कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में, पोर्टिया ने टेलीकंसल्टिंग, घरेलू स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों में 3 गुना उछाल का सामना किया
बेंगलुरु स्थित हेल्थकेयर स्टार्टअप पोर्टिया मेडिकल (Portea Medical) ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई को मजबूती देने के लिए कई तकनीकी नेतृत्व वाले समाधान दिए। अकेले पिछले महीने में, इसने 3,000 से अधिक रोगियों को ऑक्सीजन, घरेलू आईसीयू सेटअप, नर्सिंग सेवाएं आदि जैसी सेवाएं प्रदान की हैं।
Saheli Sen Gupta
Monday May 31, 2021 , 8 min Read
जैसा कि भारत कोविड-19 महामारी की बेहद घातक दूसरी लहर से जूझ रहा है, ऐसे में देश भर के कई स्टार्टअप ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की सहायता के लिए नवीन तकनीकी-आधारित समाधान प्रदान करने के लिए कदम बढ़ाया है। इनमें से एक स्टार्टअप बेंगलुरु स्थित
है। मीना गणेश और वैभव तिवारी के नेतृत्व में, इस कंज्यूमर हेल्थकेयर स्टार्टअप ने पिछले साल कोरोना की पहली लहर के बीच मरीजों को चिकित्सा देखभाल तक पहुंचने में मदद करने के लिए रिमोट मॉनिटरिंग, होम आइसोलेशन और टेलीकंसल्टेशन सेवाएं प्रदान करना शुरू किया।पिछले कुछ हफ्तों में, भारत कोरोना वायरस की दूसरी लहर की चपेट में आया, जिसके कारण संसाधनों और चिकित्सा पेशेवरों की भारी कमी देखी गई। इस संकट के समय में पोर्टिया ने एक बार फिर देश भर के मरीजों को घरेलू आईसीयू सेटअप, नर्सिंग सेवाओं आदि सहित ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसंट्रेटर देने के लिए कदम बढ़ाया है। हालांकि, जैसा कि अधिकांश अस्पताल अब कोविड-19 पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, ऐसे में स्टार्टअप गैर-COVID-19 मामलों के लिए चिकित्सा सहायता की मांग में भी वृद्धि देख रहा है, जिसमें घरेलू स्वास्थ्य देखभाल और रोग प्रबंधन, उपचार और अन्य संबंधित सेवाएं शामिल हैं।
पोर्टिया मेडिकल के को-फाउंडर और सीओओ वैभव तिवारी ने YourStory को बताया, "हम अधिक लोगों को प्रशिक्षित करने और विभिन्न शहरों में अधिक रोगियों को स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने के लिए अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए आक्रामक रूप से काम कर रहे हैं।" जैसे-जैसे वैक्सीन की उपलब्धता आसान होती है, स्टार्टअप अब अगले कुछ हफ्तों में कई कॉर्पोरेट कैंपस में टीकाकरण अभियान शुरू करने की योजना बना रहा है। YourStory के साथ बातचीत में, वैभव ने बताया कि कैसे पोर्टिया मेडिकल पिछले साल महामारी के फैलने के बाद से देश भर में मरीजों की सहायता कर रहा है।
संपादित अंश
YS: आप और आपकी टीम भारत में फैली कोरोना की दूसरी घातक लहर के खिलाफ लड़ाई में टेक्नोलॉजी और आपके प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने के लिए कैसे काम कर रहे हैं?
