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India Q3 GDP: तीसरी तिमाही में GDP 4.4% रही; वित्त वर्ष 23 में 7% की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

India Q3 GDP: तीसरी तिमाही में GDP 4.4% रही; वित्त वर्ष 23 में 7% की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

Tuesday February 28, 2023 , 3 min Read

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) ने मंगलवार को दिसंबर तिमाही के आंकड़ों के साथ 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product - GDP) के दूसरे अग्रिम अनुमान के आंकड़े जारी किए. (India Q3 GDP) (जीडीपी के आंकड़े - भारत की जीडीपी)

वित्त वर्ष 23 (FY23) की तीसरी तिमाही में भारत की GDP वृद्धि 4.4% पर आ गई, जबकि दूसरी तिमाही में यह 6.3% थी.

केंद्र ने वित्त वर्ष 22 के लिए GDP संख्या को संशोधित कर 8.7% से 9.1% कर दिया है जो पहले जारी की गई थी.

सरकार ने वित्त वर्ष के लिए GDP अनुमान को 7% पर अपरिवर्तित रखा है.

वर्ष 2022-23 में स्थिर (2011-12) कीमतों पर रियल जीडीपी या सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 159.71 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी के पहले संशोधित अनुमान के मुकाबले 149.26 लाख करोड़ रुपये थी.

वर्ष 2022-23 में नॉमिनल जीडीपी या मौजूदा कीमतों पर जीडीपी 272.04 लाख करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि 2021-22 में यह 234.71 लाख करोड़ रुपये थी, जो 15.9% की वृद्धि दर दर्शाता है.

2022-23 की तीसरी तिमाही में लगातार (2011-12) कीमतों पर जीडीपी 40.19 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि 2021-22 की तीसरी तिमाही में यह 38.51 लाख करोड़ रुपये थी, जो 4.4% की वृद्धि दर्शाता है. 2022-23 की तीसरी तिमाही में मौजूदा कीमतों पर GDP 69.38 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि 2021-22 की तीसरी तिमाही में यह 62.39 लाख करोड़ रुपये थी, जो 11.2% की वृद्धि दर्शाता है.

इससे पहले दिसंबर में, भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI) ने जारी भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक वित्तीय स्थितियों के कड़े होने के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के विकास के अनुमान को पहले के 7 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था. आरबीआई ने पिछले साल दिसंबर में तीसरी बार 2022-23 के ग्रोथ प्रोजेक्शन में कटौती की थी.

आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) 2022-23 में अगले वित्त वर्ष के लिए वास्तविक रूप से 6.5 प्रतिशत की बेसलाइन जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया था, जो चालू वर्ष की तुलना में कम है. इसने कहा कि प्रक्षेपण मोटे तौर पर विश्व बैंक, आईएमएफ, एडीबी और आरबीआई जैसी बहुपक्षीय एजेंसियों द्वारा घरेलू स्तर पर उपलब्ध कराए गए अनुमानों के बराबर है.

वहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund - IMF) ने 2022-23 में अर्थव्यवस्था के 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है, जबकि एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank) ने 6.8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान लगाया है.