आईटी उद्योग सालाना सेवा निर्यात बढ़ाकर 1 लाख करोड़ डॉलर करने में अहम भूमिका निभा सकता है: पीयूष गोयल
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत इस वर्ष 400 अरब डॉलर के अपने व्यापारिक निर्यात लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अग्रसर है, जबकि सेवा निर्यात करीब 240अरब डॉलर से 250अरब डॉलर होने की संभावना है, जो काफी कम है, लेकिन इसमें तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है और यह व्यापारिक निर्यात की रफ्तार पकड़ सकता है।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने भारत की शीर्ष आईटी कंपनियों के मार्गदर्शकों को आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार विकास में तेजी लाने के लिए इस क्षेत्र को पूर्ण समर्थन प्रदान करेगी और भारत के सेवा क्षेत्र के निर्यात को एक दशक के दौरान बढ़ाकर एक लाख करोड़ डॉलर करने में मदद करेगी।
गोयल ने कहा कि भारत इस वर्ष 400 अरब डॉलर के अपने व्यापारिक निर्यात लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में अग्रसर है, जबकि सेवा निर्यात करीब 240अरब डॉलर से 250अरब डॉलर होने की संभावना है, जो काफी कम है, लेकिन इसमें तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है और यह व्यापारिक निर्यात की रफ्तार पकड़ सकता है।
पीयूष गोयल ने कहा, "जब मैं इनकी वक्र रेखा को देखता हूं- व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि यह शीर्ष स्तर की ओर तेजी से बढ़ रही है। हम एक लाख करोड़ डॉलर का लक्ष्य रख सकते हैं। यही उद्देश्य व लक्ष्य होना चाहिए। आपको उसे हासिल करने के लिए बस थोड़ा-सा जोर लगाना है। अगर आप इससे अधिक तेज रफ्तार के साथ एक लाख करोड़ डॉलर के आंकड़े को पार करेंगे तो मुझे मुझे खुशी होगी।"
गोयल ने टियर-2 और टियर-3 के शहरों में आईटी हब शुरू करने के आईटी उद्योग के प्रस्ताव का स्वागत किया, जिससे अनेक नौकरियां पैदा होंगी और क्षेत्रों के विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आईटी उद्योग को कस्बों की पहचान करनी चाहिए और केंद्र उन्हें सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे तथा सुविधाएं प्रदान करने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि आईटी उद्योग नई प्रौद्योगिकी और उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करके सेवा निर्यात में बड़ा योगदान दे सकता है जो भारत को इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक बड़ी भूमिका में ला सकता है।
सप्ताह के आखिर में एक वर्चुअल बैठक के दौरान मंत्री ने आईटी उद्योग के नेताओं से कहा कि उन्हें उच्च प्रौद्योगिकी वाले उत्पादों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आईटी उद्योग ने अपने दम पर शानदार विकास दर्ज किया है और कई शीर्ष कंपनियां ऐसे समय में वृद्धि हासिल की हैं जब भारत ने स्टार्टअप के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर ध्यान नहीं दिया। गोयल ने कहा कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) आईटी उद्योग को तेजी से वृद्धि हासिल करने और भारत के सेवा निर्यात में योगदान करने में मदद करने के लिए आवश्यक कोई भी सहायता प्रदान करेगा।
वर्चुअल बैठक में
के अध्यक्ष देबजानी घोष, के सीईओ सलिल पारेख, के सीईओ और एमडी सी.पी. गुरनानी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी स्टार्टअप Fractal Analytics के सह-संस्थापक और सीईओ श्रीकांत वेलामकन्नी, के सीईओ नितिन राकेश, Wipro के अध्यक्ष ऋषद प्रेमजी, Genpact के सीईओ एन.वी. त्यागराजन, WNS Global Services के ग्रुप के सीईओ केशव आर मुरुगेश, के सीईओ हीराल चंद्रना और कृष्णन रामानुजम, अध्यक्ष और Tata Consultancy Services (TCS) में बिजनेस एंड टेक्नोलॉजी सर्विसेज के प्रमुख ने हिस्सा लिया।आईटी उद्योग के नेताओं ने कहा कि इस क्षेत्र में पिछले साल मजबूत वृद्धि देखी गई थी, और पिछले सप्ताह, कंपनियों की आय में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है जिससे आने वाले वर्षों के लिए सकारात्मक संकेत मिल रहा है।