भारत में स्टार्टअप फंडिंग में आई तेजी; 2024 के 9 महीनों में जुटाए 7.6 अरब डॉलर: Tracxn रिपोर्ट
Tracxn द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में साल की शुरुआत से लेकर अब तक भारत में यूनिकॉर्न में 5 गुना बढ़ोतरी देखी गयी और टेक आईपीओ लगभग दोगुना हो गए हैं.
हाइलाइट्स
भारत में 2024 में साल की शुरुआत से अब तक छह नए यूनिकॉर्न बने, जो 2023 में सिर्फ एक की तुलना में 500% की वृद्धि है
2024 में अब तक 29 टेक कंपनियों ने IPO जारी किए हैं, जो 2023 की इसी अवधि के 15 कंपनियों की तुलना में काफी ज्यादा हैं
2024 में साल की शुरुआत से अब तक बेंगलुरु, मुंबई और गुरुग्राम भारत के सबसे ज्यादा फंडिंग पाने वाले शहर रहे हैं
प्राइवेट मार्केट डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म
ने हाल ही में अपनी नई रिपोर्ट ‘Tracxn India Tech 9M 2024’ जारी की. यह रिपोर्ट भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के बारे में गहन जानकारी देती है, इसमें स्टार्टअप द्वारा जुटायी गई फंडिंग, प्रमुख उद्योगों के महारथी और प्रमुख रुझान शामिल हैं.2024 में साल की शुरुआत से अब तक, भारतीय टेक ने 7.6 अरब (बिलियन) डॉलर की फंडिंग हासिल की है, जो 2023 के 8.2 बिलियन डॉलर से 7% कम है और 2022 के 22.4 बिलियन डॉलर से 66% कम है. भारतीय तकनीकी स्टार्टअप इकोसिस्टम 136 हजार स्टार्टअप और 99 सक्रिय यूनिकॉर्न के साथ विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर रहा, इसके आगे थे अमेरिका, ब्रिटेन और चीन. इस सेक्टर में 2021 में 29.9 बिलियन डॉलर की सबसे ज्यादा फंडिंग देखी गयी थी, उसके बाद से चल रही भू-राजनीतिक समस्याओं और वैश्विक फंडिंग में कमी के कारण फंडिंग में गिरावट आयी है.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था ने 2024 में मजबूती दिखायी है, वित्त वर्ष 24 के लिए 8.2% सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर हासिल की है, जो पहले के अनुमानों और पिछले वित्तीय वर्ष की 7% की वृद्धि को पार कर गयी है. 2016 में शुरू की गई स्टार्टअप इंडिया (Startup India) पहल सहित सरकारी पहल, भारत के टेक इकोसिस्टम की वृद्धि का समर्थन और उसे बढ़ावा देती हैं.
Tracxn की को-फाउंडर नेहा सिंह ने कहा, “बड़ी आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, भारत का स्टार्टअप टेक इकोसिस्टम तेजी दिखा रहा है. छह नए यूनिकॉर्न सामने आने और 2024 में साल की शुरुआत से अब तक 29 टेक कंपनियों के सार्वजनिक होने के साथ आईपीओ में उछाल इकोसिस्टम में निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है. वैसे कुल मिलाकर फंडिंग में कमी आई है, लेकिन लेट-स्टेज निवेश और फिनटेक तथा रिटेल में बढ़ती गतिविधि यह दिखाती है कि भारत के स्टार्टअप सेक्टर में इनोवेशन से जुड़ा विकास अभी भी जारी है.”
2024 में साल की शुरुआत से अब तक इंडिया टेक इकोसिस्टम में 100 मिलियन डॉलर से अधिक के 12 फंडिंग राउंड देखे गए, जिसमें
ने लगातार दो राउंड में 1 बिलियन डॉलर जुटाए, जिससे यह इस वर्ष 500 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाने वाली एकमात्र कंपनी बन गयी. इसकी तुलना में, 2023 के पहले नौ महीनों में 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा के 16 राउंड थे, जो इस साल मेगा फंडिंग राउंड में थोड़ी मंदी का संकेत देता है. , , 24|7, , , और सहित अन्य उल्लेखनीय स्टार्टअप्स ने 2024 में 200 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग जुटाई है.सेक्टर संबधी रुझान और भविष्य का नज़रिया
अधिकांश फंडिंग अंतिम चरण (लेट-स्टेज) के राउंड से आयी, जिसमें 4.7 बिलियन डॉलर अर्जित हुए, जबकि 2023 में 4.9 बिलियन डॉलर और 2022 में 14.3 बिलियन डॉलर प्राप्त हुए थे. शुरुआती चरण की फंडिंग 2023 में 2.5 अरब डॉलर और 2022 में 6.4 अरब डॉलर से कम होकर 2.2 अरब डॉलर तक पहुंच गयी. कुल सीड-स्टेज (एकदम शुरुआती) फंडिंग 743 मिलियन डॉलर थी, जबकि 2023 में 890 मिलियन डॉलर और 2022 में 1.6 बिलियन डॉलर थी.
