एलओसी के पास कथित संघर्षविराम उल्लंघन को लेकर भारतीय राजनयिक तलब
February 15, 2020, Updated on : Sat Feb 15 2020 13:31:30 GMT+0000

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इस्लामाबाद, पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग के एक वरिष्ठ राजनयिक को शनिवार को तलब किया और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास संघर्षविराम के कथित उल्लंघन को लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई।

फोटो क्रेडिट: hindisamachar
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सुरक्षा बलों ने 14 फरवरी को नियंत्रण रेखा के पास राखचिकरी और नेजापीर सेक्टरों में गोलीबारी की।
मंत्रालय ने कहा, “अंधाधुंध और उकसावे वाली गोलीबारी” से फतेहपुर गांव में 13 साल की लड़की गंभीर रूप से घायल हो गई।
इसने आरोप लगाया कि भारतीय बल, नियंत्रण रेखा और कामकाजी सीमा के पास तोपों, मोर्टार के गोलों और स्वचालित हथियारों से असैन्य इलाकों को लगातार निशाना बना रहे हैं जो अब भी जारी है।
मंत्रालय ने आरोप लगाया,
“भारत की तरफ से संघर्षविराम उल्लंघनों में असाधारण बढ़ोतरी 2017 से जारी है जब भारतीय बलों ने 1970 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया था। इस साल अब तक भारत ने 287 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है।”
मंत्रालय ने साथ ही कहा कि ये क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा है और यह सामरिक भूल साबित हो सकती है।
पाकिस्तान ने भारत से अपने बलों को संघर्षविराम का अक्षरश: पालन करने तथा एलओसी और कामकाजी सीमा पर शांति बरकरार रखने का निर्देश देने की अपील की।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) प्रस्तावों के तहत भारत और पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) को उसकी अनिवार्य भूमिका का निर्वाह करने की अनुमति देनी चाहिए।
भारत कहता रहा है कि जनवरी 1949 में स्थापित यूएनएमओजीआईपी अपनी सार्थकता पूरी कर चुका है और शिमला समझौते तथा उसके बाद नियंत्रण रेखा की स्थापना के बाद अप्रांसगिक हो गया है।
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