भारतीय स्टार्टअप्स ने चीनी ऐप्स को प्रतिबंधित करने के फैसले का स्वागत किया, कहा अब होगी ‘डिजिटल स्वदेशी क्रांति’
भारतीय तकनीकी स्टार्टअप्स के लिए, चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार का कदम वह क्रांति है जिसकी वे प्रतीक्षा कर रहे थे, और अब इससे उन्हें बढ़ने में मदद मिलेगी।
भारतीय टेक स्टार्टअप्स ने मंगलवार को 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के भारत सरकार के फैसले की सराहना की, जिसमें टिक टॉक, हेलो और वीचैट जैसे लोकप्रिय ऐप्स शामिल हैं, यह कहते हुए कि यह कदम भारतीय डिजिटल इकोसिस्टम को बढ़ावा देने में मदद करेगा, और देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लेटेस्ट कॉल-टू-एक्शन के अनुरूप अधिक 'आत्मानिर्भर' बना देगा।
ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय दोनों देशों के बीच हालिया सीमा झड़पों के बाद लिया गया था बल्कि इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि कई शिकायतों और रिपोर्ट्स के बाद कि ऐप यूजर के डेटा की चोरी कर रहे थे और इसे भारत के बाहर सर्वर पर भेज रहे थे।
प्रतिबंध से चीनी कंपनियों को लाखों डॉलर का नुकसान हो सकता है, विभिन्न स्रोतों ने भारत में मीडिया प्रकाशनों को बताया। लेकिन उनका नुकसान भारत का लाभ है, घरेलू टेक स्टार्टअप कंपनियां कहती हैं कि यह समय आकर्षण हासिल करने और इन लोकप्रिय चीनी ऐप के बेहतर विकल्प के रूप में सामने आता है।
इनमोबी ग्रुप के फाउंडर और सीईओ नवीन तिवारी कहते हैं,
"यह डिजिटल आत्मनिर्भर वाला समय है, जिसकी ज्यादातर भारतीयों को जरूरत थी।"
InMobi ने पिछले साल रोपोसो (Roposo) का अधिग्रहण किया था, जो एक छोटा वीडियो प्लेटफॉर्म था, जिसने 42 मिलियन से अधिक यूजर्स को और शानदार कंटेंट मेकर्स को Glance तक पहुंच प्रदान की।
नवीन कहते हैं,
“Google Play Store पर नंबर एक शीर्ष वीडियो ऐप के रूप में, इस आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए रोपोसो बहुत अच्छी तरह से तैनात है। रोपोसो भरोसा और प्यार का निर्माण जारी रखेगा, जो 55 मिलियन भारतीय उपयोगकर्ताओं ने हमारे सामने रखा है।"
भारत में टॉप टवर्किंग साइट्स में से एक बनने के लिए तैयार एक अन्य शॉर्ट वीडियो-सेयरिंग ऐप चिंगारी ने भी इस फैसले की सराहना की।
चिंगारी, जिसके पहले ही 3 मिलियन से अधिक डाउनलोड्स हो चुके हैं, के कॉ-फाउंडर और चीफ़ प्रोडक्ट ऑफिसर सुमित घोष कहते हैं,
“यह भारत सरकार और भारत सरकार के आईटी मंत्रालय द्वारा उठाया गया एक बहुत अच्छा कदम है। बहुत लंबे समय से, TikTok यूजर्स पर जासूसी कर रहा है और डेटा को चीन में वापस भेज रहा है। हमें खुशी है कि यह कदम आखिरकार उठाया गया है।”
‘स्वदेशी’ ऐप्स के लिए क्रांति
सुमित ने टिक टॉक के सभी यूजर्स से चिंगारी ऐप को ट्राई करने का भी आग्रह किया, उन्होंने कहा, "यह 100 प्रतिशत भारत में विकसित ऐप है, और भावुक भारतीयों के लिए बनाया गया है।"
और हर जगह भारतीय उनकी सलाह को मानते हैं।
चिंगारी के स्ट्रेटैजी डिपार्टमेंट के वीपी आदित्य कोठारी ने बताया,
“चिंगारी, जिसे पहले से ही तीन मिलियन से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है, हर घंटे 100,000 डाउनलोड और हर 30 मिनट में 1 मिलियन वीडियो व्यूज देख रही है।”
