IRCTC नहीं बेचेगी ग्राहकों का डेटा, वापस ली डेटा मोनेटाइजेशन योजना
भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी IRCTC को ग्राहकों के डेटा बेचने की अपनी योजना को वापस लेना पड़ा है. रेलवे में खानपान और टिकट सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी IRCTC ने अपने यात्री और माल ढुलाई ग्राहकों के डेटा को बेचने की योजना पर रोक लगा दी है. अपने ग्राहकों की गोपनीयता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
बीते हफ्ते ये ख़बर आई थी कि अब IRCTC डेटा मोनेटाइजेशन करने जा रही है. इसके तहत IRCTC वेबसाइट यूजर्स का डेटा बेचेगी. कंपनी का डेटा मोनेटाइजेशन के जरिए कमाई बढ़ाने का लक्ष्य है. कमाई बढ़ाने के लिए डेटा मोनेटाइजेशन को लेकर कंपनी ने टेंडर भी जारी किया है.
लेकिन अब, IRCTC ने शुक्रवार को इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर संसद की स्थायी समिति को बताया कि इस योजना को वापस ले लिया गया है. इस समिति के अध्यक्ष कांग्रेस नेता शशि थरूर हैं.
IRCTC की मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरपर्सन रजनी हसीजा अन्य अधिकारियों के साथ समिति के सामने पेश हुईं. IRCTC के एक अधिकारी ने समिति को बताया, "IRCTC ने डेटा प्रोटेक्शन बिल को मंजूरी न मिलने के चलते टेंडर वापस ले लिया है."
समिति की सुनवाई से पहले शुक्रवार को IRCTC की वार्षिक आम बैठक में टेंडर वापस लेने के बारे में फैसला किया गया.
IRCTC के 10 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं, जिसमें से 7.5 करोड़ सक्रिय उपयोगकर्ता हैं. IRCTC ने यात्रियों एवं माल उपभोक्ता आंकड़ों के मौद्रिकरण के लिये एक सलाहकार नियुक्त करने को लेकर निविदा जारी की थी. ताकि 1,000 करोड़ रुपये तक रेवेन्यू हासिल किया जा सके.
IRCTC के निविदा दस्तावेज के अनुसार, जिन आंकड़ों का अध्ययन किया जाएगा. उनमें विभिन्न सार्वजनिक एप्लीकेशन द्वारा दर्ज सूचनाएं शामिल हैं. इस सूचनाओं में नाम, आयु, मोबाइल नंबर, पता, ईमेल आईडी, यात्रा की श्रेणी, भुगतान का प्रारूप, लॉगइन, पासवर्ड आदि का ब्योरा शामिल था.
IRCTC के टेंडर में कहा गया था, "भारतीय रेलवे ग्राहक/वेंडर ऐप्लिकेशन तथा अपने आंतरिक ऐप्लिकेशन पर मौजूद जानकारी से कमाई करना चाहती है. इसके तहत कंपनी रेवेन्यू हासिल करने तथा सेवाओं में आगे और सुधार लाने के लिए अलग-अलग सरकारी और प्राइवेट कंपनियों जैसे टूर एवं ट्रैवल्स, होटल, फाइनेंस, इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों, इंश्योरेंस सेक्टर, हेल्थ सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, शिपिंग, एविएशन, बंदरगाह विकासकर्ताओं, कंटेनर परिचालकों, खनन, ऊर्जा कंपनियों आदि के साथ काम करेगी."
उल्लेखनीय है कि अभी तक प्राइवेट कंपनियों के अपने ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारी बाजार में बेचे जाने की ही ख़बरें आती थीं, मगर जब IRCTC द्वारा ग्राहकों के डेटा बेचे जाने की ख़बर आई तो लोगों को एक तरह से झटका लगा था. पर अब लगता है कि इस पर पूर्ण विराम लग चुका है.