भारत बना दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था; ब्रिटेन को पछाड़ा
एक दशक पहले भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में 11वें पायदान पर था, जबकि ब्रिटेन 5वें नंबर पर था. भारत के आगे अब सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी हैं.
शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होना हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है. यूरोप में सुस्ती के बीच घरेलू अर्थव्यवस्था की तेज ग्रोथ से भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में मजबूती का असर देखने को मिल रहा है. तेज विकास दर की बदौलत भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.
हाल ही में भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है. ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, ब्रिटेन अब छठे स्थान पर है. एक दशक पहले भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में 11वें पायदान पर था, जबकि ब्रिटेन 5वें क्रम पर था. भारत के आगे अब सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी हैं.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund - IMF) के जीडीपी आंकड़ों के मुताबिक 2022 अमेरिकी डॉलर में की गई गणना के अनुसार भारत ने 2021 की आखिरी तिमाही में ब्रिटेन को छोड़ दिया है.
अगर भारत और ब्रिटेन की इकोनॉमी को डॉलर में देखें, तो आईएमएफ के आंकड़ों के अनुसार, मार्च की तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर थी. वहीं, ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर थी. आंकड़े बता रहे हैं कि भले ही दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं मंदी और महंगाई की मार से परेशान हों, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था तमाम चुनौतियों के बाद भी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है.
भारत की अर्थव्यवस्था फिलहाल महंगाई, रुपये में गिरावट, महंगे कच्चे तेल, कमोडिटी कीमतों से जूझ रही है. और इन चुनौतियां का सामना सिर्फ भारत ही नहीं पूरा विश्व कर रहा है. यकीनन रैकिंग बढ़ने का तुरंत ही कोई असर नहीं दिखेगा. क्योंकि महंगाई जैसी वजहें सारी अर्थव्यवस्थाओं पर हावी हैं और इसी वजह से अर्थव्यवस्थाओं का साइज घट बढ़ रहा है. हालांकि ऐसा नहीं है कि भारत के लिए ये उपलब्धि सिर्फ नाम की है. मध्यम से लंबी अवधि के बीच टॉप 5 में शामिल होना अर्थव्यवस्था के लिए न केवल सकारात्मक है साथ ही इसका प्रभाव आम लोगों की जिंदगी पर पड़ेगा.
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GDP वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत रही जो पिछले के मुकाबले काफी अधिक है. वहीं ऐसा माना जा रहा है कि सालाना आधार पर भी भारत की जीडीपी में भी उछाल देखने को मिल सकती हैं.
साथ ही भारत ब्रिटिश इकोनॉमी के मुकाबले अपनी बढ़त और मजबूत करेगा. आपको बता दें कि भारत के लिए ग्रोथ अनुमान 7 प्रतिशत रखा गया है. जो कि सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में तेज है.
वहीं यूके की अर्थव्यवस्था में अभी अच्छे सकेंत देखने को नहीं मिल रहे हैं. इसे देखते हुए ही आईएमएफ ने ऐसी आशंका जताई है कि सालाना आधार पर डॉलर मूल्य में भारत यूके को पछाड़ कर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
रैंकिंग में सुधार का असर पर गौर करें तो, फिलहाल बड़ी संख्या में निवेशक चीन का विकल्प तलाश रहे हैं. नई रैंकिंग ऐसे निवेशकों के लिए भी एक बड़ा संकेत बनेगी. अगर विदेशी निवेशक बड़ी संख्या में भारत में निवेश बढ़ाते हैं और एफडीआई बढ़ता है तो इससे न केवल देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे साथ ही लोगों की आय और अपना काम शुरू करने वालों के लिए मौके भी बढ़ेंगे. यानि साफ है कि भारत का टॉप 5 में शामिल होना आम भारतीयों के लिए नए अवसर ला सकता है.