और शिक्षक हवा की गुणवत्ता मॉडलिंग और क्लाइमेट मॉडलिंग, हाइड्रोक्लाइमैटिक एक्स्ट्रीम का पूर्वानुमान, विंड टरबाइन की निगरानी, स्वच्छ प्रक्रिया से हाइड्रोकार्बन के उत्पादन आदि शोधों में शामिल हैं.
आईआईटी जोधपुर ने इस विभाग के माध्यम से विभिन्न विषयों को परस्पर साथ ले जाने का दृष्टिकोण अपनाया है. संस्थान का उद्देश्य विज्ञान और इंजीनियरिंग के विभिन्न कार्यों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आईओटी और साइबर-फिजिकल जैसी ट्रांस्फॉर्मेटिव टेक्नोलॉजीज़ में विशिष्ट महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करना है.
क्या अब भारत में भी बनेंगे प्राइवेट जेल? जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
Edited by Vishal Jaiswal