रिटेल, फिनटेक और खाद्य एवं कृषि तकनीक सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले सेक्टर के रूप में उभरे हैं. विशेष रूप से रिटेल सेक्टर ने 2024 में साल की शुरुआत से अब तक 1.95 बिलियन डॉलर प्राप्त किए, जो 2023 की तुलना में 23% की बढ़ोतरी दर्शाता है लेकिन 2022 से 61% की गिरावट दर्शाता है. Flipkart ने
से 350 मिलियन डॉलर जुटाए, जिससे क्विक कॉमर्स में उसके विस्तार को बढ़ावा मिलेगा, इसी तरह Meesho ने 275 मिलियन डॉलर हासिल किए, जिससे 11 राउंड में उसकी कुल फंडिंग 1.36 बिलियन डॉलर हो गयी.फिनटेक 1.49 बिलियन डॉलर हासिल करके दूसरे सबसे अधिक फंडिंग पाने वाले सेक्टर के रूप में उभरा, हालांकि इससे 2023 में 2.46 बिलियन डॉलर से 39% की कमी और 2022 में 4.97 बिलियन डॉलर से 70% की कमी का पता चलता है. इस सेक्टर की सबसे ज्यादा फंडिंग पाने वाली कंपनियों में DMI Finance,
, और शामिल हैं. Perfios ने 80 मिलियन डॉलर जुटाए, जिससे इसे 2024 में यूनिकॉर्न स्टेटस मिल गया. खाद्य और कृषि तकनीक क्षेत्र में 1.43 बिलियन डॉलर की फंडिंग देखी गई, यह 2023 में 880 मिलियन डॉलर से 63% की बढ़ोतरी दर्शाती है, हालांकि यह 2022 में 2.75 बिलियन डॉलर से 48% कम है.2024 में साल की शुरुआत से अब तक, एडटेक और ऐरोस्पेस, मेरिटाइम और डिफेंस टेक सबसे अधिक प्रभावित सेक्टर रहे हैं. एडटेक की फंडिंग में 46% तक की गिरावट आयी, 2023 में 215 मिलियन डॉलर से 2024 में 116 मिलियन डॉलर रह गए, जबकि ऐरोस्पेस, मेरिटाइम और डिफेंस टेक में 56% तक की गिरावट आयी, 2023 में 184 मिलियन डॉलर से 2024 में 80.7 मिलियन डॉलर रहे गए.
भारत को छह नए यूनिकॉर्न देखने को मिले, जो 2023 में सिर्फ एक की तुलना में 500% की वृद्धि है आईपीओ गतिविधि में भी बढ़ोतरी हुई, जिसमें 29 टेक कंपनियों ने सार्वजनिक रूप से शेयर जारी किए, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 15 से अधिक थीं. उल्लेखनीय आईपीओ में Aeron Composite,
, , और RNFI Services शामिल हैं. हालांकि, 2023 में 107 की तुलना में 2024 में 69 सौदों के साथ अधिग्रहण में 36% की गिरावट आई. महत्वपूर्ण अधिग्रहणों में 160 मिलियन डॉलर में द्वारा और 100 मिलियन डॉलर में द्वारा शामिल हैं.भारत के टेक सेक्टर में अग्रणी निवेशकों में
, , और शामिल हैं. सीड स्टेज (एकदम शुरुआत) में, , , और सबसे आगे थे, जबकि , , और Accel शुरुआती चरण के निवेश में आगे रहे. बाद के चरण की फंडिंग के लिए, प्रमुख खिलाड़ियों में Advisors, , और शामिल थे.बेंगलुरु, मुंबई और गुरुग्राम भारत में सबसे ज्यादा फंडिंग पाने वाले शहरों के रूप में उभरे, अकेले बेंगलुरु में टेक सेक्टर में कुल फंडिंग का 35% से अधिक हिस्सा रहा.
भारत के टेक सेक्टर में प्रगति की संभावनाएं
2024 के बजट में स्टार्टअप को सहयोग करने के लिए प्रमुख उपाय पेश किए गए, इनमें विदेशी निवेश पर एंजेल टैक्स को खत्म करना, स्टार्टअप्स और सरकारी धन को 2025 तक कर में छूट देना, और स्पेस टेक्नोलॉजी के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड का प्रस्ताव शामिल है. अनुमान के मुताबिक भारत 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, देश की बड़ी उपभोक्ता संख्या, युवा आबादी और बढ़ती शहरी आय इसे निरंतर विकास के लिए तैयार करेगी.
विश्व स्तर पर आने वाले बदलावों से भारत में निवेश बढ़ने की उम्मीद है, जैसे अमेरिका और अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं द्वारा चीन पर निर्भरता कम करना, खासकर सेमीकंडक्टर सेक्टर में. अनुकूल सरकारी नीतियों और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ, भारत निवेशकों के लिए सबसे बड़ी मंजिल बना हुआ है.
गौरतलब हो कि Tracxn की इस रिपोर्ट में 01 जनवरी 2024 से 13 सितंबर 2024 तक का डेटा लिया गया है.