वैभव तिवारी (VT): पोर्टिया मेडिकल ने कोविड-19 के खिलाफ युद्ध में मौजूद अपनी बेस्ट टेक्नोलॉजी को तैनात किया है। जब पिछले साल भारत में महामारी आई थी, तो हमने देश के विभिन्न हिस्सों में मरीजों को रिमोट मॉनिटरिंग, होम आइसोलेशन और टेलीकंसल्टेशन सेवाएं प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए थे। हमने महामारी के बारे में पुख्ता जानकारी प्रसारित करने के लिए एक टेक्नोलॉजी-संचालित चैटबॉट डेवलप करने के साथ-साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर इन सेवाओं को वितरित करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों के साथ सहयोग किया।
अब, दूसरी लहर के दौरान, हम पिछले एक साल के अपने अनुभव का लाभ उठाकर अधिक लोगों की मदद कर रहे हैं। हम अधिक से अधिक लोगों तक टेलीमेडिसिन, टेलीकंसल्टेशन, रिमोट मॉनिटरिंग और होम हेल्थकेयर सेवाएं देना जारी रखने के लिए अपनी तकनीक और मानव संसाधनों का लगातार विस्तार कर रहे हैं। हम पूरे भारत में हजारों ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसंट्रेटर भेजने के बाद, अग्रिम मोर्चे पर ऑक्सीजन की कमी से भी जूझ रहे हैं।
हाल ही में, हमने हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के साथ एक कोलैबोरेशन किया, जिसमें वे हमें 4,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रदान करने जा रहे हैं जो रोगियों को निःशुल्क सप्लाई किए जाएंगे। हम पूरे भारत में रोगियों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने और अधिक से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए लगातार आगे बढ़ रहे हैं।
YS: आपको लगता है कि पहली लहर के बाद से और विशेष रूप से दूसरी लहर के दौरान अब तक आप क्या प्रभाव पैदा कर पाए हैं?
VT: जब से भारत में पहली लहर आई है, हमने पूरे भारत में 4,00,000 से अधिक रोगियों को देखभाल प्रदान की है। इसमें देश के विभिन्न राज्यों में 3,00,000 से अधिक रोगियों को होम आइसोलेशन सेवाएं शामिल हैं। पोर्टिया ने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को 2.5 लाख से अधिक डॉक्टर परामर्श और 1.2 मिलियन से अधिक फॉलो-अप कॉल प्रदान किए हैं और उनमें से केवल 3 प्रतिशत से भी कम को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ी।
वर्तमान दूसरी लहर के दौरान, हम महामारी की चुनौतियों से निपटने के अपने व्यापक अनुभव के कारण बेहतर तरीके से तैयार हुए हैं। अब तक, हमने एक महीने से भी कम समय में 3,000 से ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन प्रबंधन, होम आईसीयू औ नर्सिंग आदि सहित कई सेवाएं प्रदान की हैं। हम प्री-कोविड-19 के समय की तुलना में अपने कॉल सेंटर में अब 3 गुना अधिक कॉल देख रहे हैं। हमने पूरे भारत में हजारों ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तैनात किए हुए हैं और बढ़ी हुई क्षमता के साथ रोगियों की सहायता करने पर काम कर रहे हैं।
YS: दूसरी लहर के बीच आप किस तरह की मांग देख रहे हैं और कितनी संख्या में यूजर आपकी सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।
VT: महामारी की पहली लहर की तुलना में, दूसरी लहर बहुत अधिक संक्रामक है और इसने पिछली लहर एक की तुलना में बहुत अधिक लोगों को प्रभावित किया है। हल्के से मध्यम लक्षण वाले संक्रमणों की संख्या में वृद्धि वास्तव में बहुत अधिक रही है। यह मरीजों का वह सेगमेंट है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है और यहीं पर पोर्टिया मेडिकल ऐसे रोगियों की सहायता करने में अत्यधिक सहायक रहा है। हम रिमोट मॉनिटरिंग, टेलीमेडिसिन कंसल्टेशन और होम हेल्थकेयर के माध्यम से मरीजों की देखभाल करने में सहायता कर रहे हैं।
जैसा कि ज्यादातर अस्पताल केवल कोरोना का ही इलाज कर रहे हैं, ऐसे में हम गैर-कोविड रोगियों से घरेलू स्वास्थ्य देखभाल और रोग प्रबंधन, थेरेपी और विभिन्न अन्य संबंधित सेवाओं की बहुत अधिक मांग देख रहे हैं। पोर्टिया की रिमोट मॉनिटरिंग सर्विसेज व्यक्तिगत उपभोक्ताओं के साथ-साथ कॉर्पोरेट के लिए टेलीकंसल्टेशन के साथ-साथ वीडियो के माध्यम से भी उपलब्ध हैं।
मांग वास्तव में बहुत ज्यादा है और यह अक्सर उपलब्ध संसाधनों से अधिक हो जाती है। हम अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करने और विभिन्न शहरों में अधिक रोगियों को स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने के लिए अपने संसाधनों को बढ़ाने की दिशा में आक्रामक रूप से काम कर रहे हैं।
YS: कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच आप अपने क्षेत्र में कौन से ट्रेंड्स देख रहे हैं?
