भारतीय मूल के डॉक्टर ने किया कोरोना वायरस से प्रभावित फेफड़ों का पहला सफल प्रत्यारोपण

भारतीय मूल के डॉक्टर ने किया कोरोना वायरस से प्रभावित फेफड़ों का पहला सफल प्रत्यारोपण

Friday June 12, 2020,

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महिला बिना इस ट्रांसप्लांट के जीवित नहीं रह सकती थी। महिला को फिलहाल आईसीयू में रखा गया है और वह बड़ी तेजी से रिकवर कर रही है।

डॉ. अंकित भरत

डॉ. अंकित भरत



विदेशों में रहते हुए भी भारतीय मूल के डॉक्टर और इंजीनियरों ने हमेशा अपने काम से देश का नाम रोशन किया है। अमेरिका में ऐसा ही मुकाम एक भारतीय मूल के डॉक्टर ने फिर से छुआ है।


भारतीय मूल के इस डॉक्टर के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने कोरोनोवायरस के चलते फेफड़ों को गंभीर क्षति पहुँचने के बाद एक युवा महिला में फेफड़े का एक नया इंप्लांट किया है। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद इस तरह की यह पहली सर्जरी है।


वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार चिकित्सकों की मानें तो जिस 20 वर्षीय महिला की यह सर्जरी हुई है, वह बिना इस ट्रांसप्लांट के जीवित नहीं रह सकती थी। महिला को फिलहाल आईसीयू में रखा गया है और वह बड़ी तेजी से रिकवर कर रही है।


नॉर्थवेस्टर्न के फेफड़े के प्रत्यारोपण कार्यक्रम के सर्जिकल निदेशक अंकित भरत के अनुसार कोरोना वायरस से सबसे गंभीर रूप के पीड़ित हुए लोगों के लिए अंग प्रत्यारोपण के मामले बढ़ सकते हैं।


अंकित के अनुसार यह उनके करियर का सबसे कठिन ट्रांसप्लांट रहा है। अंकित ने इसे अपने सबसे मुश्किल केसों में शामिल किया है।


चिकित्सकों ने बताया है कि महिला के फेफड़े बुरी तरह डैमेज हो गए थे और इसके चलते उनके एंटीबायोटिक्स के जरिये कवर करना संभव नहीं था, इसी के साथ महिला के हृदय ने धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिया था और उसे सांस भी नहीं आ रही थी।