भारतीय सेना ने लद्दाख में सिर्फ 40 दिनों में 'मैत्री-पुल' तैयार कर बनाया रिकॉर्ड
भारतीय सेना हमेशा अपने साहसी कारनामों से हमें गौरवान्वित करती रहती है। सेना पर देश की रक्षा करने के साथ ही भारतीय सेना आपदा के वक्त लोगों को बचाने और मुश्किल हालात में आधारभूत संचरनाओं को बनाने में भी आगे रहती है। हाल ही में भारतीय सेना ने लेह में सिंधु नदी पर 260 फीट लंबा पुल बनाकर एक मिसाल कायम की है। खास बात है कि सेना ने इस पुल को सिर्फ 40 दिन में तैयार कर दिया। इस पुल का नाम मैत्री-ब्रिज रखा गया है।
इसी हफ्ते सोमवार को मैत्री पुल को लेह, लद्दाख के लोगों के लिए खोल दिया गया। सिंधु नदी पर यह सबसे बड़ा सस्पेंशन ब्रिज है। इसे लेह के चोगलामसर, स्टोक और चुचुट गांव के लोगों की मदद के लिए तैयार किया गया है। अब इस पुल को आम जनता को समर्पित कर दिया गया है। पुल को फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के साहस और योग्यता रेजिमेंट में तैनात कॉम्बैट इंजिनियर्स द्वारा तैयार किया गया है।
89 साल के सेवानिवृत सैनिक नायक फुंचोक आंगदस और 1947 से लेकर कारगिल युद्ध में हिस्सा ले चुके पूर्व सैनिकों ने सोमवार को इस पुल का उद्घाटन किया। इस पुल को बनाने में करीब 500 टन उपकरण और निर्माण सामग्री लगी। 40 दिन में इस पुल का बनना एक रिकॉर्ड है जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को आम जिंदगी में काफी सहूलियत होंगी। इसके लिए लोगों ने भारतीय सेना को शुक्रिया भी कहा।
सेना ने कारगिल युद्ध के 20 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में यह पुल बनाया है। सेना को पुल के लिए सिविल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से अनुरोध किया गया था। इसके बाद सेना ने इसका निर्माण कार्य शुरू किया। आपको बता दें कि बीते साल हिमाचल प्रदेश के मनाली से लद्दाख तक के लिए एक रोड का निर्माण किया गया था। वहीं एशिया की सबसे लंबी सुरंग जोजिला का भी उद्घाटन पिछले साल किया गया था।
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