कामत, सोमानी, अर्जुन के व्हाट्सऐप ने करोड़ो लोगों की मुश्किल कर दी आसान
कर्नाटक के डॉ. पद्मनाभ कामत, गुरुग्राम के 12वीं के छात्र अर्जुन अग्रवाल, केयरडोज के फाउंडर श्रीवत्स सोमानी जैसे जागरूक लोगों ने आधुनिक मोबाइल टेक्नोलॉजी के जरिये करोड़ों लोगों की बड़ी मुश्किलें आसान कर दी हैं। ह्वाट्सऐप के जरिए डॉ. कामत हृदय रोगियों को दे रहे हैं हर तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं।
कोई भी नया आविष्कार कुछ लोगों के लिए खेल-खिलंदड़ी का जरिया बनकर रह जाता है लेकिन क्रिएटिव लोग उसी तकनीक को सामाजिक हितों से जोड़ देते हैं। आधुनिक टेक्नोलॉजी में ह्वाट्सऐप एक ऐसा ही तकनीकी संसाधन बन चुका है, जिसके माध्यम से कर्नाटक के डॉ. पद्मनाभ कामत, केयरडोज के फाउंडर श्रीवत्स सोमानी, गुरुग्राम के 12वीं के छात्र अर्जुन अग्रवाल ने करोड़ों लोगों की बड़ी-बड़ी मुश्किलें आसान कर दी हैं। आइए, सबसे पहले मेधावी अर्जुन के ही ह्वाट्सऐप 'उधार खाता' से वाकिफ़ हो लेते हैं, जिनकी कोशिश से अब करोड़ों दुकानदारों की उधारी डूबने से बच जाएगी। हमारे देश में करीब 1.5 करोड़ छोटी दुकानदार हैं, जो ग्राहकों को हर माह पांच-दस हजार के सामान उधार दे देते हैं।
आमतौर से दुकानदारों के इस लेन-देन में कइयों की उधारी लंबे समय तक तकादे में रहने के साथ ही कइयों की डूब भी जाती है। अर्जुन ने 'उधार खाता' मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से इसी दिक्कत से दुकानदारों को बचाने का उपाय किया है। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें अपनी शॉप या फर्म का नाम रजिस्टर कर उधारी वाले ग्राहक का नाम, मोबाइल नंबर फीड करना होगा। साथ में सामानों की सूची भी जोड़ी जा सकती है। इसमें कभी भी बदलाव किया जा सकता है।
ग्राहक को उधारी रिमाइंड करने के लिए एप्लीकेशन में मैसेज की सुविधा है। एक क्लिक से बकाया राशि ग्राहक के मोबाइल नंबर पर भेजी जा सकती है। हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में उपलब्ध एवं गूगल प्ले पर उपलब्ध इस ऐप को अब तक नौ हजार से अधिक लोग डाउनलोड कर चुके हैं।
इसी तरह कर्नाटक के डॉ पद्मनाभ कामत के विगत पांच वर्षों से एक्टिव व्हाट्सअप ग्रुप्स 'कार्डियोलॉजी एट डोरस्टेप' से लगभग 800 डॉक्टर जुड़े हुए हैं, जिनके माध्यम से खासकर गांवों के हृदय रोगियों का समय से इलाज संभव हो रहा है। ग्रामीण डॉक्टर्स द्वारा ग्रुप में सुझाव के लिए पोस्ट इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) पढ़ने में मदद के अलावा पीड़ित के नजदीकी छोटे अस्पतालों, हेल्थ सेंटरों के डॉक्टरों को रेफर करने में भी ये ऐप सहयोग करता है। इसकी मदद से अब तक लगभग 1400 हृदय रोगियों का ऐन वक़्त पर इलाज संभव हो सका है।
ग्रुप में पोस्ट होने वाले किसी भी ईसीजी पर तुरंत एक्शन होता है। उसे आर्काइव कर लिया जाता है। हालत कंट्रोल में न होने पर डॉक्टर को व्हाट्सअप के साथ-साथ फ़ोन भी कर दिया जाता है।
इतना ही नहीं, इस ग्रुप ने पैसे जोड़-जुटाकर स्वास्थ्य केंद्रों पर 200 ईसीजी मशीनें भी लगवाने के साथ ही एक हजार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को दवाओं के साथ इमरजेंसी हार्ट अटैक किट्स भी उपलब्ध कराए हैं। इस समय ये ह्वाट्सऐप ग्रुप कर्नाटक के 14 जिलों में अपनी सर्विस दे रहे हैं। डॉ कामत अब अपनी इस ह्वाट्सऐप ग्रुप सेवा का देश के अन्य प्रदेशों में विस्तार करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने केरल के स्वास्थ्य केन्द्रों को भी एक दर्जन ईसीजी मशीनें दी की हैं।
एक और नए स्टार्टअप 'केयरडोज' ने लोगों को घर बैठे उचित मूल्य पर, डिस्काउंट के साथ दवाएं उपलब्ध कराने की पहल की है। केयरडोज के फाउंडर श्रीवत्स सोमानी दवा लेने के तौर-तरीकों में बदलाव को लेकर लोगों के बीच जागरूकता भी फैला रहे हैं। केयरडोज का एक मोबाइल ऐप भी है, जो मरीजों को दवा लेने के तौर-तरीके भी सिखाता है।