बड़े ब्रैंड्स के साथ कोलैबोरेशन करने में इंफ्लुएंसर्स के काम आएंगी ये तरकीबें
KlugKlug के को-फाउंडर और चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर वैभव गुप्ता का कहना है कि बड़े ब्रैंड्स के साथ काम करने के लिए मुख्यतः दो तीन चीजें काम आती हैं- आप उनकी नजर में कैसे आ सकते हैं. इसके लिए आप मार्केटिंग एजेंसी की भी मदद ले सकते हैं. नेटवर्किंग भी बहुत अहम जरिया है.
फुल टाइम इंफ्लुएंसर बनना, अपना पैशन फॉलो करना सुनने में काफी फैंसी लगता है. अगर इसे फुल टाइम करियर बनाना चाहते हैं तो उस हिसाब से अर्निंग होती रहे ये सुनिश्चित करना भी जरूरी है. फुल टाइम इंफ्लुएंसर्स की कमाई के वैसे तो कई ऑप्शन हैं, लेकिन इसका सबसे बड़ा हिस्सा आता है बड़े ब्रैंड्स के साथ कोलैबोरेशन करके.
बड़े ब्रैंड्स के साथ कोलैबोरेशन करना इतना आसान भी नहीं होता. ये ब्रैंड अक्सर अपने कैंपेन के लिए इंफ्लुएंसर्स की तलाश में रहते हैं, अगर आपने ये पता लगा लिया कि ब्रैंड्स की नजर में कैसे आना है तो आपका काम बन सकता है.
के को-फाउंडर और चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर वैभव गुप्ता का कहना है कि बड़े ब्रैंड्स के साथ काम करने के लिए मुख्यतः दो तीन चीजें काम आती हैं- आप खुद को उनकी नजर में कैसे ला सकते हैं चाहें मार्केटिंग एजेंसी के जरिए हो या फिर अपने आप से, दूसरा उन्हें जैसा कंटेंट चाहिए वैसा कंटेंट बनाकर और नेटवर्किंग करके या उनके साथ कॉन्टैक्ट्स बनाकर.
बड़े ब्रैंड्स के साथ कोलैबोरेशन के कारगर तरीकों पर डिटेल में बात करते हुए वैभव आगे कहते हैं कि अभी तक ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं बना है, जिससे आप ब्रैंड्स तक पहुंच सकें या उनके साथ काम कर सकें.
बहुत सारे इन्फ्लुएंसर्स जो ब्रैंड्स तक पहुंचते है वे घुमा फिराकर वही बातें करते हैं. लेकिन आप सबसे पहले वो करें जो आप एक इन्फ्लुएंसर के तौर पर अच्छा करते हैं. उसके बाद ब्रैंड्स की नजर में आने के लिए आप कुछ स्ट्रैटजी अपना सकते हैं.
जैसे बीच-बीच में उन ब्रैंड्स को देखें जो आपको इंस्पायर करते हैं. ऐसा कटेंट लिखने की कोशिश करें जिससे उन ब्रैंड्स का ध्यान आपकी ओर मुड़े और साथ में जो आपकी ऑडियंस को भी कनेक्ट करे. कंटेंट का स्टाइल थोड़ा क्वर्की हो, इंट्रेस्टिंग, इनसाइटफूल और यूजफूल हो.
शुरुआत में आप कुछ ब्रैंडेड कंटेंट फ्री में भी ऑफर कर सकते हैं, ताकि आप दिखा सकें की आपकी कन्विंसिंग पावर अच्छी है और आप सही तरह से अपनी बातें रख पाते हैं या ऑडियंस को इंफ्लुएंस कर सकते हैं. कंटेंट में ब्रैंड को टैग जरूर करें जिसके साथ आपने काम किया है. आप साथ में उन्हें ये भी लिख सकते हैं कि मेरे पास एक इंटरेस्टिंग आईडिया था और मैंने ऐसा काम किया है. इस तरह आप उनकी नजर में आ जाएंगे.
ब्रैंड्स के लिए कंटेंट बनाते समय इंफ्लुएंसर्स को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि आपका कंटेंट A1 क्वॉलिटी का रहे. इस पर गेराज ग्रुप की को-फाउंडर और डायरेक्टर अंजलि चौहान कहती हैं कि कोलैबोरेट करने के लिए इन्फ्लुएंसर्स को सबसे पहले, ब्रांड का विजन, टारगेट ऑडियंस का पता होना जरूरी है. साथ ही साथ इन्फ्लुएंर्स को उस कैंपेन के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए जिस पर ब्रैंड लाइव कर रहे हैं.
लगभग सभी ब्रैंड मार्केटिंग के लिए इन्फ्लुएंसर्स को हायर करते है, इसलिए अपने आप को, काम को अलग दिखाने की जरूरत है, ताकी अधिक से अधिक ब्रैंड आपके काम को पसंद करें. अपने क्रिएटिव आइडिया और नए रचनात्मक विचारों और इनोवेशन पर काम करने जरूरत होगी. आपको ये दिखाना होगा कि आप प्रोफेशनल, रिस्पेक्टफुल होने के साथ ही ये कोलैबोरेशन उनके विजन में वैल्यू ऐड करने का काम करेगा.
इधर वैभव गुप्ता कहते हैं तीसरा और सबसे कारगर तरीका कह सकते हैं एजेंसी की मदद लेकर. बड़े ब्रैंड्स अक्सर इंफ्लुएंसर मार्केटिंग एजेंसी या किसी अन्य एजेंसी पार्टनर्स के साथ काम करते हैं. इनमें डिसिजन मेकर पोजिशन पर बैठे लोग, क्यूरेटर्स, रेकमेंडर्स यानी ऐसे लोग जो ब्रैंड्स को नाम रेकमंड करते हैं उनके कॉन्टैक्ट्स ढूंढें और उनके साथ पहचान बढ़ाएं.
दरअसल ब्रैंड्स भी अब पुराने ढर्रे से हटकर ब्रैंड प्रमोशन के नए तरीके आजमाना चाहते हैं. इसलिए उन्हें भी इंफ्लुएंसर्स के डेटाबेस की उतनी ही जरूरत होती है, जितनी दिलचस्पी इंफ्लुएंसर्स को बड़े ब्रैंड्स के साथ काम करने में होती है. बड़े ब्रैंड्स ज्यादातर समय इंफ्लुएंसर्स की जरूरत पड़ने पर एजेंसियों से ही कॉन्टैक्ट करते हैं. इसलिए अगर आप बड़े ब्रैंड्स के साथ काम करने का मौका ढूंढ रहे हैं तो एजेंसी के साथ काम करना आपके लिए बड़े फायदेमंद साबित हो सकता है.
इसके अलावा अपने आपको, अपने कंटेंट को विजिबल बनाने की कोशिश करें, ब्रैंड्स को रीच आउट करें, किसी ब्रैंड के साथ काम करने का मन है तो जो भी शख्स इस कोलैब में आपके काम आ सकता है उसे डीएम करें.
KlugKlug भी ऐसा ही एक प्लैटफॉर्म है, जिस पर आप रजिस्टर करके अपने पसंदीदा ब्रैंड्स के बारे में इनसाइट्स ले सकते हैं. आप पता कर सकते हैं कि कौन सा ब्रैंड क्या प्रमोट कर रहा है. लेकिन इन सभी तरीकों में नेटवर्किंग ही वो तरीका है जो सबसे ज्यादा आपके काम आएगा.