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इंटरनेट पाबंदी मामले में भारत लगातार पांचवें साल टॉप पर, सबसे अधिक पाबंदी कश्मीर में

भारत की केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें अक्सर सुरक्षा कारणों से इंटरनेट पर पाबंदी लगाती रहती हैं. अधिकार ग्रुप सरकारों के इस रवैये की यह कहते हुए आलोचना करते हैं कि यह असहमति को चुप कराने का तरीका है.

इंटरनेट पाबंदी मामले में भारत लगातार पांचवें साल टॉप पर, सबसे अधिक पाबंदी कश्मीर में

Wednesday March 01, 2023 , 3 min Read

पिछले सालों से लगातार दुनियाभर में सबसे अधिक इंटरनेट शटडाउन भारत में हो रहा है. डिजिटल राइट्स एडवोकेसी ग्रुप Access Now की साल 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में भारत लगातार पांचवें साल इंटरनेट शटडाउन के मामले में टॉप पर रहा.

भारत की केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें अक्सर सुरक्षा कारणों से इंटरनेट पर पाबंदी लगाती रहती हैं. अधिकार ग्रुप सरकारों के इस रवैये की यह कहते हुए आलोचना करते हैं कि यह असहमति को चुप कराने का तरीका है.

Access Now ने साल 2016 से दुनियाभर में इंटरनेट शटडाउन पर नजर रखनी शुरू की थी. रिपोर्ट के अनुसार, 2016 के बाद से साल 2022 में दुनियाभर में सबसे अधिक इंटरनेट शटडाउन की घटनाएं सामने आईं.

रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 में दुनियाभर में इंटरनेट शटडाउन के 187 मामले दर्ज किए गए और इसमें से आधे से अधिक मामले भारत में सामने आए. भारत में इंटरनेट शटडाउन के 84 मामले दर्ज किए गए जिसमें से 49 मामले कश्मीर में दर्ज किए गए.

अधिकारियों ने राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा के कारण कश्मीर में कम से कम 49 बार इंटरनेट का उपयोग बाधित किया, जिसमें जनवरी और फरवरी 2022 में तीन दिन का कर्फ्यू की तरह के बंद के लिए 16 बैक-टू-बैक ऑर्डर शामिल हैं.

बता दें कि, आतंकवादी कश्मीर में पिछले तीन दशकों से अधिक समय से भारत के शासन के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं. दिल्ली अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराती है जबकि पाकिस्तान दावों से इनकार करता है.

इस तरह, भारत ने एक बार फिर इंटरनेट शटडाउन में दुनिया का नेतृत्व किया. हालांकि, 2022 में 2017 के बाद पहली बार देश में 100 से कम शटडाउन हुए.

वहीं, 24 फरवरी, 2022 को रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद रूसी सेना ने कम से कम 22 बार इंटरनेट का उपयोग प्रतिबंधित किया, जिसके कारण यूक्रेन लिस्ट में दूसरे स्थान पर था.

निगरानी संस्था ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रूसी सेना ने जानबूझकर दूरसंचार उपकरणों को नष्ट कर दिया और अपने हमले के दौरान कम से कम 22 बार इंटरनेट कनेक्टिविटी काट दी.

सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों के जवाब में 2022 में लगाए गए 18 इंटरनेट शटडाउन के साथ ईरान तीसरे स्थान पर आया. 16 सितंबर, 2022 को पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय कुर्द ईरानी महिला महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में राष्ट्रव्यापी सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था. अमिनी को तेहरान में मॉरेलिटी पुलिस ने हिजाब नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसके लिए आवश्यक है कि महिलाएं अपने बालों और शरीर को पूरी तरह से ढक कर रखें. हिरासत में रहते हुए उसकी मौत हो गई.

10 साल में भारत में 518 बार इंटरनेट शटडाउन

बता दें कि, एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जून, 2012 से मार्च, 2021 के बीच देशभर में सरकार द्वारा 518 बार इंटरनेट को बंद किया गया. यह दुनिया में इंटरनेट को ब्लॉक करने का सबसे ऊंचा आंकड़ा है. हालांकि, दूरसंचार विभाग और गृह मंत्रालय के पास इन आंकड़ों की पुष्टि का कोई तंत्र नहीं है. उनके पास राज्यों द्वारा इंटरनेट को बंद करने आदेशों का कोई ब्योरा नहीं है.

यही कारण है कि इसी महीने संसद की एक समिति ने बार-बार इंटरनेट को बंद करने के मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए दूरसंचार विभाग की खिंचाई की थी. समिति ने कहा था कि दूरसंचार विभाग ने इंटरनेट को बंद करने संबंधी (शटडाउन) मामलों का कोई ब्योरा नहीं रखा और साथ ही उसकी कई सिफारिशों पर कदम नहीं उठाया.


Edited by Vishal Jaiswal