विदेश से नौकरी छोड़ भारत आए इस शख्स ने शुरू की पपीते की खेती, मुनाफा देख आश्चर्य में पड़ गए अन्य किसान
वर्ष 2017 में असरफ परदेश छोड़ वतन वापस आ गए। यहां आने के बाद उनके एक दोस्त ने उन्हें पपीते की खेती करने की सलाह दी। असरफ को भी यह आईडिया अच्छा लगा। इसके बाद उन्होंने आधा बीघा जमीन 8500 रुपए के हिसाब से लीज पर खेती के लिए ली और काम की शुरुआत कर दी।
कहते है, ‘बदल नहीं सकते हैं जज़्बात उनके जिनके दिल में देश का प्यार होता है’ कुछ ऐसा ही स्वदेश प्रेम दिखा इस किसान में। जिसने 80 हजार रुपए महीना वाली नौकरी छोड़ अपने वतन वापसी आने का फैसला किया और गाँव आकार खेती-किसानी को अपना मूल पेशा बनाना ही उचित समझा। आज वो महीने में घर बैठे लाखों रुपए कमा रहा है। इसके अलावा इस किसान ने अपने आस-पास के किसानों के लिए भी एक नई मिसाल कायम की है।
क्यों सुर्खियों में है ये किसान
अक्सर आपने सुना होगा कि खेती-बाड़ी का काम करने वाले किसान उतना पैसा भी नहीं कमा पाते हैं जितना किसी फसल को उगाने में उनकी लागत आती है। लेकिन, हथुआ प्रखण्ड के बाजार में रहने वाले असरफ आली इस तथ्य को असत्य कर दिखाया और आज खेती से ही सालाना करीब 10 लाख रुपए का तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। इस काम ने उनकी पूरी किस्मत ही पलटकर रख दी।
विदेश से लौटकर कैसे हुई थी शुरुआत
साल 2017 से पहले असरफ सऊदी अरब में रहते थे। 1992 में वह पैसे की तंगी के चलते परिवार चलाने के लिए देश से बाहर चले गए थे, जहां वह किसी कंपनी में बतौर सुपरवाइजर काम करते थे जिसके लिए उन्हें हर महीने 80 से 90 हजार रुपए की सैलरी मिलती थी। लेकिन उनका मन अधिक समय तक वहां नहीं लगा।
वर्ष 2017 में असरफ परदेश छोड़ वतन वापस आ गए। यहां आने के बाद उनके एक दोस्त ने उन्हें पपीते की खेती करने की सलाह दी। असरफ को भी यह आईडिया अच्छा लगा। इसके बाद उन्होंने आधा बीघा जमीन 8500 रुपए के हिसाब से लीज पर खेती के लिए ली और काम की शुरुआत कर दी।
नौकरी छोड़ने के बाद अपने ही लोग मरते थे ताने
असरफ के इस्टने अच्छे वेतन वाली नौकरी छोड़ने पर कई लोग उन्हें पागल तक बोलने लगे थे यहां तक की परिवार के लोग भी उन्हें ताने मारने शुरू कर दिए थे। लेकिन उन्होंने किसी भी परवाह किए बगैर अपने काम पर ध्यान दिया।
बागवानी विभाग से पहले खेप में 500 पपीते के पेड़ लिए और आधा एकड़ जमीन में काम की शुरुआत कर दी। वह दिलोजान से अपने काम में लगे रहते थे। उनकी कड़ी मेहनत और तपस्या का नतीजा यह हुआ कि वह आज खुद के मालिक होने के साथ-साथ लाखों रुपए की कमाई भी कर रहे हैं।
दूसरे किसानों को भी देते हैं टिप्स
असरफ न केवल खुद की बल्कि अन्य किसानों की जिंदगी भी बदलने में लगे हुए हैं। वह अब तक डेढ़ दर्जन किसानों को निशुल्क प्रशिक्षण दे चुके हैं।
एक चैनल से बात करते हुए वह बताते हैं कि, “भले ही मैंने लंबे समय तक विदेश में जाकर काम किया है लेकिन जो आराम आज मिल रहा है, वह 80-90 हजार का वेतन पाने के बाद मिला था। मैं अकेले इस काम से लाखों कमा रहा हूं और अपने परिवार के साथ रहता भी हूं।”
Edited by Ranjana Tripathi