इन दिनों खूब हो रहे हैं 'इंजीनियर चायवाले' के चर्चे, जानिए कैसे बिना दुकान के भी किसी नौकरी से ज्यादा कमाता है ये शख्स
वैसे तो इन दिनों चाय और चाय वालों का अपना अलग की भौकाल देखने को मिल रहा है। चाय की चुस्की ने इतनी बुलंदियाँ छू ली हैं कि उसका बखान करने की शायद जरूरत ही नहीं है। लेकिन इस इंजीनियर चाय वाले की अपनी एक अलग ही कहानी है।
‘भीड़ में खड़ा होना मकसद नहीं है मेरा, बल्कि भीड़ जिसके लिए खड़ी हो ऐसा इंसान बनना है मुझे।’ कुछ ऐसी ही शख्सियत बनने की चाहत है इस नौजवान की जिसने इंजीयरिंग की और पढ़ाई पूरी करने के बाद अच्छी नौकरी नहीं मिली तो लगा गया चाय बनाने। वैसे तो इन दिनों चाय और चाय वालों का अपना अलग की भौकाल देखने को मिल रहा है। चाय की चुस्की ने इतनी बुलंदियाँ छू ली हैं कि उसका बखान करने की शायद जरूरत ही नहीं है। लेकिन इस इंजीनियर चाय वाले की अपनी एक अलग ही कहानी है।
शुरुआत में पिता ने जताई थी नाराजगी
गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर के रहने वाले रौनक राजवंशी इन दिनों अपने चाय के बिजनेस को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। 29 वर्ष के रौनक पेशे से इंजीनियर हैं। लेकिन पढ़ाई पूरी होने के बाद जब मन की नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने पिता का हाथ बंटाने के लिए चाय का व्यापार शुरू करने का मन बनाया। हालांकि, उनके इस फैसले से पिता नाखुश थे।
वह कहते हैं, “जब मैंने पिता को अपने चाय के बिजनेस के बारे में बताया तो उन्हें थोड़ा असहज महसूस हुआ। उन्हें डर था कि लोग क्या कहेंगे? क्या सोचेंगे? लेकिन फिर मैंने उन्हें समझाया कि अगर हम खुश रहेंगे तो धीरे-धीरे कहने वाले भी शांत हो जाएंगे और वह तैयार हो गए।”
चाय के साथ देते हैं बिस्किट फ्री
रौनक अपने शहर में खुद के अनोखे अंदाज के लिए मशहूर हो चुके हैं। उनका कस्टमर रिटेन्शन रेट इतना हाई है कि एक बार जो व्यक्ति उनके चाय के स्टाल पर आता है वह दूसरी बार अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरूर आता है। सबसे बड़ी बात यह है कि रौनक अपने ग्राहकों को चाय के साथ बिस्किट फ्री देते हैं। साथ ही उनकी दुकान पर प्रतिदिन तीन अखबार, कुछ किताबें भी मौजूद रहती हैं जो कस्टमर एक्सपीरियंस को और भी खास बनाता है।
डॉक्टर बनने का था सपना
साल 2015 में अपनी इंजीयरिंग पूरी करने वाले रौनक का सपना बचपन से डॉक्टर बनने का था। लेकिन मां के कैंसर और घर की आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। रौनक हमेशा से खुद का काम करना चाहते थे जिससे वह आम लोगों से जुड़ सकें। यहाँ तक अगर वह डॉक्टर बनते तो खुद का ही क्लिनिक खोलकर लोगों की मदद करना पहला उद्देश्य था।
क्या है उनके स्टॉल का नाम
वर्ष 2020 में अहमदाबाद शहर के हाइवे के किनारे ‘इंजीनियर नी चाय’ नाम से अपना अड्डा जमाने वाले रौनक आज अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। इसके लिए वह केवल चार से पाँच घंटे ही काम करते हैं और किसी प्राइवेट नौकरी में मिलने वाले वेतन से अधिक पैसा कमा लेते हैं। पिता ने भी रौनक के इस काम में हाथ बंटाकर यह भांप लिया कि आज भी लोगों का चाय के साथ अपना एक अलग ही लगाव है।
रौनक कहते हैं, “ग्राहकों के चहेरे में चाय पीकर जो ख़ुशी और ताज़गी दिखती है, वह मुझे भी संतोष देती है और यह संतोष मुझे शायद किसी नौकरी में कभी नहीं मिलता।”
Edited by Ranjana Tripathi