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इंडिया मार्ट के स्मार्ट सीईओ ने एक साल में कमाया 46 करोड़ रुपए का मुनाफा

इंडिया मार्ट के स्मार्ट सीईओ ने एक साल में कमाया 46 करोड़ रुपए का मुनाफा

Wednesday June 26, 2019 , 4 min Read

भारत में अपने 40 से अधिक दफ्तरों में कार्यरत साढ़े तीन हजार कर्मचारियों एवं अपने दस लाख से अधिक मैन्यूफैक्चरर्स वाली कंपनी इंडिया मार्ट अगले दो वर्षों में अपने सालाना ग्रोथ रेट में 29 प्रतिशत और इजाफा करने में जुटी है। पिछले एक वर्ष में कंपनी ने कुल लगभग 430 करोड़ के कारोबार से 46 करोड़ रुपये मुनाफा कमाया है।


CEO

दिनेश अग्रवाल

इंडियामार्ट एक ऐसा अंतरजाल ठिकाना है, जो छोटे-मझोले व्यापारिक संस्थानों, वैश्विक विक्रेताओं और खरीदारों को आपस में जोड़ता है। दावा है कि भारत में अपने 40 से अधिक दफ्तरों में लगभग 3500 कर्मचारियों वाली इस कंपनी से लगभग 10 मिलियन खरीदार जुड़े हुए हैं। वित्त वर्ष 2017-18 में 430 करोड़ रुपए का कारोबार करने वाली इस कंपनी ने अपना आईपीओ भी लॉन्च कर आज 26 जून तक उसे ओपेन रखा है। इसके निवेशकों में इंटेल कैपिटल, बेनेट कोलमैन जैसी कम्पनियां शामिल हैं। सुनकर किसी को भी हैरत हो सकती है कि दिल्ली क्या, पूरे उत्तर भारत के सबसे मशहूर (थोक) सदर बाजार में मात्र चालीस हजार की लागत और एक अदद कंप्यूटर के सहारे कानपुर से बीटेक ग्रेजुएट एवं संस्थापक सीईओ दिनेशचंद्र अग्रवाल ने इंडिया मार्ट जैसा यह अपना विशाल साम्राज्य खड़ा किया है। यह कंपनी इस समय पांच करोड़ से अधिक तरह के प्रॉडक्ट की खरीद-फरोख्त कर रही है।

 

सीईओ अग्रवाल बताते हैं कि उनके दादाजी स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही 1957 में बहराइच (उ.प्र.) सीट से एमएलए भी रहे। पढ़ाई के बाद वह सन् 1992 से 1995 तक जिन दिनो विदेश में नौकरी कर रहे थे, तभी भारत में इंटरनेट की लांचिंग के दौरान उन्होंने अपने दिमाग में आइडिया बना लिया कि वह अब अमेरिका की एचसीएल की नौकरी छोड़कर अपने वतन में खुद का कारोबार करेंगे। तब से आज तक, उनकी मेहनत का प्रतिफल है कि आज इंडिया मार्ट के ऑनलाइन थोक बाजार में छह करोड़ खरीदार तो 47 लाख रजिस्टर्ड विक्रेता हैं, जिनमें से 10 लाख से अधिक मैन्यूफैक्चरर्स हैं। दुखद ये है कि इस ऑनलाइन आढ़त के बेताज बादशाह को अमेरिका ने अपनी 'नोटोरियस मार्केट्स' की सूची में शामिल कर रखा है।


इस सूची में दुनिया के 25 ऑनलाइन मार्केटों और 18 दूसरे बाजारों के नाम शामिल हैं। अमेरिका का मानना है कि इनमें नकली उत्पाद बेचे जाते हैं और ट्रेडमार्क को लेकर जालसाजी की जाती है। सूची में सबसे ऊपर चीन का नाम है। इंडिया मार्ट के सीईओ दिनेश अग्रवाल का दावा है कि उनके इस प्लेटफार्म पर हर सेकेंड औसतन 20 क्रेताओं और विक्रेताओं का सम्मिलन होता है। इस हिसाब से एक दिन में 20 लाख और हर महीने लगभग साढ़े चार करोड़ कारोबारियों का यहां से गुजरना होता है।


गौरतलब है कि पिछले एक वर्ष में इस कंपनी ने कुल लगभग 46 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। पिछले सप्ताह 19 जून को ऑपरेटर इंडियामार्ट इंटरमेश लिमिटेड ने ऐलान किया था कि कंपनी का इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) के लिए सब्सक्रिप्शन 24 जून से आज 26 जून तक के लिए खुला हुआ है। कंपनी 10 रुपये की फेस वैल्यू के कुल 4.88 मिलियन शेयर्स ऑफर कर रही है। हर शेयर की कीमत 970-973 रुपये के बीच है। आईसीआईसीआई सिक्यॉरिटीज, एडेलविस फाइनैंशल सर्विसेज और जेफरीज द्वारा इन शेयरों की बिक्री को मैनेज किया जा रहा है।


प्रमोटर दिनेश चंद्र अग्रवाल और बृजेश अग्रवाल भी अपने हिस्से के 1.4 मिलियन शेयर्स इसमें ऑफर कर रहे हैं। कंपनी अगले दो वर्षों में अपने सालाना ग्रोथ रेट में 29 प्रतिशत इजाफा करना चाहती है। एक ओर तो इंडिया मार्ट प्रबंधन बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटा है, दूसरी तरफ अमेरिकी रॉबर्ट लाइथिजर का कहना है कि दुनियाभर में अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे बाजारों की वजह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था, नए उत्पादों और कामगारों को काफी नुकसान पहुंच रहा है।