झारखंड की 11 वर्षीय रानी बंगा इजराइल में गोल्ड मेडलिस्ट जिम्नास्ट
"जब किसी भारतीय ऑर्टिस्ट की बेटी परदेस में नाम ऊंचा करे तो निश्चित ही उससे भारत का भी मान बढ़ता है। ऐसी ही नवोदित जिम्नास्ट हैं जमशेदपुर (झारखंड) के मूल निवासी कंचन बंगा की 11 साल की बेटी रानी बंगा, जिसने इजराइल के उत्तर होलोन शहर में जिम्नास्टिक चैंपियनशिप में एक गोल्ड, एक सिल्वर पदक जीत लिया।"
इजराइल में हर साल चालीस से अधिक रिदमिक जिम्नास्टिक क्लबों में जगह-जगह पूरे एक महीने तक इजलाइल रिदमिक जिम्नास्टिक प्रतियोगिताएं होती हैं, जिनमें बड़ी संख्या में देश के छोटे-बड़े रिदमिक खिलाड़ी पार्टीसिपेट करते हैं। प.बंगाल की भारतीय जिम्नास्ट दीपा कर्मकार की ही तरह एक और ज्वाजल्यमान नक्षत्र जमशेदपुर (झारखंड) की ग्यारह वर्षीय रानी बंगा ने इजराइल के उत्तर होलोन शहर में आयोजित सालाना चैंपियनशिप में एक गोल्ड, एक सिल्वर पदक जीतकर इजराइल ही नहीं, भारत का भी मान बढ़ाया है। वह ‘रोप एक्सरसाइज’ में फर्स्ट और ‘क्लब्स एक्सरसाइज’ में दूसरे स्थान पर रही।
रानी एक दिन ओलंपिक्स में इजराइल का प्रतिनिधित्व कर मैडल जीतना चाहती है। उसकी मां सिंगाल मानोर इजराइल की नागरिक हैं और प्रतिष्ठित बेन जिवी इंस्टीट्यूट में शोधकर्ता हैं। रानी ने अपनी आठ साल की उम्र में रिदमिक जिम्नास्टिक सीखना शुरू कर दिया था और इजराइल तथा विदेशों में अनेक प्रतियोगिताओं में मैडल जीत कर लगातार अपनी सफलताओं के परचम लहराए हैं।
भारतीय कलाकार चंचल बंगा की बेटी रानी का कहना है कि वह ओलंपिक खेलों में जाना चाहती है। वह जानती है कि उसे वहां पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी, लेकिन वह कामयाबी के लिए लगातार प्रयास करते रहना चाहती है। साथ ही अगले साल 2020 में जमशेदपुर जाकर अपनी दादी मां से मिलना भी चाहती है क्योंकि इजराइल में लड़कियां जब बारह साल की हो जाती हैं, उनके 'बाट मित्ज़वा' उत्सव आयोजित किए जाते हैं।
अगले साल रानी बारह साल की हो रही है। उसी अवसर पर वह अपने पूरे परिवार के साथ भारत घूमने का परिजनों के साथ प्लान बना रही है। रानी बंगा के पिता सिंगाल मानोर से शादी रचाने के बाद इजराइल में ही जा बसे हैं। वहां समय समय पर उनकी चित्र प्रदर्शनियां आयोजित होती रहती हैं। वह इजराइल में एक जाना-पहचाना आर्टिस्ट हैं।
रानी की तरह ही भारतीय जिम्नास्ट दीपा कर्मकार पूर्वोत्तर भारत के त्रिपुरा राज्य के अगरतला से आती हैं। रानी की तरह उन्होंने भी छह वर्ष की उम्र से ही जिम्नास्टिक्स आरंभ कर दिया था और उसी समय से अपनी कोच विश्वेश्वर नंदी के निर्देशन में अभ्यास करती रहती हैं। जिम्नास्टिक्स की कक्षा में पंजीकरण के समय दीपा फ्लैट फीट की समस्या से ग्रस्त थीं। कोच नंदी के अनुसार फ्लैट फीट के कारण दीपा की उछाल में समस्या आ रही थी। इसको ठीक करना दीपा और उनकी कोच के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा।
वर्ष 2007 में जलपाईगुड़ी में उन्होंने जूनियर नेशनल्स जीता। उसके बाद से उन्होंने राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कुल 77 पदक जीते हैं जिनमें से 67 स्वर्ण पदक हैं। रानी बंगा विश्व ओलंपिक में दुनिया के सामने कुछ वैसा ही कर गुजरना चाहती हैं। उन्हे अपनी कामयाबी में अपने पिता चंचल बंगा और इजराइली मां सिंगाल मानोर से भरपूर मदद मिलती आ रही है।