इनकम टैक्स रेड: कौन सी संपत्ति को हाथ नहीं लगा सकते अधिकारी, छापा पड़ने पर क्या हैं आपके अधिकार?
इनकम टैक्स रेड के दौरान अधिकारी जानकारी बाहर निकालने के लिए ताले तक तोड़ने का अधिकार रखते हैं.
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने गुजरात में एक कारोबारी ग्रुप के ठिकानों पर बड़ी छापेमारी (Income Tax Raid) की है. इस छापेमारी के बाद 300 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाबी लेनदेन का पता लगाया गया है. आयकर विभाग द्वारा 9 अगस्त को तलाशी अभियान शुरू किया गया था. इस दौरान राजकोट, मोरबी, अहमदाबाद, रायपुर, गुवाहाटी, गुरुग्राम और कोलकाता में फैले, ग्रुप के 36 परिसरों की तलाशी ली गई. CBDT ने कहा है कि अब तक की तलाशी से 300 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाबी लेनदेन का पता लगा है. इसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक का नकद लोन भी शामिल है.
तलाशी अभियान के दौरान दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में विभिन्न आपत्तिजनक सबूत मिले, जिन्हें जब्त किया गया है. इन साक्ष्यों के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि समूह विभिन्न तरीकों को अपनाकर बड़े पैमाने पर कर चोरी में लगा हुआ था. इनकम टैक्स रेड, आयकर कानून की धारा 132 के तहत आती है. इसके अंतर्गत अधिकारी किसी व्यक्ति के बिजनेस या घर कहीं पर भी छापा मार सकता है. आयकर विभाग के अधिकारी, रेड किसी भी वक्त मार सकते हैं और यह कितनी ही देर तक चल सकती है. अगर कुछ गड़बड़ पाई जाती है तो अधिकारी जब्ती भी कर सकते हैं. जहां रेड डाली गई है, वहां पूरे परिसर में मौजूद किसी भी व्यक्ति की तलाशी ली जा सकती है, जिसमें पुलिस की मदद भी ली जाती है.
रेड के दौरान अधिकारी जानकारी बाहर निकालने के लिए ताले तक तोड़ने का अधिकार रखते हैं. आइए जानते हैं इनकम टैक्स की रेड में अधिकारी किस तरह के एसेट सीज कर सकते हैं और किस तरह की संपत्ति को सीज नहीं कर सकते हैं, जिसके यहां रेड पड़ी है उसके पास कौन से अधिकार होते हैं और ऐसी की कुछ अन्य डिटेल..
ये एसेट कर सकते हैं सीज
- अघोषित कैश, ज्वैलरी
- प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज, कन्वेयेन्सेज की डीड आदि
- खातों की बुक्स, चालान, डायरी आदि
- कंप्यूटर चिप्स व अन्य डाटा स्टोरेज डिवाइसेज
ये एसेट नहीं किए जा सकते सीज
- किसी बिजनेस के स्टॉक-इन-ट्रेड (कैश के अलावा)
- ड्यूली एक्सप्लेन्ड किया गया कैश
- इनकम टैक्स और वेल्थ टैक्स डिपार्टमेंट के समक्ष डिसक्लोज किए गए एसेट या कैश
- वेल्थ टैक्स रिटर्न में उपलब्ध कराई गई ज्वैलरी
- खाता बुक में घोषित एसेट
- हर विवाहित महिला का 500 ग्राम तक और हर अविवाहित महिला का 250 ग्राम तक का सोना, पुरुष सदस्य का 100 ग्राम तक का सोना
अगर छापा दुकान या शोरूम में पड़ा हो तो
अगर आयकर विभाग का छापा किसी दुकान या शोरूम में पड़ा है तो अधिकारी, वहां बेचने के लिए रखे गए सामान को जब्त नहीं कर सकते हैं. वे केवल उन्हें दस्तावेजों में नोट कर सकते हैं. हालांकि कुछ मामलों में उस सामान से जुड़े कागजात जब्त किए जा सकते हैं. अगर दुकान या घर से भारी मात्रा में ऐसा कैश या सोना या और कुछ मिलता है, जिसका लेखा-जोखा व्यक्ति के पास है यानी उसने ITR में सब दिखाया हुआ है, तो आयकर अधिकारी वह सामान जब्त नहीं कर सकते.
जिसके यहां छापा पड़ा, उसके अधिकार
जिसके यहां आयकर विभाग का छापा पड़ा है, वह छापा मारने आए अधिकारियों से वारंट और पहचान पत्र दिखाने को कह सकता है. अगर छापा मारने आए अधिकारियों की टीम घर की महिलाओं की तलाशी लेना चाहे तो ऐसा सिर्फ उनकी टीम की महिला कर्मी ही कर सकती है. अगर सभी पुरुष हैं तो वह चाहकर भी घर की महिला की तलाशी नहीं ले सकते, फिर भले ही अधिकारियों को महिला के कपड़ों में कुछ छिपाए जाने का शक हो. आयकर अधिकारी खाना खाने या बच्चों को उनके स्कूल बैग चेक करने के बाद स्कूल जाने से नहीं रोक सकते हैं.
आयकर विभाग की कोशिश रहती है कि छापा इतना अकस्मात हो कि व्यक्ति को संभलने का मौका भी न मिले. अक्सर रेड तड़के या देर रात में मारी जाती हैं. छापा मारने वाली टीम के साथ घर की तलाशी के लिए वारंट भी होता है. जब आयकर विभाग छापा मारता है तो आयकर अधिकारियों के साथ पुलिस बल और कभी-कभी अर्ध-सैनिक बल भी रहती है. रेड 2-3 दिनों तक चल सकती है और इस दौरान घर या दफ्तर में मौजूद लोग बिना आयकर अधिकारियों की इजाजत के बाहर नहीं जा सकते.