जलवायु पर वैश्विक जागरुकता की वकालत करने वाले प्रचारकों में भारतीय भी शामिल
वैश्विक एकता की वकालत करते हुए 140 से अधिक देशों के 2000 प्रचारक और सामाजिक कार्यकर्ता बृहस्पतिवार को जारी किये गये उस पत्र का समर्थन कर रहे हैं जिसमें जनता और धरती के लिए विशेष रूप से जलवायु से संबंधित मौजूदा स्थिति को ‘आपातकाल’ कहा गया है।
लंदन: वैश्विक एकता की वकालत करते हुए 140 से अधिक देशों के 2000 प्रचारक और सामाजिक कार्यकर्ता बृहस्पतिवार को जारी किये गये उस पत्र का समर्थन कर रहे हैं जिसमें जनता और धरती के लिए विशेष रूप से जलवायु से संबंधित मौजूदा स्थिति को ‘आपातकाल’ कहा गया है।
दुनिया के 20 जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पत्र जारी किया है, जिनमें भारतीय लैंगिक अधिकार कार्यकर्ता तृषा शेट्टी और पाकिस्तानी नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला युसूफजई शामिल हैं। एक सप्ताह पहले ही संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से 2020 के दशक को ‘कार्रवाई का दशक’ तथा 2020 को ‘तत्काल कदम उठाने का वर्ष’ बनाने का आह्वान किया था।
दुनिया के नेताओं को संबोधित पत्र में कहा गया है,
‘‘हम चाहते हैं कि आप तेजी से काम करें। वित्तीय संसाधन जुटाने को, क्रियान्वयन पर नजर रखने को, मौलिक समाधान निकालने को। हम आप पर नजर रख रहे हैं। और हम लोगों के लिए, धरती के लिए रोजाना लड़ेंगे।’’
इस पत्र में मौजूदा समय को जनता और धरती के लिए ‘आपातकाल’ कहा गया है। पत्र में कार्यकर्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का उल्लेख किया है और इस साल अहम क्षणों में राजनीतिक नेतृत्व की मांग की है।
‘शी सेज इंडिया’ की संस्थापक शेट्टी ने कहा,
‘‘जब एसडीजी स्वीकार किये गये थे तो हमारे नेताओं ने किसी को पीछे नहीं छोड़ने देने की साहसिक प्रतिबद्धता जताई थी। लेकिन यदि आप जमीनी हालात देख रहे हैं, अपने समुदाय के करीब हैं, अगर आप सबसे कमजोर और वंचित तबकों के लोगों की बात सुनते हैं तो आप सच जानेंगे। यह सच कि हम कई लोगों को पीछे छोड़ रहे हैं।’’
पत्र का समर्थन करने वाले लोगों में हॉलीवुड स्टार जूलिया रॉबर्ट्स और ऐमा थाम्पसन तथा फिल्मकार जे जे अबराम्स और रिचर्ड कर्टिस जैसे विभिन्न क्षेत्रों के धुरंधर शामिल हैं।