VT: पिछली बार के विपरीत, दूसरी लहर में परिवार के कई सदस्यों या पूरे परिवार के संक्रमित होने के अधिक मामले देखे गए हैं और एसिम्पटोमेटिक मामलों की संख्या बहुत अधिक रही है। इस प्रकार, हम बहुत से लोगों को अनजाने में वायरस के वाहक बनते देख रहे हैं, और यह संक्रमण में बहुत तेज वृद्धि का कारण बन रहा है।
दूसरी तरफ, जहां बुजुर्ग और एक से अधिक बीमारी वाले लोग अभी भी जोखिम में हैं, वहीं दूसरी लहर सभी आयु समूहों में भी तेजी से फैल रही है। युवा आबादी में भी बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं।
पहली लहर की तुलना में इस बार ऑक्सीजन सपोर्ट की मांग काफी अधिक है। एक प्रतिक्रिया के रूप में, हम स्थिति से उबरने के लिए कॉर्पोरेट, गैर सरकारी संगठनों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच अधिक मजबूत सहयोगात्मक प्रयास देख रहे हैं।
YS: क्या आप इन सभी मांगों को पूरा करने में सक्षम हैं और/या ऐसा करने में आपको विशेष रूप से किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और किन उत्पादों के लिए?
VT: सभी क्षेत्रों में मांग असाधारण रूप से अधिक है। विभिन्न शहरों में बड़ी संख्या में संसाधनों और कर्मियों को तैनात करने के बावजूद, हम अक्सर ऐसी परिस्थितियों का अनुभव करते हैं जहां मांग उपलब्धता से अधिक हो जाती है। हमारे पास देश भर में उपयोग में आने वाले हजारों ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हैं, लेकिन मांग हमेशा अधिक की होती है। हम विभिन्न देशों से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और अन्य उपकरण सीधे खरीद रहे हैं और बुनियादी स्वास्थ्य सहायता से संबंधित क्षेत्रों में अधिक लोगों को प्रशिक्षण भी दे रहे हैं।
हमारी डायग्नोस्टिक्स की मांग में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो ज्यादातर COVID-19 परीक्षण आवश्यकताओं से प्रेरित है। हमारी ज्यादातर मांग दिल्ली और बेंगलुरु से है। असल में, हमारी सहयोगी लैब्स को अत्यधिक मांग का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए कभी-कभी, टेस्ट के परिणाम में देरी भी हो सकती है। अप्रैल में, उत्तर भारत में विशेष रूप से दिल्ली और लखनऊ में मांग बहुत अधिक थी।
YS: क्या आपने दूसरी लहर के बीच कोई अन्य युनिक कोविड-संबंधित ऑफरिंग लॉन्च की है?
VT: महामारी के खिलाफ लड़ाई को बढ़ाने के लिए, हमने अपनी ऑक्सीजन सहायता सेवाओं की शुरुआत की है, जहां हमने मरीजों द्वारा इस्तेमाल किए जाने के लिए बड़ी संख्या में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और सिलेंडर तैनात किए हैं।
हम महामारी के दौरान रोगियों का समर्थन करने के लिए मुफ्त ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रदान करने के लिए प्रमुख कॉरपोरेट्स के साथ भी काम कर रहे हैं और आने वाले समय में अपने यूजर्स को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए नए तरीके तलाशते रहेंगे।
Edited by Ranjana Tripathi