अगर स्टेटिस्टिक्स और कंप्यूटर साइंस में है रूचि ! ये हैं आपके लिए बेहतर करियर ऑप्शन
अगर आपको स्टेटिस्टिक्स, मैथमेटिक्स और कंप्यूटर साइंस में रूचि है, तो आपके लिए नौकरियों की कमी नहीं है. डाटा साइंस की फील्ड में आप अपना अच्छा करियर बना सकते हैं.
12वीं के बाद हम अक्सर ये सोचकर परेशान होते हैं, कि अब इसके बाद क्या करें, आगे की पढाई के लिए किस फील्ड का चुनाव करें? ये फैसला आपकी आने वाली ज़िन्दगी में बहुत एहमियत रखता है, क्योंकि इसी फैसले से इस बात का निर्णय होता है कि आपको आगे कौनसी पढाई करनी होगी, आपकी नौकरी कैसी होगी?
10वीं की स्टेटिस्टिक्स में मीन, मीडियन, मोड और स्टैण्डर्ड डेविएशन पढ़ते समय नहीं पता था, कि दसवीं का ये ज्ञान हमारे करियर को बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. अगर आपको स्टेटिस्टिक्स, मैथमेटिक्स और कंप्यूटर साइंस में रूचि है, तो आपके लिए नौकरियों की कमी नहीं है. डाटा साइंस की फील्ड में आप अपना अच्छा करियर बना सकते हैं.
क्या है डाटा साइंस
डाटा साइंस वो फील्ड है जिसमें स्टेटिस्टिक्स, मैथमेटिक्स, कंप्यूटिंग लैंग्वेज, बिजनेस की समझ का इस्तेमाल कर बहुत बड़े डाटा से वैल्यूज निकालते हैं, जिससे बिजनेस में फैसले लेना आसान हो जाता है. बिजनेस में जो फैसला डाटा की सही एनालिसिस के बाद लिया जाता है, उसके परिमाण अक्सर अच्छे होते हैं. हर कंपनी अपने प्रोडक्ट या बिजनेस को शुरू करने से पहले मार्केट को समझने की कोशिश करती है.मार्केट को समझने के लिए आपको मार्केट का डाटा कलेक्ट कर उसकी एनालिसिस करनी पड़ती है, जिससे आप समझ सकें कि आपका बिजनेस लोगों के लिए कितना उपयोगी होगा.इस कार्य को करने वाले महारथियों को ‘डाटा साइंटिस्ट’ कहते हैं. जितना सही डाटा कलेक्शन होगा, उतनी अच्छी मार्केट एनालिसिस होगी और उतना सक्सेसफुल आपका बिजनेस होगा.
12वीं के बाद क्या करें
12वीं के बाद डाटा साइंस की पढाई करने के बहुत सारे तरीके हैं. अपनी रूचि के अनुसार आप कोर्स कर सकते हैं. हर सेक्टर में जाने के लिए आप सेक्टर के अनुरूप कोर्स कर सकते हैं. जैसे अगर आप प्रोडक्ट या सर्विसेज सेक्टर में जाना चाहते हैं, तो आपको कोर्स में कंप्यूटिंग, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के साथ-साथ उस सेक्टर के बारे में भी बताया जाएगा. कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है, जिसमें आपको बेसिक कंप्यूटिंग लैंग्वेज की जानकारी के साथ-साथ कोडिंग की जानकारी भी मिल जाती है और उसके बाद आप कोई भी इंडस्ट्री ओरिएंटेड डाटा साइंस का कोर्स कर सकते हैं.
बात चाहे भारत की करें या अन्य देशों की हर दिन नए-नए प्रोडक्ट्स और बिजनेस की लॉन्चिंग होती है.कोई भी बिजनेस या प्रोडक्ट की शुरुआत बिना मार्केट को समझे नहीं हो सकती. इस समझ के लिए हर कंपनी को डाटा साइंटिस्ट की जरुरत पड़ती है. डाटा इंडस्ट्री में स्कोप हर दिन तेजी से बढ़ रहा है.
कोर्स में क्या पढ़ाया जाएगा
डाटा साइंस में आप आपना करियर बनाने के लिए अलग-अलग कोर्स कर सकते हैं. आपको कोर्स के दौरान स्टेटिस्टिक्स,कंप्यूटिंग लैंग्वेज,बिजनेस से जुडी बारीकियों के बारे में पढाया जाता हैं. डाटा को सही से समझकर कैसे आप फैसला लें, जो भविष्य में सही साबित हो इसकी ट्रेनिंग दी जाती है. इसके साथ-साथ प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए इंडस्ट्री विजिट्स भी कराई जाती हैं. एक डाटा साइंटिस्ट को डाटा को फ़िल्टर करना और उसका सही इंटरप्रिटेशन करना अच्छे से आना चाहिए और कोर्स के दौरान इस बात का खासा ध्यान रखा जाता है. हर सेक्टर के अपने कोर्स होते हैं, जिसमें सेक्टर के अनुकूल पढाया जाता है.
कोर्स की फ़ीस है बेहद कम
अगर आप ये सोचकर परेशान हैं कि इन कोर्स की फ़ीस बहुत ज्यादा होगी, तो ये गलत है. आपको बता दें कि आप 25 हज़ार से 50 हज़ार रुपए में कोर्स कर सकते हैं, जो अलग-अलग संस्थान में अलग-अलग है. अगर आप इंजीनियरिंग करते हैं तो उसकी फीस संस्थान के अनुरूप होगी.
कहां मिलेगी नौकरी
डाटा साइंस की पढाई करने के बाद पहले तो आप किसी कंपनी में इंटर्नशिप करलें, जिससे डाटा साइंस के प्रैक्टिकल एप्लीकेशन को अच्छे से समझ सकें.जब आपकी इंटर्नशिप पूरी हो जाए तो आप अलग-अलग कंपनियों में नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं. हर कंपनी चाहे वो स्टार्टअप हो या मल्टी नेशनल कंपनी हो सभी में आप डाटा एनालिस्ट की पोस्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं. एनालिस्ट के तौर पर कार्य करने के बाद आप सीनियर डाटा एनालिस्ट, कंसलटेंट और डाटा साइंटिस्ट के पद के लिए भी आवेदन कर ते हैं.
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