आदित्य कहते हैं,
"यह भारत के लिए दुनिया में सबसे बड़ा तकनीक इको-सिस्टम बनाने के लिए और होम-डेवलप्ड ऐप के लिए एक नया मौका है।"
चिंगारी की तरह, ट्रैल (Trell), एक शाब्दिक जीवन शैली ऐप है, जिसने प्रतिबंध के बाद से लगभग एक लाख डाउनलोड के साथ, ऑर्गेनिक एक्टिविटी में वृद्धि देखी है।
ट्रैल के कॉ-फाउंडर, पुलकित अग्रवाल ने भी चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के 'साहसिक निर्णय' का स्वागत किया, यह कदम हमें एक नए 'आत्मनिर्भर भारत' के करीब ले जाएगा और हमारे स्वदेशी एप्लिकेशन के लिए एक पूरी नई क्रांति का निर्माण है ये।
उन्होंने आगे बताया,
“इस नए कदम के साथ, हमारे जैसे स्टार्टअप भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में एक महान भूमिका निभाएंगे और एक स्वतंत्र तकनीक और स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने में मदद करेंगे। हम सभी तैयार हैं और डिजिटल इंडिया क्रांति का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं और हमारे क्रिएटर्स को एक स्थायी आय अर्जित करने में सक्षम बनाते हैं, जबकि वे भारत में अपने प्रयासों को केंद्रित करते हैं।”
इस अवसर का लाभ उठाने और डिजिटल इंडिया क्रांति का नेतृत्व करने के लिए तैयार ट्रैल, चिंगारी और रोपोसो जैसे तकनीकी स्टार्टअप के रूप में, निवेशक भी नए होमग्रोन इनोवेशन के लिए इस अवसर का जायजा ले रहे हैं।
Accel के निवेशक और पार्टनर प्रयांक स्वरूप ने ट्विटर पर प्रतिबंधित चीनी ऐप्स को रिप्लेस करने के लिए भारतीय स्टार्टअप निर्माण प्लेटफॉर्म से आग्रह किया किया। उन्होंने ट्वीट किया, "यदि आप भारत में इन (चीनी) ऐप्स को रिप्लेस करने वाले ऐप्स बना रहे हैं, तो आप मुझे [email protected] पर मेल कर सकते हैं। आपसे बात करके अच्छा लगेगा।"
डेटा प्राइवेसी और सुरक्षा कानूनों को मजबूत करने की है जरूरत
जब से सोमवार की देर रात बैन की खबर आई, तब से भारतीय तकनीकी स्टार्टअप और कारोबारी नेताओं ने भारत सरकार से अपने डेटा प्राइवेसी कानूनों को मजबूत करने का आह्वान किया है।
नैसकॉम के अध्यक्ष देबजानी घोष कहते हैं,
"अपने इनोवेशन गेम को बढ़ाने के लिए भारतीय स्टार्टअप्स के लिए अब और बेहतर समय है! सरकार और उद्योग के लिए सही समय है फोकस करने के लिए, भारत और वैश्विक स्तर पर आंदोलन के साथ बड़े पैमाने पर बढ़ने के लिये इनोवेशन, पॉलिसी, फंडिंग, ट्रस्ट और सिक्योरिटी के साथ।”
जे सागर एसोसिएट्स के जॉइंट मैनेजिंग पार्टनर विवेक चांडी ने भी नीति और सुरक्षा कानूनों को बनाए रखने की आवश्यकता पर देबजानी के विचार के साथ सहमति जताई । उन्होंने कहा,
"इस कदम के अलावा, सरकार को भारत की डेटा गोपनीयता और सुरक्षा कानूनों को मजबूत करना चाहिए।"
विवेक ने आगे कहा,
“इनमें से कई (चीनी) ऐप्स द्वारा भारतीय यूजर्स का डेटा एक्सेस और स्टोरेज और उपयोग, जाहिर तौर पर पहले से ही कुछ समय के लिए चिंता का विषय था। हालांकि, इस कदम के लिए उस डेटा की सुरक्षा एक कारण हो सकती है, लेकिन संबंधित कंपनियों पर इसका असर देखा जाएगा।”
TikTok ने एक आधिकारिक बयान में, यह जोर देकर कहा कि यह चीन सहित किसी भी विदेशी सरकारों को किसी भी यूजर की जानकारी नहीं भेजता है।
Edited by रविकांत पारीक